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राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री इस बार नहीं उठा पाएंगे मुजफ्फरपुर की प्रसिद्ध शाही लीची का लुत्फ

राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को तोहफे में भेजे जाने वाले शाही लीची के चयन के लिए अब तक कमेटी तक का गठन नहीं हुआ है, जिससे इस बार लीची दिल्ली भेजना संभव नहीं लग रहा है.

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Published : May 16, 2020, 3:21 PM IST

मुजफ्फरपुरः जिले की शाही लीची पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां की लीची की मांग दुनिया के कई देशों में है. मुजफ्फरपुर की शाही लीची हर साल देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ अन्य वीआईपी लोगों को जिला प्रशासन तोहफे के रूप में भेंट करता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से इस पर ग्रहण लग गया है.

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प्रसिद्ध शाही लीची

लीची के बागों का नहीं हुआ चयन
कोरोना के संक्रमण को फैलने के रोकने के लिए प्रशासनिक टीम कई मोर्चों पर काम कर रही है. जिसके कारण इस बार प्रशासन तोहफे के रूप में भेजे जाने वाले बेहतरीन लीची के बागों का चयन भी नहीं कर पाया है. ऐसे में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह भी मान रहे हैं कि मौजूदा हालात के बीच यह इस बार संभव नहीं है.

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पक रहे लीची के फल

प्रशासन के सामने चुनौतियां
हालांकि डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि इस संबंध में अब अंतिम फैसला राज्य सरकार को लेना है. गौरतलब है इस बार कोरोना संक्रमण की वजह प्रशासन के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं.

देखें रिपोर्ट

दिल्ली तक भेजने की व्यवस्था
बता दें कि जिला प्रशासन दिल्ली और गणमान्य लोगों को लीची भेजने के लिए एक कमेटी का गठन करता है. जो लीची की गुणवत्ता के चयन से लेकर बागों की खरीदारी और उन्हें दिल्ली तक भेजने की व्यवस्था करती थी, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण ने इस पर पानी फेर दिया है.

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लीची के बाग

मुजफ्फरपुरः जिले की शाही लीची पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां की लीची की मांग दुनिया के कई देशों में है. मुजफ्फरपुर की शाही लीची हर साल देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ अन्य वीआईपी लोगों को जिला प्रशासन तोहफे के रूप में भेंट करता है, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण की वजह से इस पर ग्रहण लग गया है.

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प्रसिद्ध शाही लीची

लीची के बागों का नहीं हुआ चयन
कोरोना के संक्रमण को फैलने के रोकने के लिए प्रशासनिक टीम कई मोर्चों पर काम कर रही है. जिसके कारण इस बार प्रशासन तोहफे के रूप में भेजे जाने वाले बेहतरीन लीची के बागों का चयन भी नहीं कर पाया है. ऐसे में डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह भी मान रहे हैं कि मौजूदा हालात के बीच यह इस बार संभव नहीं है.

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पक रहे लीची के फल

प्रशासन के सामने चुनौतियां
हालांकि डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि इस संबंध में अब अंतिम फैसला राज्य सरकार को लेना है. गौरतलब है इस बार कोरोना संक्रमण की वजह प्रशासन के सामने बहुत सारी चुनौतियां हैं.

देखें रिपोर्ट

दिल्ली तक भेजने की व्यवस्था
बता दें कि जिला प्रशासन दिल्ली और गणमान्य लोगों को लीची भेजने के लिए एक कमेटी का गठन करता है. जो लीची की गुणवत्ता के चयन से लेकर बागों की खरीदारी और उन्हें दिल्ली तक भेजने की व्यवस्था करती थी, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण ने इस पर पानी फेर दिया है.

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लीची के बाग
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