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DPO Kidnaping Case: 53 दिन बाद भी नहीं चला कोई पता, परिजनों से बोली पुलिस- आश्रम और मंदिर में खोजें

मुजफ्फरपुर से रहस्यमयी तरीके से लापता हुए डीपीओ राजेश कुमार का 53 बाद भी कोई पता नहीं चला है. डीपीओ के परिजनों को पुलिस ने आश्रम और मन्दिर में भी खोजबिन करने की सलाह दी है. डीपीओ के परिजनों ने थाना में अपहरण का मामला दर्ज करवाया था. जिसके बाद से पुलिस भी जांच पड़ताल में जुटी है, लेकिन अबतक कोई पता नहीं चल पाया है.

मधुबनी डीपीओ राजेश कुमार
मधुबनी डीपीओ राजेश कुमार
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Published : Mar 27, 2023, 6:44 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र से रहस्यमयी तरीके से लापता मधुबनी के डीपीओ राजेश कुमार (Madhubani DPO Rajesh Kumar) का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है. 53 दिन बीतने के बाद भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल पायी है. डीपीओ के परिवार के लोग अहियापुर थाना क्षेत्र के अयाची गांव में रहते हैं. परिजन आज भी अपने परिवार के मुखिया के आने की राह देख रहे हैं. लापता हुए मधुबनी के डीपीओ राजेश कुमार की पत्नी अर्चना कुमारी ने बताया कि भगवान की ओर भरोसा है कहि न कही से कुछ अच्छा होगा और हमारे पति वापस आएंगे.

ये भी पढ़ें- madhubani crime news: शिक्षा विभाग के डीपीओ मुजफ्फरपुर से लापता, पत्नी ने दर्ज कराया अपहरण का मामला

रहस्यमय तरीके से डीपीओ हुए लापता: डीपीओ के बेटे हर्षित बताते हैं कि कोई न कोई गलत हाथों में पापा पड़ गए हैं, जो कोई अपहरण करके उन्हें रखे हुए है. बताते चलें कि मधुबनी जिले में कार्यरत डीपीओ राजेश कुमार मुजफ्परपुर जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र से अचानक रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए थे. डीपीओ राजेश कुमार की पत्नी ने अहियापुर थाना में अपहरण की शिकायत भी दर्ज कराई थी. मामला दर्ज होने के बाद से पुलिस की जांच चल रही है, लेकिन पुलिस को अबतक कोई ठोस सुराग नहीं मिली है.

बैंक खाते से दो बार हुई फ्रॉड: गायब डीपीओ राजेश कुमार के बैंक खाते से 4 फरवरी को दो बार पैसे की निकासी हुई थी. दो बार में 11 और 21 हजार रुपये निकाले गए. पुलिस ने इसकी जांच की पता चला कि दोनों पैसा किसी ने फ्रॉड कर लिया है. पुलिस सूत्रों की माने तो यह आकलन किया जा रहा था कि राजेश कुमार किसी फ्रॉड के चक्कर में पड़ गए हैं. उस पहलू पर भी पुलिस ने जांच की लेकिन कुछ नहीं मिला.

पुलिस पर उठ रहे सवाल: अब जिले के लोग भी पुलिस की इस कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि जब सरकारी कर्मचारी का खोजबीन पुलिस की टीम नहीं कर सकती है, तो आमजन तो भगवान भरोसे ही हैं. पुलिस की जांच कैसी है जो अब तक सरकारी अधिकारी को नहीं ढूंढ पायी है. क्या इसी जांच का हवाला देते हैं बिहार के सुशासन बाबू, यही है बिहार में सुशासन. अगर किसी के साथ अनहोनी हो जाए तो उसका रखवाला भगवान ही है. प्रशासन पर भरोसा करना आज के तारीख में ठीक नहीं है. सूत्रों का कहना है कि डीपीओ के परिजनों को पुलिस ने मंदिरों में भी खोजबीन करने को कहा है.

