मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में ऑपरेशन के नाम पर एक महिला की किडनी (Both Kidney Of Woman Removed In Muzaffarpur) निकालने का मामला सामने आया था, जिसके बाद हड़कंप मच गया कि झोलाछाप डॉक्टर ने इस कांड को अंजाम दिया है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने जांच पड़ताल की. पुलिस ने परिजनों के बयान पर मामला भी दर्ज कर लिया लेकिन अब तक आरोपी डॉक्टर पुलिस की गिरफ्त से दूर है. स्थानीय सूत्रों की माने तो डॉक्टर के विदेश भाग जाने की भी चर्चा है, हालांकि इसकी पुष्टि अधिकारिक नहीं हुई है कि डॉक्टर की गिरफ्तारी विदेश भागने की वजह से नहीं हुई है. वहीं पीड़िता सुनीता (Victim Sunita waiting for kidney transplant) तकरीबन दो महिने से किडनी के इंतजार में जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रही है.
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पुलिस की कार्यशैली पर सवाल ः किडनी कांड के आरोपी डॉक्टर का अब तक पुलिस की गिरफ्त से दूर होना पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं लोग तरह-तरह की चर्चाएं भी कर रहे हैं. दूसरी ओर घटना के बाद से लगातार अस्पताल में इलाज करवा रही पीड़िता और उसके परिजन कुछ अच्छा हो जाने की राह देख रहे हैं लेकिन अब तक ना तो सरकार की तरफ से और ना ही किसी सामाजिक संस्था की तरफ से महिला को जीवन दान स्वरूप किडनी उपलब्ध करवाया गया है. परिवार के भरण पोषण के लिए मुआवजा राशि दी गई है.
मुआवजे की उम्मीद लगाए परिजनः पीड़ित सुनीता का कहना है कि जिस डॉक्टर ने उसकी किडनी निकाला है उसे पुलिस और प्रशासन गिरफ्तार करे और उसी का किडनी हमको लगा दे. हम सभी गरीब हैं इसलिए ना तो सरकार सुनती है और ना ही कोई अधिकारी. सभी लोग यही सोचते हैं कि गरीब है समय गुजरेगा खुद थक हार के बैठ जाएगा लेकिन सरकार को किडनी और कुछ मुआवजे का उपाय करना होगा. वहीं, दूसरी ओर सुनीता के परिजन भी किडनी लगाने और मुआवजे को लेकर उम्मीद लगाए बैठे हैं ताकि परिवार का भरण पोषण सही से हो सके और सुनीता को बचाया जा सके.
"जिस डॉक्टर ने उसकी किडनी निकाला है उसे पुलिस और प्रशासन गिरफ्तार करे और उसी का किडनी हमको लगा दे. हम सभी गरीब हैं इसलिए ना तो सरकार सुनती है और ना ही कोई अधिकारी. सभी लोग यही सोचते हैं कि गरीब है समय गुजरेगा खुद थक हार के बैठ जाएगा लेकिन सरकार को किडनी और कुछ मुआवजे का उपाय करना होगा"- सुनीता, पीड़िता
भेजा गया था आईजीआईएमएस ः एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ बीएस झा की मानें तो शुरू में भी एसकेएमसीएच में इलाज हुआ था उसके बाद आईजीआईएमएस भेजा गया था, जहां से इलाज के बाद दोबारा वापस एसकेएमसीएच सुनीता को भेज दिया गया है. डॉक्टर पल-पल निगरानी कर रहे हैं किडनी नहीं होने के कारण अगर मरीज को 1 दिन के लिए डायलिसिस नहीं हो तो उसकी जिंदगी समाप्त हो सकती है. इसको लेकर लगातार रिपोर्ट लिया जाता है. सरकार को भेजा भी जाता है उम्मीद है जैसे ही किडनी का उपाय हो जाएगा वैसे ही ट्रांसप्लांट कर दिया जाएगा.
"डॉक्टर पूरी निगरानी कर रहे हैं किडनी नहीं होने के कारण अगर मरीज को 1 दिन के लिए डायलिसिस नहीं हो तो उसकी जिंदगी समाप्त हो सकती है. इसको लेकर लगातार रिपोर्ट लिया जाता है. सरकार को भेजा भी जाता है उम्मीद है जैसे ही किडनी का उपाय हो जाएगा वैसे ही ट्रांसप्लांट कर दिया जाएगा"- डॉ बीएस झा, अधीक्षक, एसकेएमसीएच
महज इलाज के सहारे जी रही सुनीताः अब सवाल उठता है कि आखिर महीनों बीतने के बाद भी ना तो शासन-प्रशासन आरोपित डॉक्टर को पकड़ सका और ना ही पीड़िता के लिए कुछ उपाय कर सका. बिना ट्रांसप्लांट किए महज इलाज के सहारे पीड़िता सुनीता (Sunita needs kidney donor) की समस्या क्या दूर हो जाएगी. सुनीता का और कितना समय अस्पताल के अंदर बीतेगा यह तो वक्त बताएगा. फिलहाल प्रशासन से उम्मीद की आस ना तो सुनीता ने छोड़ी है और ना ही उसके परिजनों ने. सुनीता को जिंदा रहने के लिए किडनी की जरूरत है, ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि सुनीता को किडनी देगा कौन. परिजन सरकार से किडनी डोनर की व्यवस्था करने की मांग कर रहे हैं.
निकाली गई थी महिला की दोनों किडनी: आपको बता दें कि मुजफ्फरपुर के बरियारपुर बाजी गांव में युटेरस का ऑपरेशन कराने गई सुनीता की प्राइवेट हॉस्पिटल में दोनों किडनी निकाल ली गई थी. सुनीता मुजफ्फरपुर के शुभ कांत क्लीनिक में पेट दर्द की शिकायत लेकर पहुंची थी जहां डॉक्टरों ने कहा कि उसका यूट्रस खराब हो गया है और ऑपरेशन करना है. परिवार वालों ने उसे भर्ती करा दिया. ऑपरेशन के बाद महिला की तबीयत और अधिक बिगड़ गई. स्वास्थ्य बिगड़ने पर महिला को जब पीएमसीएच परिजन लेकर पहुंचे तो जांच में पता चला कि उसकी एक भी किडनी नहीं है. इसके बाद परिजनों ने सुनीता को मुजफ्फरपुर में ले जाकर एसकेएमसीएच में एडमिट कराया, फिर एसकेएमसीएच से बेहतर इलाज के लिए उसे आईजीआईएमएस में रेफर कर दिया गया था. सुनीता कुछ समय आईजीआईएमएस में डायलिसिस पर रही अब उसे दोबारा एसकेएमसीएच भेज दिया गया है, जहां वो किडनी मिलने का इंतजार कर रही है.