मुजफ्फरपुर: जिले में चमकी बुखार का कहर दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है. ताजा आंकड़ों के मुताबिक अब तक 168 बच्चों की मौत हो चुकी है. सरकार लगातार दावा कर रही है कि वह अपने स्तर से चमकी को रोकने में लगी है. लेकिन, जमीनी हकीकत विपरीत दिखाई पड़ रही है. सरकारी दावे लगातार फेल हो रहे हैं.
ईटीवी भारत के संवाददाता गुरूवार को मुसहरी प्रखंड के राजाभुनास गांव पहुंचे. यहां उन्होंने कई ग्रामीणों से बातचीत कर चमकी पर उनकी जागरूकता समझनी चाही. ताज्जुब की बात है कि मुजफ्फरपुर में इस बीमारी के कहर सबसे ज्यादा होने के बावजूद लोगों को इसके लक्षण और रोकथाम के उपाय नहीं पता है. जबकि इस गांव में अबतक 4-5 बच्चों की मौत चमकी से ही हुई है.
'नहीं आया कोई सरकारी फरमान या मदद'
स्थानीय लोगों से पूछने पर पता चला कि गांव में कोई अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्र नहीं है. जब कोई बीमार पड़ जाता है तो उसे अस्पताल ले जाने में बड़ी समस्या होती है. वहीं, जब गांववालों से सरकारी मदद के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि उन्हें जागरूक करने के लिए अबतक कोई सरकारी अधिकारी या दस्तावेज नहीं आया है.
चमकी से हुई बच्चे की मौत, मां सदमे में
कुछ दिनों पहले ही इस गांव में एक बच्चे की मौत चमकी बुखार से हुई है. हंसते-खेलते घर में अब मातम पसरा है. मृत बच्चे की मां मानो सदमे में है. उन्होंने रुआंसे स्वर में कहा कि सरकार के तरफ से उन्हें अभी तक मुआवजा नहीं मिला है.