मुजफ्फरपुरः शेल्टर होम मामले में दिल्ली के साकेत कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई. जिसमें ब्रजेश ठाकुर समेत 19 आरोपियों को दोषी पाया गया. कोर्ट ने सजा के लिए 28 जनवरी की तारीख मुकर्रर की है. इस फैसले से शहर के लोगों में काफी खुशी का माहौल है.
कोर्ट के फैसले का सम्मान
छात्रा प्रियंका ने कहा कोर्ट के फैसले पर कहा कि कई महीनों से सभी को इस फैसले का इंतजार था. सबको कोर्ट के फैसले का सम्मान होना चाहिए. इससे लोगों के बीच अच्छा संदेश जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य में कोई भी ऐसा करने से पहले सोचेगा.
फैसले से पीड़िता को न्याय
वहीं, शिक्षिका वंदना ने कहा कि आरोपियों को सजा मिलने से लोग महिलाएं और लड़कियों के साथ कुछ भी गलत करने से पहले सोचेंगे. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस घटना ने मुजफ्फरपुर को कलंकित कर दिया था. कोर्ट के फैसले से पीड़िता को न्याय मिलेगा.
क्या है पूरा मामला
- अप्रैल 2018 में मुंबई के टाटा इंस्टीटयूट ऑफ सोशल साइंस ने निरीक्षण के बाद अपनी रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर बालिका गृह में लड़कियों के यौन उत्पीड़न की बात कही थी
- 31 मई 2018 को सरकार ने प्राथमिकी दर्ज कराई
- पीएमसाएच की रिपोर्ट में लड़कियों के साथ दुष्कर्म की पुष्टि की गई
- सीबीआई कर रही थी मामले की जांच
- लड़कियों ने कोर्ट में बयान दिया
- सुप्रीम कोर्ट ने पिछले 7 फरवरी को केस की सुनवाई बिहार से दिल्ली की साकेत कोर्ट में ट्रांसफर की
- 25 फरवरी 2019 से साकेत कोर्ट में सुनवाई शुरु हुई
- 30 मार्च को कोर्ट ने सभी आरोपियों के खिलाफ दुष्कर्म और पॉस्को एक्ट के तहत आरोप तय किए
- 30 सितंबर को एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा
- 14 नवंबर को भी वकीलों की हड़ताल की वजह से फैसला टला
- 12 दिसंबर 2019 को भी एडिशनल सेशंस जज सौरभ कुलश्रेष्ठ के छुट्टी पर होने फैसला नहीं सुनाया जा सका