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भाड़े पर ट्रक लेकर हेराफेरी मामले में मास्टरमाइंड का साला गिरफ्तार, राजनीतिक दल से संबंध

Truck Missing Case: मुजफ्फरपुर ट्रक मिसिंग मामले में आरोपी रजनीकांत शाही को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जिसने अपने बहनोई सतेंद्र सिंह के साथ मिलकर पीड़ित सुधीर कुमार का ट्रक गायब कर दिया है. नौ महीने से फरार चल रहा आरोपी आखिरकार अब पुलिस की गिरफ्त में है.

मास्टरमाइंड का साला गिरफ्तार
मास्टरमाइंड का साला गिरफ्तार
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 6, 2024, 7:23 AM IST

मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में भाड़े पर ट्रक लेकर गायब करने के मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड सतेंद्र सिंह के साले रजनीकांत शाही को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसके खिलाफ नगर थाना क्षेत्र के निवासी सुधीर कुमार ने बीते मार्च महीने में सदर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. नौ महीने से वह फरार चल रहा था. वो औराई थाना के राजखण्ड का रहने वाला है. फिलहाल उससे थाने में गहनता से पूछताछ की जा रही है.

ट्रक मिसिंग मामले में आरोपी गिरफ्तारः बताया जाता है कि आरोपी का एक बड़े राजनीतिक दल से तालुकात रखता है. वहीं थानेदार कुंदन कुमार ने बताया कि ट्रक भाड़े पर लेकर गायब करने के मामले में आरोपी को पकड़ा गया है, वह बार-बार नाम पता बदल रहा है, उसके नाम पते का सत्यापन किया जा रहा है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

"आरोपी रजनीकांत शाही बहुत पहुंच पैरवी वाला है. इसी कारण एफआईआर के बाद भी वो पिछले नौ महीना से पुलिस गिरफ्त से बाहर था. शहर में ही किराए के मकान में बदल-बदलकर रह रहा था"- पीड़ित सुधीर कुमार का चालक

क्या है पूरा मामाल : सदर थाने में दर्ज एफआईआर में पीड़ित सुधीर कुमार ने बताया था कि उनका एक ट्रक था, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर BR06GB 9878 था, उसी ट्रक को चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे. लॉक डाउन के कारण उनकी स्थिति खराब हो गई. लोन देने में परेशानी हो रही थी. तब उनके पास मणिकांत शाही उर्फ रजनीकांत शाही बीते एक जुलाई 2022 को आया और बोला कि मेरे बहन बहनोई ट्रक लेकर भाड़ा पर चलाते हैं. इसलिए भाड़ा पर ट्रक लगवा देते हैं.

विश्वास में लेकर ट्रक पर हुई डीलः उसके बाद रजनीकांत सुधीर को लेकर भगवानपुर यादव नगर स्थित अपने बहनोई सतेंद्र कुमार व बहन उपमा देवी के यहां लेकर गया. जहां उससे तीनों आदमी ने ट्रक को लेकर छह जुलाई को आने को कहा. इसके बाद उस तिथि को ट्रक लेकर वहां गया. जहां पहले से पटना के नागेंद्र सिन्हा बैठे थे. सतेंद्र कुमार व उसकी पत्नी उपमा देवी और मणिकांत शाही ने विश्वास दिलाया कि हम लोग इन्ही के माध्यम से गाड़ी का डील करते हैं. मेरे ऊपर विश्वास करके गाड़ी दें आपको हर महीने में रुपया मिल जाएगा.

90 हजार रुपया महीना देने की हुई थी बातः चारों आदमी के साथ यह तय हुआ कि एक लाख रुपया महीना हुआ. जिसमें 90 हजार रुपया ट्रक मालिक को मिलेगा और 10 हजार रुपये कमीशन का सतेंद्र कुमार लेंगे. बात फाइनल होने पर सुधीर कुमार से ट्रक की चाबी उसी समय सतेंद्र कुमार ने अपने आवास पर ले लिया. उसके बाद सतेंद्र ने सितंबर 2022 से सुधीर को रुपया भेजना बंद कर दिया. सुधीर जब भी जाता तीनों आरोपी कहते कि नागेंद्र सिन्हा से बात हो रही है. रुपया जल्द मिल जाएगा.

सुधीर ने थाने में दर्ज कराई प्राथमिकी : इसी बीच सतेंद्र कुमार और नागेंद्र सिन्हा शहर से अनेकों ट्रक की हेरा-फेरी में जेल चले गए तो उपमा देवी और मणिकांत शाही ने सुधीर से कहा कि आपका ट्रक भाड़ा पर चलाया जा रहा है. अभी हमलोग परेशान हैं, आपका ट्रक और रुपया तुरंत दिया जाएगा. जिसके बाद सुधीर कुमार विश्वास पर रहे, लेकिन न ट्रक मिला और ना ही रुपया. बाद में हत्या की धमकी दी जाने लगी. जिसके बाद सुधीर कुमार ने बीते मार्च महीने में तीनों के खिलाफ सदर थाने में एफआईआर दर्ज कराई.

