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Muzaffarpu Litchi : मुजफ्फरपुर की शाही लीची के लिए बारिश बनी 'संजीवनी', इसके आगे रसगुल्ला भी फेल - मुजफ्फरपुर की शाही लीची

Muzaffarpur News मुजफ्फरपुर की शाही लीची (Muzaffarpur shahi litchi) के प्रेमियों के लिए खुशखबरी है. इस बार लोगों को मिठास और ज्यादा मिलेगी. जानकारों की माने इलाके में हल्की बारिश से लिची को संजीवनी मिली है. ऐसे में इस बार अच्छी फसल होने की उम्मीद है. पढ़ें पूरी खबर

मुजफ्फरपुर की शाही लीची
मुजफ्फरपुर की शाही लीची
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Published : Apr 25, 2023, 6:25 PM IST

मुजफ्फरपुर : बिहार के अधिकांश जिलों में मौसम में आए बदलाव से मुजफ्फरपुर की साही लीची के किसानों को राहत मिली है. आसमान पर छाए बादल और हल्की और माध्यम दर्जे की बारिश से तेज धूप और तापमान से झुलस रही मुजफ्फरपुर की शाही लीची को जैससे संजीवनी मिल गई है.

ये भी पढ़ें: मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध लीची को मिलेगी पहचान, पेड़ का बनेगा आधार कार्ड

मौसम में आए बदलाव से लीची को मिली संजीवनी : मुजफ्फरपुर के लीची किसानों का मानना है कि बढ़ते तापमान और गर्म हवा से पेड़ में लगे लीची के फल फट रहे थे. अब लाल रंग ले रही लीची के फलों के फटने का खतरा कम हो गया है. जो फल पहले लगे हैं और जो फट गए हैं, वे तो नहीं सुधरेंगे, लेकिन अब फलों के फटने की संभावना नहीं है. ऐसे में किसान अधिक फसल को लेकर आशान्वित हैं.

शाही लीची के लिए बारिश बनी संजीवनी
शाही लीची के लिए बारिश बनी संजीवनी

नमी खत्म होने से फल का विकास रुक गया था: अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक एवं डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के सह निदेशक अनुसन्धान डॉ एस.के. सिंह का मानना है कि लीची के लिए अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. जबकि एक सप्ताह पूर्व इस इलाके का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया था. किसानों की शिकायत थी कि सिंचाई करने पर भी 24 घंटे बाद ही नमी खत्म हो जा रही थी, जिससे फल का विकास रुक गया था.

मुजफ्फरपुर की शाही लीची
मुजफ्फरपुर की शाही लीची

''तापमान अधिक होने के कारण फलों में गुदा कम होता है जबकि गुठली का आकार बड़ा हो जाएगा. इधर, तापमान में आई गिरावट और बारिश से फलों को काफी लाभ होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि पेड़ की जड़ों तक भी नमी पहुंच गई है.'' - डॉ एस.के. सिंह, पूसा के सह निदेशक अनुसन्धान

इधर, मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले एक सप्ताह में आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे और मौसम सुहावना बना रहेगा. ऐसे में अधिकतम तापमान में बहुत ज्यादा वृद्धि की उम्मीद नहीं है.

मुजफ्फरपुर : बिहार के अधिकांश जिलों में मौसम में आए बदलाव से मुजफ्फरपुर की साही लीची के किसानों को राहत मिली है. आसमान पर छाए बादल और हल्की और माध्यम दर्जे की बारिश से तेज धूप और तापमान से झुलस रही मुजफ्फरपुर की शाही लीची को जैससे संजीवनी मिल गई है.

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मौसम में आए बदलाव से लीची को मिली संजीवनी : मुजफ्फरपुर के लीची किसानों का मानना है कि बढ़ते तापमान और गर्म हवा से पेड़ में लगे लीची के फल फट रहे थे. अब लाल रंग ले रही लीची के फलों के फटने का खतरा कम हो गया है. जो फल पहले लगे हैं और जो फट गए हैं, वे तो नहीं सुधरेंगे, लेकिन अब फलों के फटने की संभावना नहीं है. ऐसे में किसान अधिक फसल को लेकर आशान्वित हैं.

शाही लीची के लिए बारिश बनी संजीवनी
शाही लीची के लिए बारिश बनी संजीवनी

नमी खत्म होने से फल का विकास रुक गया था: अखिल भारतीय फल अनुसंधान परियोजना के प्रधान अन्वेषक एवं डॉ. राजेंद्र प्रसाद केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के सह निदेशक अनुसन्धान डॉ एस.के. सिंह का मानना है कि लीची के लिए अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस होना चाहिए. जबकि एक सप्ताह पूर्व इस इलाके का अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पहुंच गया था. किसानों की शिकायत थी कि सिंचाई करने पर भी 24 घंटे बाद ही नमी खत्म हो जा रही थी, जिससे फल का विकास रुक गया था.

मुजफ्फरपुर की शाही लीची
मुजफ्फरपुर की शाही लीची

''तापमान अधिक होने के कारण फलों में गुदा कम होता है जबकि गुठली का आकार बड़ा हो जाएगा. इधर, तापमान में आई गिरावट और बारिश से फलों को काफी लाभ होने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि पेड़ की जड़ों तक भी नमी पहुंच गई है.'' - डॉ एस.के. सिंह, पूसा के सह निदेशक अनुसन्धान

इधर, मौसम विभाग का कहना है कि आने वाले एक सप्ताह में आसमान में हल्के बादल छाए रहेंगे और मौसम सुहावना बना रहेगा. ऐसे में अधिकतम तापमान में बहुत ज्यादा वृद्धि की उम्मीद नहीं है.

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