मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर की शाही लीची (Muzaffarpur Shahi Litchi) माया नगरी मुंबई के लिए रवाना हो चुकी है. कुछ ही दिनों में मुंबई के लोग शाही लीची का आनंद उठा पाएंगे. गुरुवार को मुजफ्फरपुर जंक्शन से पवन एक्सप्रेस के माध्यम से लीची मुंबई भेजी गयी. रेलवे की ओर से बेहतर प्रबंध किया गया है ताकि मुजफ्फरपुर की लीची मुंबई के लोगों के लिए पहुंच सकें. मुजफ्फरपुर की लीची सिर्फ मुंबई ही नहीं बल्कि कई राज्यों में इसकी डिमांड है. खासकर यहां से राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के लिए लीची भेजी जाती है. मुंबई के बॉलीवुड के स्टार्स भी शाही लीची को खूब पसंद कर रहे हैं.
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विदेशों में मशहूर है लीचीः भारत के साथ साथ विदेशों में मुजफ्फरपुर की शाही लीची मशहूर है. यह लीची इतनी स्वादिष्ट होती है कि लोग इसके दिवाने हैं. देखने में एकदम लाला और अंदर से रसीली लीची का स्वाद. लोग अगर एक बार इसे चख लें तो भरपेट खाकर ही दम लेते हैं. शाही लीची बिहार के अलावा अन्य राज्यों और विदेशों में इसकी डिमांड है. 11 मई को मुजफ्फरपुर से 51 कार्टन लीची मुंबई भेजी गई है. यह लीची प्रति कार्टन 1500 से 2000 रुपए के हिसाब से बिक्री होने का अनुमान है.
अन्य राज्यों में भी भेजा जाएगीः बिहार के अलावा अन्य राज्यों में लीची भेजी जाएगी. दिल्ली, अमृतसर, लखनऊ आदि शहरों में भी लीची भेजने की तैयारी चल रही है. मुंबई जाने वाली पहली खेप लीची कांटी और मीनापुर से भेजी गई है. किसानों का कहना है कि आने वाले समय में लीची में और मिठास आएगी. किसानों को इसके लिए बारिश का इंतजार है. हल्की भी बारिश हो जाती है तो लीची और रसीली हो जाएगी.
मिल चुका है जीआई टैगः भारत सरकार के कृषि और सहकारिता विभाग के अनुसार बिहार में लीची की खेती 36.67 हजार हेक्टेयर में होती है. पूरे भारत में 97.91 हजार हेक्टेयर में लीची की खेती होती है. इस आंकड़ा से अंदाजा लगाया जा सकता है कि बिहार लीची उत्पादन में कितना आगे है. बात करें शाही लीची की तो मुजफ्फपुर की शाही लीची काफी मशहूर है. लोग इसे खूब पसंद करते हैं. मुजफ्फरपुर की शाही लीची को जीआई टैग भी मिल चुका है. मुजफ्फरपुर की शाही लीची के अलावा भागलपुर का जर्दालु आम और कतरनी चूड़ा, दरभंगा के मखाने को जीआई टैग मिल चुका है.