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बाढ़ के बाद अब बारिश ने किसानों को रुलाया, हजारों एकड़ में लगी सब्जी की खेती बर्बाद - कांटी प्रखंड

बिहार के मुजफ्फरपुर में पहले बाढ़ और अब भारी बारिश की वजह किसान तबाह हो गए हैं. खेतों में जलजमाव की वजह से सब्जियों की खेती पूरी तरह से नष्ट हो गई है. किसानों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है. पढ़ें पूरी खबर..

Rain in Muzaffarpur
Rain in Muzaffarpur
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Published : Sep 21, 2021, 3:39 PM IST

मुजफ्फरपुर: सूबे का मुजफ्फरपुर सब्जी उत्पादन के लिए जाना जाता है. मीनापुर, मोतीपुर और कांटी प्रखंड (Kanti Block) जिले के प्रमुख सब्जी उत्पादक इलाके हैं. लेकिन इस बार लगातार हुई भारी बारिश (Rain in Muzaffarpur) से इस इलाके में होने वाली सब्जियों की खेती पूरी तरह बर्बादी (Farming In Muzaffarpur) की भेंट चढ़ गई है.

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर: बाढ़ की वजह से किसानों की टूटी कमर, सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद

भारी बारिश की वजह से इन इलाकों में हुए जलजमाव की वजह से हजारों एकड़ में लगी नेनुआ, करेला, भिन्डी, खीरा, कद्दू, मूली, परवल, बिन्स,बोरो और झिंगनी की फसल पूरी तरह तबाह हो गई है. खेतों में जलजमाव की स्थिति ऐसी है कि अभी एक महीने तक इन इलाकों में सब्जी की खेती होना संभव भी नहीं है. जिससे किसानों की मुसीबत दोगुनी हो गई है.

देखें वीडियो

ऐसे में मुजफ्फरपुर के इन प्रखंडों के हजारों सब्जी उत्पादक किसान फिलहाल अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. सबसे खराब स्थिति लीज पर दूसरों की जमीन लेकर खेती करने वाले किसान की है. जिनकी पूरी सब्जी की खेती बारिश की भेंट चढ़ गई है.

"जितनी भी खेती की थी सब पानी में बह गया. नुकसान कितना हुआ कह पाना मुश्किल है लेकिन 50 हजार का नुकसान हुआ है. कोई मदद अब तक नहीं मिली है."- बैजुलाल महतो, किसान ,बहादुरपुर, मीनापुर

वहीं जलजमाव की वजह से जमीन भी ऐसी नहीं है कि उसमें खेती की जा सके. ऐसे में जिस जमीन को उन्होंने पट्टे पर ले रखा है, उसका पैसा कैसे चुकाए उसकी चिंता किसानों को खाये जा रही है. वहीं कई किसान ऐसे भी हैं जिनकी सारी जमा पूंजी खत्म हो चुकी है. ऐसे में उन किसानों के सामने भुखमरी वाली स्थिति है.

"किसानों को तीन-तीन बार नुकसान झेलना पड़ा. पूरा खेत पानी में डूब गया. किसानों ने जो पूंजी लगाई थी वो भी वापस नहीं आ सका. किसान भुखमरी के कगार पर है."- उमेश साहनी, किसान,गोसाई टोला,कांटी

हालांकि शुरुआत में मुजफ्फरपुर जिले में अच्छी बारिश हुई और इसी उम्मीद में किसानों ने कुछ ज्यादा ही सब्जियों की खेती की थी. लेकिन जैसे जैसे मौसम में बदलाव आया, बारिश ज्यादा होने लगी. जिससे हजारों एकड़ में लगी सब्जियों की खेती पूरी तरह बर्बाद हो गई. जिन किसानों की सब्जियो के खेत बचे खुचे थे, वह भी अगस्त और सितंबर में हुए मूसलाधार बारिश से खत्म हो गए. किसानों की सारी फसलें नष्ट हो गई हैं और अब किसान सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

बता दें कि जिले के ऊंचे जमीनी हिस्से में लगी 85 फीसदी से अधिक सब्जियों की खेती को पानी से नुकसान हुआ है. इस कारण सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं. कांटी के सबसे बड़े सब्जी उत्पादक इलाके के रूप में मशहूर गोसाईपुर में बारिश से सबसे अधिक सब्जियों की खेती प्रभावित हुई है.

