मुजफ्फरपुर: मुज़फ्फरपुर रेलवे स्टेशन रोड (Muzaffarpur Railway Station Road) के 122 वैध दुकानदारों के विस्थापन, थर्मल पावर के पाइप लाइन से प्रभावित किसानों का मामला सहित कई अन्य ज्वलंत मुद्दों को लेकर सोमवार को पूर्व मंत्री अजीत कुमार (Former Minister Ajit Kumar) के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जिलाधिकारी से मिला और उन्हें तीन अलग-अलग ज्ञापन सौंपे.
यह भी पढ़ें- खगड़िया: भूमिहीनों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर जमीन उपलब्ध करवाने की लगाई गुहार
ज्ञापन में पहला मामला 50 वर्ष पूर्व से वैध रूप से रेलवे की जमीन पर दुकान बनाकर व्यवसाय कर रहे लोगों को नगर निगम द्वारा बिना वैकल्पिक व्यवस्था किए 20 अगस्त तक दुकान हटाने का फरमान जारी करने का था. प्रतिनिधिमंडल ने इस संबंध में जिलाधिकारी को बताया कि हम लोग वर्ष 1972 से उक्त रेलवे की जमीन पर वैध रूप से व्यवसाय कर रहे हैं.
नगर निगम द्वारा दुकानदारों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था किए बिना 20 अगस्त तक दुकान हटाने का आदेश जारी कर दिया गया है. जबकि उक्त दुकान का वर्ष 2021 तक का रेवेन्यू रेलवे विभाग को एडवांस में दिया जा चुका है.
नगर निगम के इस फरमान से लोग असहज हो गए हैं और इस बारिश के मौसम में सबके समक्ष रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है. ऐसे में इस अभियान को बरसात तक रोके जाने के लिए ज्ञापन सौंपा गया.
जिलाधिकारी ने प्रतिनिधि मंडल को सुनने के उपरांत कहा कि यह मामला स्मार्ट सिटी से जुड़ा है. नाला निर्माण के लिए यह कार्रवाई की जा रही है फिर भी उन्होंने समस्या पर रेलवे विभाग के वरीय अधिकारी एवं नगर निगम से बात करने का आश्वासन दिया.
इस दौरान कांटी थर्मल पावर के पाइप लाइन से प्रभावित किसानों को उनके जमीन का आवासीय दर पर भुगतान एवं उनके परिजन को एनटीपीसी में नौकरी देने का मामला भी उठा. किसानों को सुनने के उपरांत जिला अधिकारी ने कहा कि इस मामले को वे स्वयं स्थल पर जाकर देखेंगे.
प्रतिनिधिमंडल ने शहर के नारकीय स्थिति एवं शहर के किनारे बसे नए कॉलोनियों में जलजमाव का मुद्दा भी उठाया और जिलाधिकारी से विशेष तौर पर जल निकासी की व्यवस्था करने की मांग की. जिलाधिकारी ने अतिवृष्टि पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि प्रशासन की ओर से इस ओर कार्रवाई की जा रही है.
यह भी पढ़ें- Muzaffarpur: लगातार हो रही बारिश ने बिगाड़ी स्मार्ट सिटी की सूरत, झील में तब्दील हुआ शहर
यह भी पढ़ें- हाल-ए-मुजफ्फरपुर: न बाढ़ आया न बांध टूटा, फिर भी डूब गई 'स्मार्ट सिटी'