ETV Bharat / state

बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड पर जल्द बनेगी फिल्म, 'नफीसा' में दिखेगी शेल्टर होम की सच्चाई!

फिल्म निर्देशक कुमार नीरज (Film director Kumar Neeraj) ने बताया कि हमारी कोशिश हमेशा सत्य घटनाओं पर आधारित फिल्म बनाने की रही है. इसी क्रम में इन सभी चारों महिलाओं ने इसका प्रस्ताव रखा. जिसके बाद हमने मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड (Muzaffarpur Balika Grih Shelter Home Case) की शिकार हुई पांच लड़कियों से बात की. उनसे घटना पर विस्तार से जानकारी जुटाई गई, फिर फिल्मांकन की सोच ली. 'नफीसा' फिल्म शेल्टर होम की घटना के सच को बड़े पर्दे पर जीवंत करेगी.

बालिका गृह कांड पर आधारित फिल्म नफीसा
बालिका गृह कांड पर आधारित फिल्म नफीसा
author img

By

Published : Jan 30, 2022, 11:02 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड (Muzaffarpur Balika Grih Shelter Home Case) ने पूरे देश को झकझोर दिया था. एक के बाद एक खुलासे से लोगों का कलेजा मुंह काे आ जाता था. यह खौफनाक कहानी रुपहले पर्दे पर आयेगी. लोग पर्दे पर उस खौफनाक मंजर को देख पायेंगे. पिछले 22 साल से फिल्म इंडस्ट्री में बतौर राइटर-डायरेक्टर अपनी अलग पहचान बनाने वाले कुमार नीरज (Film director Kumar Neeraj) इस फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं. मुजफ्फरपुर समेत अलग-अलग जगहों पर रह रहीं चार महिलाएं इस फिल्म की निर्माता हैं. कुमार नीरज इसे हिन्दी फिल्म ‘नफीसा’ के नाम से पर्दे पर दिखाने जा रहे हैं. मुजफ्फरपुर से नीरज का पूराना नाता है. यहां उनका ननिहाल है.

नीरज बताते हैं कि इस फिल्म पर कई महीनों से काम चल रहा है. दस दिन की शूटिंग होने के बाद लॉकडाउन के कारण प्रोजेक्ट पर काम रुक गया था. फिल्म की शूटिंग मार्च से फिर शुरू होने जा रही है. इसकी शूटिंग बिहार में होगी. कुछ शूटिंग मुंबई में भी होगी. सच्ची घटनाओं पर फिल्म बनाने वाले नीरज का कहना है कि 'नफीसा' उनके लिए मोस्ट अवेटेड फिल्मों की सूची में शामिल है.

ये भी पढ़ें: Bihar MLC Election: अखिलेश के कारण 5 सीटें दे रही थी RJD, प्रदेश कांग्रेस की 10 सीटों की मांग से टूटा गठबंधन

नीरज ने कहा कि हमारी कोशिश हमेशा सत्य घटनाओं पर फिल्म बनाने की रही है. इसी क्रम में इन महिलाओं ने इसका प्रस्ताव सामने रखा. हमने बालिका गृह कांड की पांच पीड़ित लड़कियों से बात की. ‘नफीसा’ शेल्टर होम की घटना के सच को बड़े पर्दे पर जीवंत तरीके से रखेगी. नीरज इससे पहले गैंग्स ऑफ बिहार बनाकर सुर्खियां बटोर चुके हैं. फिल्म निर्माता चार महिलाओं में मुन्नी सिंह और खुशबू मुजफ्फरपुर की, वैशाली देव अमेरिका व वीणा साह गुजरात से हैं. मुन्नी और खुशबू कई भोजपुरी फिल्मों का निर्माण कर चुकी हैं. चारों दोस्त हैं.

विश्व भर में चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड अनाथ, मासूम और बेघर बच्चियों पर दरिंदगी और जुल्म की कहानी है. ब्रजेश ठाकुर इसका मास्टरमांड है. ब्रजेश फिलहाल अपने 19 साथियों के साथ तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है. एक दोषी रामानुज की जेल में ही मौत हो चुकी है. उस समय इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर जोरदार हमला किया था. इसके चलते तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजु वर्मा को पद से हटाना पड़ा था. बाद में मंजु वर्मा को अपने पति के साथ जेल जाना पड़ा था.

