मुजफ्फरपुर: जिले में लगातार हो रही भारी बारिश और नेपाल से नदियों में छोड़े जाने वाले पानी के कारण बाढ़ का कहर तेज हो गया है. बाढ़ के पानी में अपना आशियाना खो चुके आपदा पीड़ित अब अपनी और अपने परिवार की जिंदगी को बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं.
पानी से बचाव के लिए जिले की एक बड़ी आबादी के लिए अब राष्ट्रीय राजमार्ग लाइफलाइन बना हुआ है. जहां बड़ी संख्या में बाढ़ पीड़ित अपने मवेशियों के साथ शरण ले रहे हैं.
राष्ट्रीय राजमार्ग पर ले रहे शरण
दरअसल, बाढ़ के कारण विस्थापन का दंश झेल रहे बाढ़ पीड़ितों के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग-57 फिलहाल ठिकाना बना हुआ है. जहां हर दिन बड़ी संख्या में बाढ़ प्रभावित इलाकों के लोग अपने गांव को छोड़कर इस पर शरण ले रहे हैं. हालांकि राष्ट्रीय राजमार्ग पर शरण ले रहे आपदा पीड़ितों को अभी जिला प्रशासन की ओर से कोई सहायता नहीं मिल रही है.
कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर
फिलहाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाढ़ पीड़ितों की सुरक्षा के लिए एक लेन में वाहनों के परिचालन को रोक दिया गया है. गौरतलब है कि इस समय मुजफ्फरपुर में बागमती, लखनदेई, बूढ़ी गंडक और गंडक नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. जिससे जिले की एक बड़ी आबादी इस वक्त बाढ़ का दंश झेल रही है.