बेटे और पत्नी को आज भी है उम्मीदें: रहस्यमय तरीके से गायब मधुबनी के डीपीओ राजेश कुमार के बड़े बेटे हर्षित कुमार और उनकी पत्नी अर्चना कुमारी को आज भी उन्हें सकुशल वापस आने की उम्मीद है. वो भगवान से मिन्नतें मांग ही रहे हैं. साथ ही साथ आम जनों से भी यह विनती की है कि किन्ही को अगर उनके पति राजेश कुमार दिखाई दे तो कृपया कर उन्हें सकुशल पहुंचाने में मदद करें. उनकी पत्नी इस केस को लेकर बिहार के डीजीपी तक से गुहार लगा चुकी हैं. पुलिस की जांच जारी है, लेकिन डीपीओ का कोई पता नहीं चला है. इसलिए ज्यादा चिंता हो रही है. अपने से जहां तक बन पड़ा है, वहां तक खोजबीन कर रहे हैं. मंदिर, मठ, घर-परिवार, रिश्तेदार सभी जगह पर सभी लोग खोजबीन में जुटे हैं.

अंतिम लोकेशन पुलिस को मिला था बीबीगंज: मधुबनी के गायब डीपीओ राजेश कुमार के बड़े पुत्र की माने तो पुलिस जांच पड़ताल के क्रम में पुलिस की टीम को अंतिम लोकेशन मुजफ्फरपुर के बीबीगंज में मिला था. उसके बाद से उनका मोबाइल बंद है. कहीं कोई ट्रैस नहीं मिल रहा है. न ही अब तक किसी का कॉल आया है. हमें उम्मीद है कि किसी ने अपहरण कर रखा है. भगवान सब ठीक करेंगे और पापा जरूर वापस आएंगे.

"डीपीओ का कोई सुराग नहीं मिला है. परिजन लगातार पुलिस के संपर्क में हैं. वैज्ञानिक और मानवीय सूचना संकलन के आधार पर जांच जारी है. जल्द नतीजे सामने आएंगे."- नगर डीएसपी राघव दयाल

कब होगी सकुशल बरामदगी: 53 दिन बीत जाने के बाद भी सरकारी अधिकारी की बरामदगी नहीं हुई है, तो क्या उम्मीद लगाया जा सकता है कि मुजफ्फरपुर पुलिस लापता डीपीओ को सकुशल बरामद कर लेगी. सवाल उठना लाजमी है, परिजनों ने अपहरण की आशंका जताते हुए अहियापुर थाना में मामला दर्ज कराया है. पुलिस की जांच जारी है, लेकिन परिणाम शून्य है. डीपीओ के परिजन भी मीडिया के माध्यम से लोगों से अपील की है कि किसी को अगर राजेश कुमार दिखाई देते हैं तो पुलिस को इसकी सूचना दें.

मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र से रहस्यमयी तरीके से लापता मधुबनी के डीपीओ राजेश कुमार (Madhubani DPO Rajesh Kumar) का अब तक कोई पता नहीं चल पाया है. 53 दिन बीतने के बाद भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल पायी है. डीपीओ के परिवार के लोग अहियापुर थाना क्षेत्र के अयाची गांव में रहते हैं. परिजन आज भी अपने परिवार के मुखिया के आने की राह देख रहे हैं. लापता हुए मधुबनी के डीपीओ राजेश कुमार की पत्नी अर्चना कुमारी ने बताया कि भगवान की ओर भरोसा है कहि न कही से कुछ अच्छा होगा और हमारे पति वापस आएंगे.

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रहस्यमय तरीके से डीपीओ हुए लापता: डीपीओ के बेटे हर्षित बताते हैं कि कोई न कोई गलत हाथों में पापा पड़ गए हैं, जो कोई अपहरण करके उन्हें रखे हुए है. बताते चलें कि मधुबनी जिले में कार्यरत डीपीओ राजेश कुमार मुजफ्परपुर जिले के अहियापुर थाना क्षेत्र से अचानक रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए थे. डीपीओ राजेश कुमार की पत्नी ने अहियापुर थाना में अपहरण की शिकायत भी दर्ज कराई थी. मामला दर्ज होने के बाद से पुलिस की जांच चल रही है, लेकिन पुलिस को अबतक कोई ठोस सुराग नहीं मिली है.

