मुजफ्फरपुर: 'हम तो गरीब आदमी हैं साहब, हम कहां मिल पायेंगे नीतीश कुमार से', ये शब्द उस पीड़ित बाप के हैं जिसकी बेटी की मौत चमकी बुखार के कारण हो गई और अब वो सरकार की तरफ से घोषित मुआवजे के लिये दर-दर भटक रहा है. पीड़ित ने बताया कि अस्पताल की तरफ से डेथ सर्टिफिकेट नहीं दिया गया जिस आधार पर वो मुआवजा पा सके. इसलिये नीतीश कुमार से मिलना चाहता है.
पीड़ित रूप लाल पासवान ने बताया कि बेटी की मौत के बाद से वो 4 लाख मुआवजे की आस में मृत्यु प्रमाण पत्र पाने के लिये अस्पताल प्रशासन के पास लगातार दौड़ लगा रहा है, लेकिन उसे हर बार खाली हाथ लौटा दिया जाता है. इस कारण से वो अब सीएम से मिलकर उनसे गुहार लगाना चाहता है.
सीएम से मिलना चाहते हैं पीड़ित
वहीं पीड़ित विजय महतो की भी यही पीड़ा है. उन्हें भी अपने बच्चे का डेथ सर्टिफिकेट नहीं मिला है. जिस कारण से वो भी मुआवजे की राशि पाने के लिये परेशान हैं. हाथ में फोटो दिखाते हुये पीड़ितों का कहना है कि अस्पताल प्रशासन उनकी कोई सुनवाई नहीं कर रहा. इसलिये वो मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी परेशानी बताना चाहते हैं.
4 लाख मुआवजे की घोषणा
बता दें कि चमकी बुखार से लगातार हो रही बच्चों की मौतों के बाद सरकार की तरफ से मृतक बच्चों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मुआवजे की घोषणा की गई थी. इसके लिये पीड़ितों के पास मृत्यु प्रमाण पत्र होना जरूरी है. लेकिन उनकी शिकायत है कि हॉस्पिटल की तरफ से उन्हें उनके बच्चों के डेथ सर्टिफिकेट नहीं दिये जा रहे.
नि:शुल्क इलाज के निर्देश
सोमवार की बैठक के बाद सीएम नीतीश कुमार ने चमकी बुखार के पीड़ित बच्चों के निशुल्क इलाज के निर्देश दिये हैं. गौरतलब है कि अभी तक चमकी बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या 150 से ज्यादा हो गई है. ये संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. हालांकि सरकार बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने की बात कह रही है, लेकिन बच्चों के परिजन खराब स्वास्थ्य व्यवस्था की बात कह लगातार हंगामा कर रहे हैं.