मुजफ्फरपुरः बिहार के मुजफ्फरपुर में नूडल्स फैक्ट्री में बीते 26 दिसम्बर को बॉयलर ब्लास्ट में सात मजदूरों की मौत हो गई थी. हादसे में कई मजदूर घायल भी हुए थे. इसी बीच बिहार राज्य कर्मचारी बीमा निगम (ईएसआई) की ओर से जांच में ईएसआई का लाभ देने में घोर लापरवाही सामने आ (Noodle Company Violated ESI Rules) रही है. ईएसआई के अधिकारियों के अनुसार कंपनी में 400 मजदूर काम कर रहे थे, लेकिन इसके दायरे में सिर्फ 46 मजदूरों को लाभ दिया जा रहा है. ईएसआई के तहत मिलने वाला मुआवजा, पेंशन सहित अन्य लाभ सिर्फ ईएसआई में पंजीकृत मजदूरों को मिलेगा. जांच के बाद कंपनी पर ईएसआई के नियमों के उल्लंघन का मामला भी अलग से दायर होगा.
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इसी को लेकर ईएसआई की टीम मुजफ्फरपुर बॉयलर ब्लास्ट में मृतक और घायल मजदूरों के सत्यापन में जुटी है. ज्ञात हो कि हादसे के बाद पूरे मामले में बियाडा के अधिकारी की ओर से फैक्ट्री के मालिक विकास मोदी, उनकी पत्नी श्वेता मोदी, मैनेजर, टेक्नीशियन सहित पांच को नामजद और अन्य कंपनी के जिम्मेदार लोगों पर बेला थाना में केस दर्ज कराया गया था. इस मामले में पुलिस अब सभी नामजद लोगों की सत्यापन करने में जुटी हुई है. इसके बाद पुलिस न्यायालय के समक्ष सभी के गिरफ्तारी के लिए वारंट की अर्जी डालेगी.
वहीं दूसरी और बता दें कि श्रम विभाग की ओर से हादसे के संबंध में जो जानकारी इकट्ठा किया गया है, उसके अनुसार कंपनी के बॉयलर में टेंपरिंग की बात सामने आ रही. इससे कई सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर अधिकारी ने बॉयलर की कैसे जांच की. अब जांच करने वाले अधिकारियों पर भी जांच की सुई जाती हुई दिख रही है.
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दूसरी ओर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या जो मृतक या फिर घायल मजदूर, जिनका नाम ईएसआई में था या नहीं करीबन 10 दिनों से अधिक से चल रहे सत्यापन का काम कब पूरा होगा? इस पर अधिकारी कुछ भी बोलने से भी कतरा रहे हैं.
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