क्या था मामला
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई की एक टीम ने 2018 में एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति का सर्वेक्षण किया गया था. इसी संस्था द्वारा मुजफ्फरपुर में बालिका गृह का संचालन हो रहा था. एनजीओ और बालिका गृह का प्रमुख ब्रजेश ठाकुर था. सर्वेक्षण के बाद टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की टीम ने मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को रिपोर्ट पेश किया था. इसमें कहा गया था कि बालिका गृह में बहुत गड़बड़झाला है. वहां रहने वाली लड़कियों का यौन उत्पीड़ण किया जाता है. जिला प्रशासन के आदेश पर समाजिक सुरक्षा विभाग के तत्कालीन सहायक दिवेश कुमार शर्मा के बयान पर 31 मई को महिला थाना में एफआईआर दर्ज हुआ था. उस एफआईआर में इस कांड के मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर का नाम नहीं था.

यौन उत्पीड़ण और पॉक्सो की धाराओं में सेवा संकल्प एवं विकास समिति की महिला कर्मियों के साथ संचालकों को अभियुक्त बनाया था. पुलिस की जांच में ब्रजेश ठाकुर को अभियुक्त बनाया गया था. इस कांड की गम्भीरता को देखते हुए ब्रजेश ठाकुर को पहले हिरासत में लिया गया. बाद में तत्कालीन एसएसपी हरप्रीत कौर के आदेश पर ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. इस प्रकरण में ब्रजेश ठाकुर की महिला साथी मधु उर्फ शाइस्ता परवीन भी शामिल थी लेकिन ब्रजेश की गिरफ्तारी होते ही वह फरार हो गयी थी.

ये भी पढ़ें: जदयू में 'मनभेद'.. ललन और आरसीपी सिंह के बीच घमासान से बढ़ेगी पार्टी की मुश्किलें!

बालिकाओं को दी जाती थी नशे की सुई, होता था दुष्कर्म
मुजफ्फरपुर महिला थाना पुलिस की जांच में इस कांड की सच्चाई सामने आ गयी. एफआईआर दर्ज होने के बाद महिला थाना की तत्कालीन थानेदार ज्योति कुमारी को जांच का जिम्मा सौंपा गया था. ब्रजेश ठाकुर और नामजद महिला कर्मियों को जेल भेजने के बाद दारोगा ज्योति कुमारी ने पूरी मेहनत से बालिका गृह की आड़ में यौन उत्पीड़न के खेल की जांच की थी. महिला थानेदार ने बालिका गृह से मुक्त कराई गयी 46 बच्चियों से उनकी दोस्त और रिश्तेदार बनकर बात की थी. उनकों मुक्त कराने के बाद दूसरे जिलों के आश्रय गृह में शिफ्ट किया था. इसके बाद जब उन 46 बच्चियों के बयान हुए तो सभी ने इन आरोपियों पर दुष्कर्म, नशीला सुई देना, मारपीट, प्रताड़ना समेत कई दिल दहला देने वाले तथ्य सामने आये.

ये भी पढ़ें: शराबबंदी कानून को लागू नहीं कर पा रहे सीएम नीतीश, हर जगह हो रही हैं मौतें: चिराग पासवान

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

मुजफ्फरपुर: बिहार के बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड (Muzaffarpur Balika Grih Shelter Home Case) ने पूरे देश को झकझोर दिया था. एक के बाद एक खुलासे से लोगों का कलेजा मुंह काे आ जाता था. यह खौफनाक कहानी रुपहले पर्दे पर आयेगी. लोग पर्दे पर उस खौफनाक मंजर को देख पायेंगे. पिछले 22 साल से फिल्म इंडस्ट्री में बतौर राइटर-डायरेक्टर अपनी अलग पहचान बनाने वाले कुमार नीरज (Film director Kumar Neeraj) इस फिल्म का निर्देशन कर रहे हैं. मुजफ्फरपुर समेत अलग-अलग जगहों पर रह रहीं चार महिलाएं इस फिल्म की निर्माता हैं. कुमार नीरज इसे हिन्दी फिल्म ‘नफीसा’ के नाम से पर्दे पर दिखाने जा रहे हैं. मुजफ्फरपुर से नीरज का पूराना नाता है. यहां उनका ननिहाल है.

नीरज बताते हैं कि इस फिल्म पर कई महीनों से काम चल रहा है. दस दिन की शूटिंग होने के बाद लॉकडाउन के कारण प्रोजेक्ट पर काम रुक गया था. फिल्म की शूटिंग मार्च से फिर शुरू होने जा रही है. इसकी शूटिंग बिहार में होगी. कुछ शूटिंग मुंबई में भी होगी. सच्ची घटनाओं पर फिल्म बनाने वाले नीरज का कहना है कि 'नफीसा' उनके लिए मोस्ट अवेटेड फिल्मों की सूची में शामिल है.

