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मध्यस्थता का महत्व समझाने के लिए मुजफ्फरपुर कोर्ट परिसर में कार्यशाला आयोजित - meeting in muzzaffarpur court

मुजफ्फरपुर कोर्ट परिसर में मध्यस्थता विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें पटना हाईकोर्ट के जज मौजूद रहे. उन्होंने वकीलों को कहा कि गरालू विवाद की केस को आपस में सुलझाकर मामला खत्म कर देना चाहिए.

कोर्ट परिसर में मध्यस्थता विषय पर कार्यशाला
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Published : Apr 9, 2019, 7:30 AM IST

मुजफ्फरपुर: न्यायालय में लगातार बढ़ते हुए केस के बोझ को कम करने के लिए मुजफ्फरपुर कोर्ट परिसर में मध्यस्थता के लेकर विशेष कार्यशाला आयोजित की गई. इस बैठक में पटना हाईकोर्ट के जज ने मध्यस्थता के महत्व से वकीलों को अवगत कराया.

कोर्ट परिसर स्थित एडवोकेट्स एसोसिएशन भवन में मध्यस्थता विषय पर पटना हाईकोर्ट के न्यायधीश अनिल कुमार उपाध्याय ने मध्यस्थता की. वहीं वकीलों को अवगत कराया कि घरेलू मामलों पर पहले मध्यस्थता करने की कोशिश करें.

कोर्ट परिसर में मध्यस्थता विषय पर कार्यशाला


घरेलू मामलों में मध्यस्थता आवश्यक
जज अनिल उपाध्याय ने कहा कि दहेज उत्पीड़न के केस में पति के अलावा ससुराल पक्ष के अधिकांश लोगों को आरोपी बना दिया जाता है. यह सही नहीं है. इससे निर्दोष लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है. उन्होंने वकीलों को समझाया कि जमीन विवाद पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहता है और अंत में दोनों पक्ष मध्यस्था के लिए राजी होते हैं. वहीं दहेज व घरेलू विवाद के केस को भी मध्यस्था के माध्यम से सुलझाया जा सकता है. इसमें निजी हितों से ऊपर उठकर वकीलों को मध्य स्तर पर जोड़ देना चाहिए.


दोनों पक्षों को समझा कर केस खत्म करें
वहीं अगर वकील कुछ मामलों में दोनों पक्षों को आपसी समझौता करा कर मामले को रफा-दफा कर देना चाहिए. इससे लोगों में एक-दूसरे के लिए तकरार कम होगी. साथ ही कोर्ट में केस का बोझ भी कम आएगा.

मुजफ्फरपुर: न्यायालय में लगातार बढ़ते हुए केस के बोझ को कम करने के लिए मुजफ्फरपुर कोर्ट परिसर में मध्यस्थता के लेकर विशेष कार्यशाला आयोजित की गई. इस बैठक में पटना हाईकोर्ट के जज ने मध्यस्थता के महत्व से वकीलों को अवगत कराया.

कोर्ट परिसर स्थित एडवोकेट्स एसोसिएशन भवन में मध्यस्थता विषय पर पटना हाईकोर्ट के न्यायधीश अनिल कुमार उपाध्याय ने मध्यस्थता की. वहीं वकीलों को अवगत कराया कि घरेलू मामलों पर पहले मध्यस्थता करने की कोशिश करें.

कोर्ट परिसर में मध्यस्थता विषय पर कार्यशाला


घरेलू मामलों में मध्यस्थता आवश्यक
जज अनिल उपाध्याय ने कहा कि दहेज उत्पीड़न के केस में पति के अलावा ससुराल पक्ष के अधिकांश लोगों को आरोपी बना दिया जाता है. यह सही नहीं है. इससे निर्दोष लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है. उन्होंने वकीलों को समझाया कि जमीन विवाद पीढ़ी दर पीढ़ी चलते रहता है और अंत में दोनों पक्ष मध्यस्था के लिए राजी होते हैं. वहीं दहेज व घरेलू विवाद के केस को भी मध्यस्था के माध्यम से सुलझाया जा सकता है. इसमें निजी हितों से ऊपर उठकर वकीलों को मध्य स्तर पर जोड़ देना चाहिए.


दोनों पक्षों को समझा कर केस खत्म करें
वहीं अगर वकील कुछ मामलों में दोनों पक्षों को आपसी समझौता करा कर मामले को रफा-दफा कर देना चाहिए. इससे लोगों में एक-दूसरे के लिए तकरार कम होगी. साथ ही कोर्ट में केस का बोझ भी कम आएगा.

Intro:न्यायालय में बढ़ते हुए केस के बोझ को कम करने के लिए मुज़फ़्फ़रपुर कोर्ट परिसर में मध्यस्थता विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया । जिसमें पटना हाईकोर्ट के जज ने मध्ययस्थता के महत्व से वकीलों को अवगत कराया ।


Body:कोर्ट परिसर स्थित एडवोकेट्स एसोसिएशन भवन में मध्ययस्थता विषय पर आयोजित कार्यशाला में पटना हाई कोर्ट के जज अनिल कुमार उपाध्याय ने मध्यस्थता के महत्व से वकीलों को अवगत कराया उन्होंने कहा कि दहेज उत्पीड़न के केस में पति के अलावा ससुराल पक्ष के अधिकांश लोगों को आरोपी बना दिया जाता है यह सही नहीं है इसे निर्देश लोगों को परेशानी झेलनी पड़ती है जमीन विवाद पीढ़ी दर पीढ़ी चलते हैं अंत में दोनों पक्ष मध्यस्था के लिए राजी होते हैं दहेज व घरेलू विवाद के केस को भी मध्यस्था के माध्यम से सुलझा जा सकता है निजी हितों से ऊपर उठकर वकीलों को मध्य स्तर पर जोड़ देना चाहिए ।
बाइट अनिल कुमार उपाध्याय जज पटना हाईकोर्ट


Conclusion:आजादी से लेकर अब तक समाज में परिवर्तन लाने में वकीलों की बड़ी भूमिका रही हैं लोग उन्हें उम्मीद भरी नजरों से देखते हैं सुप्रीम कोर्ट से लेकर जिला अदालतों तक त्वरित न्याय के लिए तेजी से कदम उठाया जा रहे हैं त्वरित निपटारे में मध्यस्था की बड़ी अहमियत होती है
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