मुजफ्फरपुर: अफगानिस्तान (Afghanistan) की राजधानी काबुल पर तालिबान (Taliban) का कब्जा होने के बाद सरकार की पहल से काफी मुश्किल से भारतीय नागरिकों की वतन वापसी संभव हो पाई है. काबुल में फंसे अधिकांश भारतीय भले ही अपने वतन वापस लौट आए हैं, लेकिन कई लोगों को वतन वापसी का यह सफर और तालिबान के हिरासत में गुजारे गए खौफ के पल ताउम्र याद रहेंगे. मुजफ्फरपुर के औराई के सद्दाम ऐसे ही लोगों में से एक हैं.
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सद्दाम ने तालिबान के हिरासत में 6 घंटे तक रहने के बाद वतन वापसी की है. उन्होंने कहा है कि तालिबान के हिरासत में गुजारे वे छह घंटे उसे हमेशा याद रहेंगे. औराई प्रखंड के सगहरी गांव के रहने वाले सद्दाम पिछले एक साल से काबुल में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी में काम कर रहे थे. 19 अगस्त को उन्हें काबुल से दिल्ली लौटना था, लेकिन उनकी वतन वापसी से पहले ही 15 अगस्त को तालिबान का काबुल पर कब्जा हो गया. वह वहीं पर फंस गए. उनके सुरक्षित वतन वापसी को लेकर परिवार में चिंता बढ़ गई थी.
सद्दाम ने कहा, 'मैं बहुत मुश्किल से किसी तरह काबुल एयरपोर्ट पहुंचा. एयरपोर्ट में प्रवेश से पहले ही तालिबान के लड़ाकों ने मुझे अपनी हिरासत में ले लिया. मैं करीब 6 घंटे तालिबान की हिरासत में रहा. भारतीय दूतावास के कर्मियों से बातचीत के बाद मुझे बस से एयरपोर्ट भेजा गया. जहां से भारतीय वायुसेना के विमान से 22 अगस्त को स्वदेश वापसी संभव हो पाई.'
"काबुल से निकलने में मुझे काफी परेशानी हुई. एयरपोर्ट पर अमेरिकी सैनिकों का नियंत्रण था. बाहर तालिबान के लड़ाके मौजूद थे. भारत सरकार की पहल के चलते मैं घर लौट पाया. वहां भारत के लोगों के खिलाफ कोई खास माहौल नहीं था. तालिबान के लोग हमलोगों को एक ऑफिस में ले गए थे. वहां सभी को बैठाया गया. पासपोर्ट नंबर और नाम दर्ज किया गया. इसके बाद तालिबान के लोगों ने भारत सरकार से क्या बात की हमें नहीं पता. करीब 6 घंटा वहां हमलोगों को रखा गया फिर छोड़ दिया गया. हमलोग छह-सात बस में सवार थे. सभी को एयरपोर्ट पहुंचाया गया. खाना-पीना भी दिया गया."- सद्दाम हुसैन, काबुल से लौटा युवक
सद्दाम की वतन वापसी के बाद उनका परिवार काफी खुश है. भारत सरकार की गाइडलाइन के अनुसार सद्दाम के औराई पहुंचने पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने उनके स्वास्थ्य की जांच की और उनको पोलियो का टीका भी दिया गया.
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