नालंदा: पावापुरी मेडिकल कॉलेज से बेहद ही चौंकाने वाला मामला सामने आया है. यहां बेड पर एक शव 8 घंटे से पड़ा हुआ है, तो दूसरी तरफ एक बुजुर्ग के साथ जो हुआ, वो हेल्थ सिस्टम पर सावलिया निशान खड़े कर रहा है.
कोरोना महामारी के इस दौर में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है. ऐसा हम नहीं कह रहे. हर रोज आ रही तस्वीरें बयां कर रही हैं. अब नालंदा के पावापुरी मेडिकल कॉलेज से भी ऐसी ही दो तस्वीरें सामने आई हैं.
8 घंटे से बेड पर डेड बॉडी
पहली तस्वीर में एक महिला का शव 8 घंटे से बेड पर पड़ा हुआ है. उसे उठाने वाला कोई नहीं है. मरीज के परिजनों ने तस्वीरें मीडिया को भेजते हुए मामले की जानकारी दी है.
मृत शरीर पर लगा दिया ऑक्सीजन मास्क
दूसरी तस्वीर उसी मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आए एक बुजुर्ग की है. जानकारी मुताबिक, पहले तो बुजुर्ग का इलाज करने के लिए कोई भी स्वास्थ्य कर्मी मौके पर नहीं पहुंचा. लेकिन जब उसने दम तोड़ दिया तो अस्पताल के स्टाफ ने एक अन्य मरीज के ऑक्सीजन मास्क उतार के इस बुजुर्ग की डेड बॉडी पर लगा दिया. अब जिस मरीज का ऑक्सीजन मास्क हटाया गया था. उसे काफी परेशानी का सामना करना पड़ा.
एक वीडियो के मुताबिक यहां स्वास्थ्य कर्मी मौजूद ही नहीं हैं. मरीज के परिजन खुद ही उन्हें एक वार्ड से दूसरे वार्ड पर शिफ्ट कर रहे हैं. स्ट्रेचर टूटे हुए हैं.
पावापुरी मेडिकल कॉलेज का निर्माण स्वास्थ सेवा को बेहतर बनाने के लिए किया गया. अरबो खर्च कर बनाया गया ये मेडिकल कॉलेज स्वास्थ सेवा के नाम पर एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से ज्यादा कुछ नहीं है. ऐसे में सूबे के की स्वास्थ्य व्यवस्था पर एक और स्याह कलंक ये अस्पताल साबित होते दिखाई दे रहा है.