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मुजफ्फरपुर: बूढ़ी गंडक नदी में उफान से बिगड़ रहे हालत, पानी के दबाव से दरकने लगा मुख्य सुरक्षा बांध

मुजफ्फरपुर में बूढ़ी गंडक नदी के उफान से हालात बिगड़ रहे हैं. पानी के दबाव से मुख्य सुरक्षा बांध दरकने लगा है. मोरसंदी में कटाव से बांध को खतरा है. जल संसाधन की टीम बांध को बचाने के लिए यहां कैंप कर कटाव निरोधी काम को अंजाम दे रही है.

बूढ़ी गंडक में उफान से दहशत में ग्रामीण
बूढ़ी गंडक में उफान से दहशत में ग्रामीण
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Published : Jul 14, 2021, 1:23 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार में बूढ़ी गंडक (Budhi Gandak) सहित कई नदियों के जल-स्‍तर में कमी के बाद भी बाढ़ (Bihar Flood) के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है. बूढ़ी गंडक नदी के अभी भी खतरे के निशान (Danger Signs of River) से ऊपर होने के कारण अभी भी नदी के मुख्य सुरक्षा बांध (Main Safety Dam) पर पानी का काफी दबाव बना हुआ है.

ये भी पढ़ें- नदियों के उफान से लखनदेई नदी का जमींदारी बांध टूटा, पानी रोकने में जुटे ग्रामीण

पानी के दबाव के कारण मुजफ्फरपुर जिले के कांटी और मीनापुर प्रखंड के पांच जगहों से बूढ़ी गंडक नदी के मुख्य सुरक्षा बांध में कटाव और रिसाव हो चुका है. वहीं अब मीनापुर और मोतीपुर प्रखंड के सीमा पर स्थित मोरसंडी पंचायत में नदी के तेज कटाव से सुरक्षा बांध पर काफी दबाव बन गया है. जहां कटाव को रोकने और बांध को बचाने के लिए जल संसाधन विभाग ने युद्धस्तर पर प्रयास शुरू किया है. ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर बांध पर हो रहे कटाव का जायजा लिया.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- बिहार में डरा रहा नदियों का जलस्तर, बूढ़ी गंडक, बागमती, कोसी का वाटर लेवल चिंताजनक

बूढ़ी गंडक नदी के भारी दबाव के कारण मोरसंडी पंचायत के मठिया गांव में हालत सबसे अधिक खराब हैं. यहां पर पिछले दो दिनों में गांव के चार घर नदी के तेज कटाव से पानी में समाहित हो चुके हैं जबकि गांव के एक दर्जन से अधिक पेड़ भी कटाव के दायरे में आने से पानी में गिर चुके हैं.

नदी के तेज कटाव को देखते हुए अब नदी के सुरक्षा बांध पर भी कटाव का खतरा बेहद बढ़ गया है. जिसको बचाने को लिए अब जल संसाधन की टीम यहां कैंप कर कटाव निरोधी काम को अंजाम दे रही है. नदी के तेज कटाव में अपना घर खोने वाले ग्रामीणों में जिला प्रशासन के प्रति काफी गुस्सा दिख रहा है.

ये भी पढ़ें- उत्तर बिहार के अधिकांश नदियां उफान पर, कई इलाकों में बाढ़

ग्रामीणों की मानें तो कटाव शुरू होने से पहले भी इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी गई थी लेकिन समय रहते कटाव को रोकने का प्रयास नहीं हुआ. जिसके कारण उनके घर कटाव के जद में आ गए. वहीं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने हालत के नियंत्रण में होने का दावा कर रहे हैं.

ये भी पढ़ें- कोसी, गंडक समेत कई नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

नेपाल की तराई और बिहार में लगातार हो रही बारिश (Heavy Rain In Bihar) के कारण कई जिलों में नदियां उफान पर हैं. मुजफ्फरपुर जिले में इन दिनों लखनदेई नदी और बूढ़ी गंडक नदी समेत कई नदियां उफान पर हैं. जिसके कारण कई इलाकों में रिसाव जैसी समस्या होने लगी है. साथ ही रिंग बांध पर भी खतरा मंडराने लगा है.

बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण एसकेएसमसीएच (SKSMCH) से ठीक पहले विजयी छपरा में बूढ़ी गंडक का दबाव बढ़ने के बाद रिंग बांध पर खतरा मंडराने लगा है. जिससे वहां के लोग दहशत में आ गए हैं. हालांकि बांध पर बड़े पैमाने पर तैयारी भी की गई थी.

ये भी पढ़ें- तबाही मचा रही बूढ़ी गंडक: सैकड़ों घर डूबे, जान जोखिम में डालकर सड़क पार कर रहे लोग

ये भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर के बनघारा पावर सब स्टेशन में घुसा बाढ़ का पानी, ब्लैकआउट का खतरा

मुजफ्फरपुर: बिहार में बूढ़ी गंडक (Budhi Gandak) सहित कई नदियों के जल-स्‍तर में कमी के बाद भी बाढ़ (Bihar Flood) के हालात में कोई सुधार नहीं हुआ है. बूढ़ी गंडक नदी के अभी भी खतरे के निशान (Danger Signs of River) से ऊपर होने के कारण अभी भी नदी के मुख्य सुरक्षा बांध (Main Safety Dam) पर पानी का काफी दबाव बना हुआ है.

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पानी के दबाव के कारण मुजफ्फरपुर जिले के कांटी और मीनापुर प्रखंड के पांच जगहों से बूढ़ी गंडक नदी के मुख्य सुरक्षा बांध में कटाव और रिसाव हो चुका है. वहीं अब मीनापुर और मोतीपुर प्रखंड के सीमा पर स्थित मोरसंडी पंचायत में नदी के तेज कटाव से सुरक्षा बांध पर काफी दबाव बन गया है. जहां कटाव को रोकने और बांध को बचाने के लिए जल संसाधन विभाग ने युद्धस्तर पर प्रयास शुरू किया है. ईटीवी भारत की टीम ने ग्राउंड जीरो पर जाकर बांध पर हो रहे कटाव का जायजा लिया.

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बूढ़ी गंडक नदी के भारी दबाव के कारण मोरसंडी पंचायत के मठिया गांव में हालत सबसे अधिक खराब हैं. यहां पर पिछले दो दिनों में गांव के चार घर नदी के तेज कटाव से पानी में समाहित हो चुके हैं जबकि गांव के एक दर्जन से अधिक पेड़ भी कटाव के दायरे में आने से पानी में गिर चुके हैं.

नदी के तेज कटाव को देखते हुए अब नदी के सुरक्षा बांध पर भी कटाव का खतरा बेहद बढ़ गया है. जिसको बचाने को लिए अब जल संसाधन की टीम यहां कैंप कर कटाव निरोधी काम को अंजाम दे रही है. नदी के तेज कटाव में अपना घर खोने वाले ग्रामीणों में जिला प्रशासन के प्रति काफी गुस्सा दिख रहा है.

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ग्रामीणों की मानें तो कटाव शुरू होने से पहले भी इसकी जानकारी स्थानीय प्रशासन को दी गई थी लेकिन समय रहते कटाव को रोकने का प्रयास नहीं हुआ. जिसके कारण उनके घर कटाव के जद में आ गए. वहीं जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने हालत के नियंत्रण में होने का दावा कर रहे हैं.

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नेपाल की तराई और बिहार में लगातार हो रही बारिश (Heavy Rain In Bihar) के कारण कई जिलों में नदियां उफान पर हैं. मुजफ्फरपुर जिले में इन दिनों लखनदेई नदी और बूढ़ी गंडक नदी समेत कई नदियां उफान पर हैं. जिसके कारण कई इलाकों में रिसाव जैसी समस्या होने लगी है. साथ ही रिंग बांध पर भी खतरा मंडराने लगा है.

बूढ़ी गंडक नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण एसकेएसमसीएच (SKSMCH) से ठीक पहले विजयी छपरा में बूढ़ी गंडक का दबाव बढ़ने के बाद रिंग बांध पर खतरा मंडराने लगा है. जिससे वहां के लोग दहशत में आ गए हैं. हालांकि बांध पर बड़े पैमाने पर तैयारी भी की गई थी.

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