मुजफ्फरपुर: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट वाले शहरों की लिस्ट में मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) का नाम आया तो लोगों को उम्मीद जगी कि शायद अब उनकी समस्याओं का समाधान हो पाए, लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं हुआ. नतीजा हर बारिश की तरह इस साल भी शहर के लोग जलजमाव (Water Logging in Muzaffarpur) की समस्या से दो चार हो रहे हैं. कल्याणी चौक से लेकर मोतीझील तक हर जगह पानी ही पानी है.
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बिना बाढ़ के ही शहर में बाढ़ सा नजारा दिख रहा है. ऐसा लग रहा है कि बारिश के पानी में शहर तैर रहा है. घर से लेकर दुकानों में पानी प्रवेश कर गया है. कई इलाके ऐसे हैं जहां कमर तक पानी भरा है. महिलाएं और बच्चे घरों में कैद हो गए हैं. गंदा पानी घर में भरने से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. लोगों को सब्जी और दूध जैसे जरूरी सामान लाने के लिए पानी के बीच से गुजरकर जाना पड़ रहा है.
स्थानीय लोगों के अनुसार जलजमाव की समस्या नालों की सही से सफाई नहीं होने के चलते पैदा हुई है. बारिश का पानी नहीं निकल पा रहा है. घरों में सांप, बिच्छू और अन्य खतरनाक कीड़े घूम रहे हैं. प्रेम गुप्ता ने बताया कि बीबीगंज के आनंदपुरी मोहल्ले में जलजमाव की परेशानी पिछले कई सालों से है. इस बार सड़क पर कमर तक पानी भर गया है. घरों के भीतर 2 फीट तक पानी पहुंच गया है. कई लोग अपने-अपने गांव की ओर पलायन कर रहे हैं.
बता दें कि शहर की सड़कों और गली-मोहल्लों में लंबे समय से जमा पानी अब सड़ कर दुर्गंध देने लगा है. रोज 50 हजार रुपए से ज्यादा का डीजल पानी निकालने के नाम पर फूंका जा रहा है. इसके बाद भी लोगों को जलजमाव से राहत नहीं मिल रही है. शहर से पानी निकालने के लिए 34 मोटर पंप चलाया जा रहा है. इस पर 500 से 550 लीटर डीजल रोज फूंका जा रहा है. कई गलियां तो ऐसी हैं जहां 15-20 दिन से जलजमाव है.
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