बैंक खाते से दो बार हुई फ्रॉड: गायब डीपीओ राजेश कुमार के बैंक खाते से 4 फरवरी को दो बार पैसे की निकासी हुई थी. दो बार में 11 और 21 हजार रुपये निकाले गए. पुलिस ने इसकी जांच की पता चला कि दोनों पैसा किसी ने फ्रॉड कर लिया है. पुलिस सूत्रों की माने तो यह आकलन किया जा रहा था कि राजेश कुमार किसी फ्रॉड के चक्कर में पड़ गए हैं. उस पहलू पर भी पुलिस ने जांच की लेकिन कुछ नहीं मिला.

पुलिस पर उठ रहे सवाल: अब जिले के लोग भी पुलिस की इस कार्यशैली पर कई सवाल खड़े कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि जब सरकारी कर्मचारी का खोजबीन पुलिस की टीम नहीं कर सकती है, तो आमजन तो भगवान भरोसे ही हैं. पुलिस की जांच कैसी है जो अब तक सरकारी अधिकारी को नहीं ढूंढ पायी है. क्या इसी जांच का हवाला देते हैं बिहार के सुशासन बाबू, यही है बिहार में सुशासन. अगर किसी के साथ अनहोनी हो जाए तो उसका रखवाला भगवान ही है. प्रशासन पर भरोसा करना आज के तारीख में ठीक नहीं है. सूत्रों का कहना है कि डीपीओ के परिजनों को पुलिस ने मंदिरों में भी खोजबीन करने को कहा है.

बेटे और पत्नी को आज भी है उम्मीदें: रहस्यमय तरीके से गायब मधुबनी के डीपीओ राजेश कुमार के बड़े बेटे हर्षित कुमार और उनकी पत्नी अर्चना कुमारी को आज भी उन्हें सकुशल वापस आने की उम्मीद है. वो भगवान से मिन्नतें मांग ही रहे हैं. साथ ही साथ आम जनों से भी यह विनती की है कि किन्ही को अगर उनके पति राजेश कुमार दिखाई दे तो कृपया कर उन्हें सकुशल पहुंचाने में मदद करें. उनकी पत्नी इस केस को लेकर बिहार के डीजीपी तक से गुहार लगा चुकी हैं. पुलिस की जांच जारी है, लेकिन डीपीओ का कोई पता नहीं चला है. इसलिए ज्यादा चिंता हो रही है. अपने से जहां तक बन पड़ा है, वहां तक खोजबीन कर रहे हैं. मंदिर, मठ, घर-परिवार, रिश्तेदार सभी जगह पर सभी लोग खोजबीन में जुटे हैं.

अंतिम लोकेशन पुलिस को मिला था बीबीगंज: मधुबनी के गायब डीपीओ राजेश कुमार के बड़े पुत्र की माने तो पुलिस जांच पड़ताल के क्रम में पुलिस की टीम को अंतिम लोकेशन मुजफ्फरपुर के बीबीगंज में मिला था. उसके बाद से उनका मोबाइल बंद है. कहीं कोई ट्रैस नहीं मिल रहा है. न ही अब तक किसी का कॉल आया है. हमें उम्मीद है कि किसी ने अपहरण कर रखा है. भगवान सब ठीक करेंगे और पापा जरूर वापस आएंगे.

"डीपीओ का कोई सुराग नहीं मिला है. परिजन लगातार पुलिस के संपर्क में हैं. वैज्ञानिक और मानवीय सूचना संकलन के आधार पर जांच जारी है. जल्द नतीजे सामने आएंगे."- नगर डीएसपी राघव दयाल

कब होगी सकुशल बरामदगी: 53 दिन बीत जाने के बाद भी सरकारी अधिकारी की बरामदगी नहीं हुई है, तो क्या उम्मीद लगाया जा सकता है कि मुजफ्फरपुर पुलिस लापता डीपीओ को सकुशल बरामद कर लेगी. सवाल उठना लाजमी है, परिजनों ने अपहरण की आशंका जताते हुए अहियापुर थाना में मामला दर्ज कराया है. पुलिस की जांच जारी है, लेकिन परिणाम शून्य है. डीपीओ के परिजन भी मीडिया के माध्यम से लोगों से अपील की है कि किसी को अगर राजेश कुमार दिखाई देते हैं तो पुलिस को इसकी सूचना दें.

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