नालंदा: बिहार चिकित्सा कर्मचारी संघ इंटक के आह्वान पर 102 एंबुलेंस कर्मचारी संघ नालंदा ने सिविल सर्जन कार्यालय का घेराव किया. इस दौरान उन्होंने अपनी लंबित मांगों को लेकर विरोध दर्ज कराया. इस दौरान कर्मचारियों ने कहा कि अपनी मांगों को लेकर वे लंबे समय से आवाज उठा रहे है. बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने कोरोनाकाल में कामकाज ठप करने की चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा कि मांगों को 14 सितंबर तक पूरा नहीं किया जाता है तो वे लोग अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. जिसकी सारी जवाबदेही स्वास्थ विभाग की होगी.
ये हैं एंबुलेंसकर्मियों की मांगें
एंबुलेंस चालकों ने कहा कि उनलोगों की आठ सूत्री मांग है. जिसमें वार्षिक 2000 रुपये वेतन में बढ़ोतरी करने, कई समझौतों का कार्यान्वयन के लिए पीडीपीएल प्रबंधन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई, नाजायज वेतन की कटौती को रोककर श्रम कानून लागू करने, नियमानुसार एंबुलेंस कर्मियों को बोनस का भुगतान करने के अलावा कोरोनाकाल के दौरान 102 एंबुलेंस कर्मियों का प्रोत्साहन राशि और अल्पाहार की राशि को देने के साथ-साथ 102 एंबुलेंस कर्मियों का कार्यकाल 60 वर्षों तक करने एवं सेवानिवृत्ति का प्रावधान करने, पीडीपीएल प्रबंधन पर श्रम विरोधी कानूनी कार्रवाई करने, भविष्य निधि के अंतर्गत वेतन से अंशदान की कटौती प्रबंधन द्वारा जमा राशि का पारदर्शिता की मांग शामिल है.