ये भी पढ़ें: Bihar MLC Election: अखिलेश के कारण 5 सीटें दे रही थी RJD, प्रदेश कांग्रेस की 10 सीटों की मांग से टूटा गठबंधन

नीरज ने कहा कि हमारी कोशिश हमेशा सत्य घटनाओं पर फिल्म बनाने की रही है. इसी क्रम में इन महिलाओं ने इसका प्रस्ताव सामने रखा. हमने बालिका गृह कांड की पांच पीड़ित लड़कियों से बात की. ‘नफीसा’ शेल्टर होम की घटना के सच को बड़े पर्दे पर जीवंत तरीके से रखेगी. नीरज इससे पहले गैंग्स ऑफ बिहार बनाकर सुर्खियां बटोर चुके हैं. फिल्म निर्माता चार महिलाओं में मुन्नी सिंह और खुशबू मुजफ्फरपुर की, वैशाली देव अमेरिका व वीणा साह गुजरात से हैं. मुन्नी और खुशबू कई भोजपुरी फिल्मों का निर्माण कर चुकी हैं. चारों दोस्त हैं.

विश्व भर में चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड अनाथ, मासूम और बेघर बच्चियों पर दरिंदगी और जुल्म की कहानी है. ब्रजेश ठाकुर इसका मास्टरमांड है. ब्रजेश फिलहाल अपने 19 साथियों के साथ तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है. एक दोषी रामानुज की जेल में ही मौत हो चुकी है. उस समय इस मामले को लेकर विपक्षी दलों ने सरकार पर जोरदार हमला किया था. इसके चलते तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजु वर्मा को पद से हटाना पड़ा था. बाद में मंजु वर्मा को अपने पति के साथ जेल जाना पड़ा था.

क्या था मामला
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई की एक टीम ने 2018 में एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति का सर्वेक्षण किया गया था. इसी संस्था द्वारा मुजफ्फरपुर में बालिका गृह का संचालन हो रहा था. एनजीओ और बालिका गृह का प्रमुख ब्रजेश ठाकुर था. सर्वेक्षण के बाद टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की टीम ने मुजफ्फरपुर जिला प्रशासन को रिपोर्ट पेश किया था. इसमें कहा गया था कि बालिका गृह में बहुत गड़बड़झाला है. वहां रहने वाली लड़कियों का यौन उत्पीड़ण किया जाता है. जिला प्रशासन के आदेश पर समाजिक सुरक्षा विभाग के तत्कालीन सहायक दिवेश कुमार शर्मा के बयान पर 31 मई को महिला थाना में एफआईआर दर्ज हुआ था. उस एफआईआर में इस कांड के मास्टरमाइंड ब्रजेश ठाकुर का नाम नहीं था.

यौन उत्पीड़ण और पॉक्सो की धाराओं में सेवा संकल्प एवं विकास समिति की महिला कर्मियों के साथ संचालकों को अभियुक्त बनाया था. पुलिस की जांच में ब्रजेश ठाकुर को अभियुक्त बनाया गया था. इस कांड की गम्भीरता को देखते हुए ब्रजेश ठाकुर को पहले हिरासत में लिया गया. बाद में तत्कालीन एसएसपी हरप्रीत कौर के आदेश पर ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. इस प्रकरण में ब्रजेश ठाकुर की महिला साथी मधु उर्फ शाइस्ता परवीन भी शामिल थी लेकिन ब्रजेश की गिरफ्तारी होते ही वह फरार हो गयी थी.

ये भी पढ़ें: जदयू में 'मनभेद'.. ललन और आरसीपी सिंह के बीच घमासान से बढ़ेगी पार्टी की मुश्किलें!

बालिकाओं को दी जाती थी नशे की सुई, होता था दुष्कर्म
मुजफ्फरपुर महिला थाना पुलिस की जांच में इस कांड की सच्चाई सामने आ गयी. एफआईआर दर्ज होने के बाद महिला थाना की तत्कालीन थानेदार ज्योति कुमारी को जांच का जिम्मा सौंपा गया था. ब्रजेश ठाकुर और नामजद महिला कर्मियों को जेल भेजने के बाद दारोगा ज्योति कुमारी ने पूरी मेहनत से बालिका गृह की आड़ में यौन उत्पीड़न के खेल की जांच की थी. महिला थानेदार ने बालिका गृह से मुक्त कराई गयी 46 बच्चियों से उनकी दोस्त और रिश्तेदार बनकर बात की थी. उनकों मुक्त कराने के बाद दूसरे जिलों के आश्रय गृह में शिफ्ट किया था. इसके बाद जब उन 46 बच्चियों के बयान हुए तो सभी ने इन आरोपियों पर दुष्कर्म, नशीला सुई देना, मारपीट, प्रताड़ना समेत कई दिल दहला देने वाले तथ्य सामने आये.

ये भी पढ़ें: शराबबंदी कानून को लागू नहीं कर पा रहे सीएम नीतीश, हर जगह हो रही हैं मौतें: चिराग पासवान

विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.