ये भी पढ़ेः मुजफ्फरपुर में मटन कारोबारी हत्या मामले में पांच युवक गिरफ्तार, प्रोटेक्शन गैंग के वर्चस्व में हुआ मर्डर

मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में भाड़े पर ट्रक लेकर गायब करने के मामले में पुलिस ने मास्टरमाइंड सतेंद्र सिंह के साले रजनीकांत शाही को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. उसके खिलाफ नगर थाना क्षेत्र के निवासी सुधीर कुमार ने बीते मार्च महीने में सदर थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. नौ महीने से वह फरार चल रहा था. वो औराई थाना के राजखण्ड का रहने वाला है. फिलहाल उससे थाने में गहनता से पूछताछ की जा रही है.

ट्रक मिसिंग मामले में आरोपी गिरफ्तारः बताया जाता है कि आरोपी का एक बड़े राजनीतिक दल से तालुकात रखता है. वहीं थानेदार कुंदन कुमार ने बताया कि ट्रक भाड़े पर लेकर गायब करने के मामले में आरोपी को पकड़ा गया है, वह बार-बार नाम पता बदल रहा है, उसके नाम पते का सत्यापन किया जा रहा है. इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

"आरोपी रजनीकांत शाही बहुत पहुंच पैरवी वाला है. इसी कारण एफआईआर के बाद भी वो पिछले नौ महीना से पुलिस गिरफ्त से बाहर था. शहर में ही किराए के मकान में बदल-बदलकर रह रहा था"- पीड़ित सुधीर कुमार का चालक

क्या है पूरा मामाल : सदर थाने में दर्ज एफआईआर में पीड़ित सुधीर कुमार ने बताया था कि उनका एक ट्रक था, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर BR06GB 9878 था, उसी ट्रक को चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे थे. लॉक डाउन के कारण उनकी स्थिति खराब हो गई. लोन देने में परेशानी हो रही थी. तब उनके पास मणिकांत शाही उर्फ रजनीकांत शाही बीते एक जुलाई 2022 को आया और बोला कि मेरे बहन बहनोई ट्रक लेकर भाड़ा पर चलाते हैं. इसलिए भाड़ा पर ट्रक लगवा देते हैं.

विश्वास में लेकर ट्रक पर हुई डीलः उसके बाद रजनीकांत सुधीर को लेकर भगवानपुर यादव नगर स्थित अपने बहनोई सतेंद्र कुमार व बहन उपमा देवी के यहां लेकर गया. जहां उससे तीनों आदमी ने ट्रक को लेकर छह जुलाई को आने को कहा. इसके बाद उस तिथि को ट्रक लेकर वहां गया. जहां पहले से पटना के नागेंद्र सिन्हा बैठे थे. सतेंद्र कुमार व उसकी पत्नी उपमा देवी और मणिकांत शाही ने विश्वास दिलाया कि हम लोग इन्ही के माध्यम से गाड़ी का डील करते हैं. मेरे ऊपर विश्वास करके गाड़ी दें आपको हर महीने में रुपया मिल जाएगा.

90 हजार रुपया महीना देने की हुई थी बातः चारों आदमी के साथ यह तय हुआ कि एक लाख रुपया महीना हुआ. जिसमें 90 हजार रुपया ट्रक मालिक को मिलेगा और 10 हजार रुपये कमीशन का सतेंद्र कुमार लेंगे. बात फाइनल होने पर सुधीर कुमार से ट्रक की चाबी उसी समय सतेंद्र कुमार ने अपने आवास पर ले लिया. उसके बाद सतेंद्र ने सितंबर 2022 से सुधीर को रुपया भेजना बंद कर दिया. सुधीर जब भी जाता तीनों आरोपी कहते कि नागेंद्र सिन्हा से बात हो रही है. रुपया जल्द मिल जाएगा.

सुधीर ने थाने में दर्ज कराई प्राथमिकी : इसी बीच सतेंद्र कुमार और नागेंद्र सिन्हा शहर से अनेकों ट्रक की हेरा-फेरी में जेल चले गए तो उपमा देवी और मणिकांत शाही ने सुधीर से कहा कि आपका ट्रक भाड़ा पर चलाया जा रहा है. अभी हमलोग परेशान हैं, आपका ट्रक और रुपया तुरंत दिया जाएगा. जिसके बाद सुधीर कुमार विश्वास पर रहे, लेकिन न ट्रक मिला और ना ही रुपया. बाद में हत्या की धमकी दी जाने लगी. जिसके बाद सुधीर कुमार ने बीते मार्च महीने में तीनों के खिलाफ सदर थाने में एफआईआर दर्ज कराई.

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