मुजफ्फरपुर: बिहार सरकार के मंत्री मदन साहनी बुधवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे. यहां उन्होंने कथित तौर पर शराब जांच को लेकर की गई एक परिवार की पिटाई मामले में आईजी को फोनकर इसकी जांच करने का निर्देश दिया. मदन सहनी ने कहा कि स्थानीय स्तर पर हमलोगों की जानकारी मिली कि एक महिला जो अपने परिवार के साथ मुंबई में रहती है और उसके परिवार में श्राद्धकर्म था. इस कारण वह यहां घर आई थी. सिवायपट्टी थानाध्यक्ष ने अकारण उनके घर के महिला पुरुषों की पिटाई की.
ये भी पढ़ें:थानाध्यक्ष की पिटाई से घायल हलवाई की हालत गंभीर, SKMCH रेफर
मदन सहनी ने आईजी को किया काॅल: मदन सहनी ने कहा कि हमलोगों ने फोटो भी देखी. तस्वीर देखने से लगता है कि बर्बरता पूर्ण पिटाई है. थानाध्यक्ष कहीं न कहीं दोषी हैं. हमने आईजी से भी कहा है कि इसकी जांच हो. अगर महिलाओं के साथ और अन्य लोगों के साथ गलत हुआ है तो इसका इंसाफ होना चाहिए. दरअसल, मुजफ्फरपुर पहुंचे मंत्री के पास पीड़ित परिवार फरियाद लेकर पहुंचा था. इस बाबात मदन सहनी ने तुरंत आईजी को फोनकर मामले से अवगत करवाया और इस मामले की जांच कराने की मांग की. आईजी ने मंत्री को उचित जांचकर कार्रवाई का भरोसा दिया है.
"पीड़ित परिवार की ओर से जितने भी साक्ष्य दिए गए हैं. उससे यह प्रतीत होता है कि स्थानीय थानेदार इसमें दोषी हैं और इतनी बर्बरता पूर्ण पिटाई किसी की भी प्रशासन की तरफ से नहीं करनी चाहिए यह गलत है. हमने आईजी से भी कहा है कि इसकी जांच हो. अगर महिलाओं के साथ और अन्य लोगों के साथ गलत हुआ है तो इसका इंसाफ होना चाहिए" - मदन सहनी, मंत्री
बहुत दिनों से परेशान है पीड़ित परिवार: घटना के बारे में बताया जाता है कि पुलिस की पिटाई से घायल महिला पुरुषों का इलाज मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में कराया गया था. इस मामले में पुलिस ने पुलिस टीम पर हमला और सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने का भी मामला दर्ज किया था. वहीं पीड़ित परिवार ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर कई वरीय अधिकारियों को आवेदन पत्र दिया था, लेकिन किसी के द्वारा अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई थी.
पहले भी कई नेता कर चुके है कार्रवाई की मांग: बताते चलें कि इस मामले को लेकर पूर्व मंत्री मुकेश साहनी, सभापति देवेश चंद्र ठाकुर, लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान के साथ-साथ कई नेता आए थे और सभी को मुजफ्फरपुर के प्रशासन ने हर संभव उचित जांच का भरोसा दिया था, लेकिन अब तक किसी तरह की ठोस कार्रवाई स्थानीय पुलिस पर नहीं हुई थी. अब देखना है कि बिहार सरकार के मंत्री का निर्देश कितना रंग लाता है.
क्या है मामला: मुंबई में रहने वाले दंपत्ति और उसका परिवार एक श्राद्ध कर्म में घर आया था. इस दौरान 22 अप्रैल की रात पुलिस ने अवैध शराब के मामले को लेकर छापेमारी करने पहुंची थी और इस दौरान महिलाओं के साथ साथ बच्चे और घर के पुरुषों जमकर पीटा. इसके बाद करीब 08 लोग महिला पुरुष समेत इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराए गए थे. इस मामले को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ पीड़ित परिवार संबंधित जिले के वरीय अधिकारियों से कई बार मिला, लेकिन न्याय नहीं मिली.