नई दिल्ली/पटना: बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में सोमवार को सीबीआई ने सुप्रीम में हलफनामा दाखिल किया. सीबीआई ने कहा कि उसने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम से संबंधित सभी 17 मामलों में अपनी जांच पूरी कर ली है. बता दें कि सीबीआई ने 7 अन्य आश्रय गृहों के लोगों के खिलाफ चार्जशीट पिछले साल नवंबर-दिसंबर में दायर की गई थी.
सीबीआई ने स्थिति रिपोर्ट में कहा, 'सभी 17 आश्रय गृह मामलों में जांच पूरी हो गई है. 13 नियमित मामलों में अंतिम रिपोर्ट सक्षम अदालत को भेजी गई है. चार प्रारंभिक मामलों की जांच पूरी हो गई है और आपराधिक कृत्य को साबित करने वाले साक्ष्य नहीं मिले और इसलिए इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है.'
रिपोर्ट में कहा गया है कि, 'सभी मामलों में संलिप्त सरकारी सेवकों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बिहार के मुख्य सचिव को सीबीआई की रिपोर्ट भेज दी गई है.
25 जिलाधिकारियों पर हो कार्रवाई : सीबीआई
सीबीआई ने कोर्ट को बताया बिहार में विभिन्न आश्रय गृहों में बच्चों के उत्पीड़न को रोकने में सरकारी अधिकारी अपनी ड्यूटी निभाने में नाकाम रहे हैं. इसके साथ ही सीबीआई ने सुझाव दिया है कि बिहार सरकार को 25 जिलाधिकारियों और अन्य सरकारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए.
सीबीआई ने यह भी कहा कि बिहार सरकार से आग्रह किया गया है कि विभागीय कार्रवाई करे और सीबीआई के प्रारूप में जांच परिणाम मुहैया कर संबंधित एनजीओ का पंजीकरण रद्द करने और उन्हें काली सूची में डालने के लिए कहा गया है. सीबीआई ने कहा कि, 'बालिका गृह मुजफ्फरपुर के एक मामले में सुनवाई पूरी हो गई है और फैसला 14 जनवरी तक सुनाया जाएगा.'
ये भी पढ़ें: बिहार की दो हस्तियां फोर्ब्स मैगजीन के टॉप-20 लोगों में शामिल
क्या है मामला
बिहार के मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ द्वारा संचालित आश्रय गृह में कई लड़कियों से कथित रूप से दुष्कर्म और यौन उत्पीड़न किया गया था और टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान की रिपोर्ट के बाद यह मुद्दा उछला था. इस मामले की जांच सीबीआई को स्थानांतरित की गई थी और एजेंसी ने ब्रजेश ठाकुर सहित 21 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था.
सीबीआई ने कहा कि जांच के दौरान, जांच अधिकारियों और राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं न्यूरो विज्ञान संस्थान द्वारा दर्ज पीड़ितों के बयान में 11 लड़कियों के नाम सामने आए हैं जिनकी आरोपी ब्रजेश और उसके सहयोगियों ने कथित रूप से हत्या कर दी थी.