मुजफ्फरपुरः बिहार के कई जिले जहां बाढ़ का दंश (Flood In Bihar) झेल रहे हैं, वहीं कई जिलों में लगातार बाढ़ का खतरा बना हुआ है. मुजफ्फरपुर जिले (Muzaffarpur) से गुजरने वाली तीन प्रमुख नदियां उफान पर है. कई गावों में नदी का पानी घुस आया है. बाढ़ के कारण लोग सड़क पर आ गए हैं. इस बीच जिला प्रशासन भी बाढ़ राहत के लिए प्रयास कर रहा है.
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मुजफ्फरपुर से बहने वाली बूढ़ी गंडक, गंडक और बागमती नदी नदी इन दिनों उफनाई हुई है. नदी का पानी कई गांवों में घुस गया है. साहेबगंज, पारू, औराई, मीनापुर, कटरा, गायघाट, बांद्रा और कांटी प्रखंड के दर्जनों गांवों के हजारों लोगों की जिंदगी तबाह हो गई है. बाढ़ से राहत के लिए वे इन दिनों सड़क पर गुजारा करने को मजबूर हैं.
बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए जिला प्रशासन के द्वारा राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है. मिठनसराय, माधोपुर, कोल्हुआ, पैगंबरपुर के सैकड़ों लोग राहत शिविरों में गुजर-बसर कर रहे हैं. शिविरों में ही उनके रहने खाने की व्यवस्था की गई है. इस बीच ईटीवी भारत की टीम ने बाढ़त पीड़ितों को दी जा रही सुविधाओं का जब जायजा लिया तो सरकार और जिला प्रशासन के दावे की पोल खुल गई.
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बाढ़ राहत शिविरों की हकीकत ये है कि वहां लोगों को भोजन देने के नाम पर बस खानापूर्ति हो रही है. बाढ़ पीड़ितों को राहत शिविर में दोपहर 2 बजे खाना दिया जा रहा है. वहां रह रहे लोगों ने बताया कि बुजुर्गों और बच्चों को काफी दिक्कतें हो रही है.