मुजफ्फरपुर: जिले के सदर थाना में देश के 49 फिल्मी हस्तियों पर दर्ज प्राथमिकी मामले में नया मोड़ आया है. एसएसपी मनोज कुमार ने अपनी जांच में प्राथमिकी को फर्जी करार देते हुए परिवादी पर मामला दर्ज करने का आदेश दिया. इसके बाद परिवादी अधिवक्ता ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए सीजेएम कोर्ट में विरोध पत्र दायर किया है.
पुलिस पर अधिवक्ता ने लगाया आरोप
सीजेएम कोर्ट में परिवाद दायर करने वाले अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बिहार पुलिस पर दबाव में जांच करने का आरोप लगाया है. साथ ही इस मामले में बिहार पुलिस के अलावा दूसरे एजेंसियों से मामले की जांच की मांग की है. अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने दायर विरोध पत्र में बिहार पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि मामले का अनुसंधान करने वाले अधिकारी अपने वरीय अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर या किसी तरह के राजनीतिक दबाव में आकर इस केस को झूठा करार दिया है. इसलिए हमने दायर विरोध पत्र में मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है.
पुलिस कुछ भी बोलने से कर रही परहेज
बता दें कि जिले के सदर थाना में सीजेएम कोर्ट के आदेश पर देश के 49 फिल्मी हस्तियों पर 2 अक्टूबर को देशद्रोह के धाराओं में 673/19 कांड संख्या दर्ज किया गया था. इस मामले की जांच करने वाले एसएसपी मनोज कुमार ने अपनी जांच में केस को फर्जी करार दिया और परिवाद दायर करने वाले अधिवक्ता के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया. इसके बाद परिवादी अधिवक्ता ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए सीजेएम कोर्ट में विरोध पत्र दायर किया है. वहीं, इस मामले पर एसएसपी मनोज कुमार कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं.
11 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए अधिवक्ता ने कहा कि इस मामले पर अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी. वहीं, सीनियर क्रिमिनल लॉयर ने इस मामले पर बताया कि परिवादी ने अदालत में मामला दर्ज करवाया था और अदालत ने पुलिस को मामले की छानबीन करने का आदेश दिया है. इसीलिए पुलिस को कोई अधिकार नहीं है कि वह परिवादी अधिवक्ता पर अभियोजक का आदेश दे. गौरतलब है कि अधिवक्ता सुधीर ओझा ने देश के 49 नामी फिल्मी हस्तियों के खिलाफ सीजेएम कोर्ट में देशद्रोह का परिवाद दर्ज करवाया था. जिसके बाद कोर्ट ने सदर थाना को प्राथमिकी दर्ज कर करवाई करने का आदेश दिया था.