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर: भारी बारिश के कारण टेंगराहा पथ का डायवर्सन बहा, आवागमन बाधित

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर: लगातार हो रही बारिश से जलमग्न हुआ शहर, नदियों के जलस्तर में भी बढ़ोतरी

मुजफ्फरपुर: सूबे का मुजफ्फरपुर सब्जी उत्पादन के लिए जाना जाता है. मीनापुर, मोतीपुर और कांटी प्रखंड (Kanti Block) जिले के प्रमुख सब्जी उत्पादक इलाके हैं. लेकिन इस बार लगातार हुई भारी बारिश (Rain in Muzaffarpur) से इस इलाके में होने वाली सब्जियों की खेती पूरी तरह बर्बादी (Farming In Muzaffarpur) की भेंट चढ़ गई है.

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर: बाढ़ की वजह से किसानों की टूटी कमर, सैकड़ों एकड़ में लगी फसल बर्बाद

भारी बारिश की वजह से इन इलाकों में हुए जलजमाव की वजह से हजारों एकड़ में लगी नेनुआ, करेला, भिन्डी, खीरा, कद्दू, मूली, परवल, बिन्स,बोरो और झिंगनी की फसल पूरी तरह तबाह हो गई है. खेतों में जलजमाव की स्थिति ऐसी है कि अभी एक महीने तक इन इलाकों में सब्जी की खेती होना संभव भी नहीं है. जिससे किसानों की मुसीबत दोगुनी हो गई है.

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ऐसे में मुजफ्फरपुर के इन प्रखंडों के हजारों सब्जी उत्पादक किसान फिलहाल अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं. सबसे खराब स्थिति लीज पर दूसरों की जमीन लेकर खेती करने वाले किसान की है. जिनकी पूरी सब्जी की खेती बारिश की भेंट चढ़ गई है.

"जितनी भी खेती की थी सब पानी में बह गया. नुकसान कितना हुआ कह पाना मुश्किल है लेकिन 50 हजार का नुकसान हुआ है. कोई मदद अब तक नहीं मिली है."- बैजुलाल महतो, किसान ,बहादुरपुर, मीनापुर

वहीं जलजमाव की वजह से जमीन भी ऐसी नहीं है कि उसमें खेती की जा सके. ऐसे में जिस जमीन को उन्होंने पट्टे पर ले रखा है, उसका पैसा कैसे चुकाए उसकी चिंता किसानों को खाये जा रही है. वहीं कई किसान ऐसे भी हैं जिनकी सारी जमा पूंजी खत्म हो चुकी है. ऐसे में उन किसानों के सामने भुखमरी वाली स्थिति है.

"किसानों को तीन-तीन बार नुकसान झेलना पड़ा. पूरा खेत पानी में डूब गया. किसानों ने जो पूंजी लगाई थी वो भी वापस नहीं आ सका. किसान भुखमरी के कगार पर है."- उमेश साहनी, किसान,गोसाई टोला,कांटी

हालांकि शुरुआत में मुजफ्फरपुर जिले में अच्छी बारिश हुई और इसी उम्मीद में किसानों ने कुछ ज्यादा ही सब्जियों की खेती की थी. लेकिन जैसे जैसे मौसम में बदलाव आया, बारिश ज्यादा होने लगी. जिससे हजारों एकड़ में लगी सब्जियों की खेती पूरी तरह बर्बाद हो गई. जिन किसानों की सब्जियो के खेत बचे खुचे थे, वह भी अगस्त और सितंबर में हुए मूसलाधार बारिश से खत्म हो गए. किसानों की सारी फसलें नष्ट हो गई हैं और अब किसान सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

बता दें कि जिले के ऊंचे जमीनी हिस्से में लगी 85 फीसदी से अधिक सब्जियों की खेती को पानी से नुकसान हुआ है. इस कारण सब्जियों की खेती करने वाले किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं. कांटी के सबसे बड़े सब्जी उत्पादक इलाके के रूप में मशहूर गोसाईपुर में बारिश से सबसे अधिक सब्जियों की खेती प्रभावित हुई है.

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