नालंदा: हाल ही में रिलीज हुई फिल्म 'छपाक' से एसिड अटैक का दंश झेल चुकी लक्ष्मी अग्रवाल की तरह ही बिहारशरीफ की गुड़िया देवी की भी कहानी काफी दर्दनाक है. गुड़िया का दर्द लक्ष्मी अग्रवाल की पीड़ा से एक मायने में बड़ा है. क्योंकि उस पर तेजाब फेंकने वाला कोई और नहीं बल्कि उसका पति ही था.
गुड़िया को ईश्वर ने खूबसूरत बनाकर भेजा था. यही सूरत उसकी दुश्मन बन गई. पति ने तेजाब से उसका चेहरा सिर्फ इसलिए जला दिया, ताकि नाते-रिश्तेदार और आस-पड़ोस के लोग उसकी सुंदरता की तारीफ न कर सकें. इस घटना ने एक महिला के खूबसूरत लगने का अधिकार हमेशा के लिए छीन लिया. लेकिन उसके मन की खूबसूरती बरकरार रही. घटना 7 जून 2012 की है.
पति ने पत्नी के ऊपर फेंका तेजाब
बताया जाता है कि बिहारशरीफ के फतेहली गांव निवासी गुड़िया देवी की शादी अम्बेर निवासी ऑटो चालक कारू प्रसाद के साथ हुई थी. कारू को नशे की आदत थी और वो अपनी कमाई को शराब में उड़ा देता था. इसी बीच जब घर चलाने के लिए खर्च की बात गुड़िया देवी की तरफ से कही जाती थी, तब दोनों में विवाद हो जाता था. इस बाबत गुड़िया देवी ने घरों में चौका बर्तन करने का काम शुरू किया. देखने में काफी खूबसूरत गुड़िया देवी के बारे में जब लोगों की तरफ से पति के सामने तारीफ होती थी, तब पति गुस्से में आ जाता था.
इसी कारण कारू ने 7 जून 2012 को घर में पत्नी गुड़िया देवी के चेहरे पर तेजाब फेंक दिया. इस घटना में उसकी एक छोटी बेटी के पैर भी तेज़ाब में झुलस गए. इस घटना के बाद महिला का इलाज हुआ, जिसमें उसकी जान तो बच गयी, लेकिन उसकी सुंदरता चली गयी, उसका चेहरा पूरी तरह झुलस गया. एक आंख भी चली गयी. कान से भी दिक्कत हो गई.
मदद करेगी सरकार
पुलिस ने आरोपी कारू को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन करीब 2 साल तक जेल में रह रहे कारू की गरीबी के कारण गुड़िया देवी ने समझौता कर लिया, जिससे पति को बेल मिल गया.
इस हादसे के बाद गुड़िया देवी दो बेटों और दो बेटी की खुद परवरिश कर रही है. घटना के 8 साल बीत गए, लेकिन अब तक गुड़िया को कोई मुआवजा नहीं मिल सका है. वहीं, गुड़िया को उम्मीद है कि सरकार और प्रशासन उसकी मदद करेगी.