मुजफ्फरपुर : जिले में स्वास्थ्य विभाग के द्वारा कोरोना जांच के नाम पर किये गए फर्जीवाड़ा का खेल (Fraud Exposed in Corona Test ) भी उजागर होने लगा है. कोरोना जांच के नाम पर फर्जी आंकड़े दर्ज करने की शिकायतों पर जिलाधिकारी द्वारा गठित जांच टीम की रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इस जांच रिपोर्ट के सामने आने के बाद जिले के स्वास्थ्य महकमे ( Muzaffarpur Health Department) में हड़कंप मच गया है.
इसे भी पढ़ें : मुजफ्फरपुर: SDO ने मोतीपुर और कांटी PHC का किया औचक निरीक्षण
जांच टीम की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे
एडीएम की अध्यक्षता में गठित जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि टेस्टिंग के नाम पर फर्जी मोबाइल नंबर दर्ज करने, सेंट्रल स्टोर से मिले टेस्टिंग किट से अधिक जांच करने, साथ ही टेस्टिंग किट गायब करने जैसे मामले सामने आए हैं. सबसे अधिक चौंकाने वाला खुलासा ये है कि इस फर्जीवाड़े के इस खेल में पीएचसी के साथ-साथ मुजफ्फरपुर का सदर अस्पताल भी शामिल है. इस गड़बड़ी में शामिल कई अधिकारियों को जिला प्रशासन ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
डीएम ने दिये थे जांच के आदेश
वहीं इस फर्जीवाड़े के खेल में शामिल सदर अस्पताल के तीन संविदाकर्मियों को सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश भी कर दी गई है. दरअसल, जिले में एंटीजन जांच में गड़बड़ी की खबर मीडिया में आने के बाद डीएम ने जांच का आदेश दिया था. जांच में यह चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. डीएम को सौंपी गई में प्रखंड वार आंकड़ा चौंकाने वाला है. औराई, बंदरा, बोचहां, कांटी, कटरा, कुढ़नी, माोतिपुर, मुरौल, सरैया पीएचसी व सदर अस्पताल का सेंट्रल ड्रग स्टोर से जारी एंटीजन किट से भी अधिक जांच दिखाया गया है.
आवंटित किट से ज्यादा की गई जांच
रिपोट में स्पष्ट कहा गया है कि कोरोना जांच के लिए प्राप्त एंटीजन किट का लेखा-जोखा करने में स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी लापरवाही बरती है. सकरा पीएचसी का सेंट्रल ड्रग स्टोर ने 1 मार्च से 31 मई के बीच 7 हजार 350 एंटीजन किट जारी किया. पर, इस अवधि में उसने 8450 एंटीजन किट प्राप्त करने का दावा किया है. हद तो ये है कि इस अवधि में उसने प्राप्त किट 8450 से 218 अधिक लोगों की कोरोना की जांच कर ली गई. इतना ही नहीं जांच से भी 381 अधिक 9049 लोगों का डाटा सेंट्रल पोर्टल पर अपलोड कर दिया गया है. बोचहां पीएचसी में भी कुछ इसी तरह की गड़बड़ी हुई है.