मुजफ्फरपुर: लॉक डाउन के बीच लीची कारोबार को बचाने के लिए देर से ही सही प्रशासनिक पहल शुरू हो गई है. डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को लीची उत्पादकों, व्यापारियों और लीची प्रोसेसिंग यूनिट चलाने वाले प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई.
बैठक में लॉक डाउन की स्थिति में लीची उत्पादकों, व्यापारियों और प्रोसेसिंग यूनिट चलाने वालों के सामने उत्पन्न कठिनाइयों के बाबत विस्तृत विचार विमर्श किया गया. लीची उत्पादकों ने बताया कि अभी तक लीची की खरीद के लिए व्यापारी वर्ग सामने नहीं आए हैं. अतः लीची खरीद का प्रतिशत बहुत ही कम है.
पास निर्गत करने की मांग
लीची उत्पादकों ने लॉक डाउन के कारण व्यापारियों के आवागमन को लेकर और लीची की तुड़ाई ,छंटाई और पैकेजिंग के कार्यों में आ रही बाधाओं के मद्देनजर चिंता प्रकट की. साथ ही लीची व्यापारियों ने रेलवे से अतिरिक्त रैक की सुविधा दिलाने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि ट्रक से बाहर के राज्यों में विशेषकर दिल्ली में लीची भेजी जाती है. जहां की मंडी में समय पर लीची उपलब्ध कराना अनिवार्य है. ट्रकों का आवागमन सुगम रहे और माल की ढुलाई स-समय हो सके, इसके लिए जिला प्रशासन से पास निर्गत करने की मांग भी रखी गई.
लीची टास्क फोर्स समिति का गठन
लीची उत्पादकों को आ रही कठिनाई के मद्देनजर डीएम ने अविलंब जिलास्तरीय लीची टास्क फोर्स समिति का गठन करने का निर्देश दिया. जिसके अध्यक्ष उप विकास आयुक्त होंगे और उनकी अध्यक्षता में प्रत्येक मंगलवार को बैठक की जाएगी. कमिटी में जिला कृषि अधिकारी, जिला उद्यान अधिकारी, जिला उद्योग प्रबंधक, जिला परिवहन अधिकारी के साथ लीची उत्पादक और व्यापारी प्रोसेसिंग यूनिट चलाने वाले के एक-एक प्रतिनिधि भी शामिल होंगे.
बैठक में डीएम ने आश्वस्त किया कि लीची की ढुलाई से संबंधित परिवहन में किसी भी तरह की समस्या उत्पन्न नहीं होने दी जाएगी. शाम 6 बजे के बाद भी लीची लोडिंग का कार्य किया जा सकेगा. इसके लिए विहित प्रक्रिया के तहत प्रशासन की ओर से परमिशन दिया जाएगा.