मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में रेल पाठशाला शुरू होने जा रही है. इस पाठशाला की खूबी यह है कि आमतौर पर रेलवे स्टेशनों और शहर की सड़कों पर जो गरीब बच्चे भटकते नजर आते हैं. अब इन भटकने वाले लावारिस बच्चों को यहां पढ़ाया जाएगा. रेलवे की इस अनूठी पहल की, जितनी भी सराहना की जाए, कम है. इस स्कूल का नाम 'अपन रेल पाठशाला' रखा गया है.
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रेल एसपी की अनूठी पहल : मुजफ्फरपुर रेल पुलिस अधीक्षक ने बताया कि यह पाठशाला 15 अगस्त से शुरू की जाएगी. जंक्शन और सड़कों के किनारे भटकने वाले बच्चों को चिह्नित कर उनकी सूची तैयार की जा रही है. ऐसे बच्चे जो इधर-उधर भटकते रहते हैं. अगर समय रहते उनलोगों को सही माहौल नहीं मिल पाता है तो वे गलत संगत में पड़ जाते हैं. इसके बाद वेलोग गलत रास्ता अपना लेते हैं. इन बच्चों को जिस सांचे में तैयार किया जाएगा, वे उसी में ढल जाएंगे.
''अगर बच्चे अच्छी संगति में रहेंगे तो उनमें अच्छा गुण समाहित होगा और वह अच्छे कर्म करेंगे. इस पाठशाला का मुख्य उद्देश्य भटक रहे बच्चों को अच्छा इंसान बनाना है.'' - डॉ. कुमार आशीष, मुजफ्फरपुर रेल पुलिस अधीक्षक
'रेल पाठशाला में आने वाले बच्चे स्कूल भी जाएंगे' : बता दें कि डॉ. कुमार आशीष किशनगंज और मोतिहारी में भी अपने कार्यकाल के दौरान कई तरह के सामाजिक सरोकार का काम किया, जो सराहनीय है. यहां भी उन्होंने शिक्षा के प्रसार को लेकर पहल की थी. आशीष कहते हैं कि बच्चों को बेसिक शिक्षा मिलनी चाहिए, यह उनका हक भी है. उनका मानना है कि जब बच्चे यहां आने लगेंगे तो वे स्कूल भी जाने लगेंगे.