मुंगेरः मछली पालन के लिए सरकार कई योजना चला रही है. जिससे मत्स्य व्यवसायी स्वरोजगार कर आय में वृद्धि कर सकें. जिसमें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना है. इस योजना के अंतर्गत साइकिल सह आइस बॉक्स ग्राम स्तर के खुदरा मत्स्य विक्रेताओं को दी जाती है. जिससे खुदरा विक्रेता साइकिल से मछली बेच सके वही आइस बॉक्स में मछली रखने से मछलियां ज्यादा देर तक सुरक्षित रहें. इसके बावजूद भी मत्स्य विभाग की लापरवाही से लोग इस योजना का फायदा नहीं पा रहे हैं.
प्रचार-प्रसार के अभाव में लाभार्थी रहे वंचित
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत लाभार्थी को साइकिल सह आइस बॉक्स ग्राम स्तर के खुदरा मत्स्य विक्रेताओं को दिया जाता है. जिससे खुदरा विक्रेता साइकिल से दूर तक मछली जाकर बेच सकें. वही आइस बॉक्स में मछली रखने से मछलियां ज्यादा देर तक सुरक्षित रहें. मुंगेर जिले में यह योजना कछुआ गति से चल रही है. जिसके कारण वर्ष 2019-20 में मात्र 4 आवेदकों को ही इसका लाभ मिला. मछली विक्रेता सुरेंद्र साहनी एवं बटोरनी देवी ने बताया कि हम लोग किला परिसर में सड़क किनारे पिछले 2 साल से खुदरा मछली बेचते हैं. लेकिन हमें इस योजना की जानकारी नहीं है.
कैसे पाएं इस योजना का लाभ
खुदरा मत्स्य विक्रेता अपनी एक तस्वीर वार्ड पार्षद या मुखिया से विक्रेता होने का प्रमाण पत्र लेकर कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं. इस योजना के अंतर्गत 10 हजार रुपए की राशि विक्रेता को दिया जाता है. जिससे वह साइकिल एवं आइसबॉक्स खरीद सकें. यह राशि सरकार अनुदान के रूप में देती है. जिसे विक्रेता को वापस नहीं करना होता. इसमें महिला या पुरुष कोई भी लाभ के लिए आवेदन कर सकते हैं.
वरदान साबित होगी योजना
वहीं जिला मत्स्य पदाधिकारी शंभू कुमार ने बताया कि सरकार की मंशा है कि ग्रामीण स्तर पर भी मछली विक्रेता आत्मनिर्भर बनें. उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा सके इस दिशा में काम किया जा रहा है. मछली विक्रेता सड़क के किनारे दिनभर जितनी मछलियां बेच पाते हैं उससे भरण-पोषण करना मुश्किल हो रहा है. ऐसे में साइकिल आइस बॉक्स योजना उनके लिए वरदान साबित होगी.