मुजफ्फरपुरः बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने मुजफ्फरपुर (Jitan Ram Manjhi in Muzaffarpur) में एक कार्यक्रम के दौरान फिर से विवादित बयान दिया है. शराबबंदी (Prohibition Law in Bihar) के सवाल पर उन्होंने कहा कि जब सीएम नीतीश कुमार शराबबंदी कानून लाए थे, तो हम सभी ने इसका समर्थन किया था. हम उस इलाके से आते हैं, जहां घरों में शराब बनाई जाती थी. लेकिन आज जो शराबबंदी पर कार्रवाई चल रही है, उसमें पक्षपात ( Manjhi on Liquor Ban) हो रहा है. साथ ही शराब पीने वालों को कहा है कि शरीफों की तरह रात 10 बजे के बाद पीओ और सो जाओ.
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वहीं नीति आयोग के रिपोर्ट पर भी कहा कि जिस तरह से रिपोर्ट में बिहार को फिसड्डी दिखाया गया है, तो केंद्र सरकार को चाहिए कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दे दे, जिससे बिहार विकास करे. जानकारी दें कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी पर फिर से सत्ता पक्ष में शामिल हम पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का शराबबंदी पर बयान राजनीतिक भूचाल ला चुका है. ऐसे में देखना होगा कि इस तरह की बयानबाजी से मुजफ्फरपुर में होनेवाले विधानसभा उपचुनाव पर कोई असर पड़ता है या नहीं.
बता दें कि इससे पहले भी वे शराबबंदी पर विवादित बयान दे चुके हैं. उन्होंने कहा था कि शराबबंदी कानून में बदलाव होने चाहिए. कम मात्रा में शराब पिए हुए गरीब लोगों को जेल नहीं भेजना चाहिए. इस कानून में कई खामियां हैं. इनको दूर किया जाना चाहिए. जीतनराम मांझी ने कहा कि आदिवासियों द्वारा उनके कूल देवता की पूजा में शराब चढ़ाने की परंपरा है. ऐसे में शराबबंदी कानून कहां से सफल हो पाएगा. शराबबंदी कानून पर उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि इसमें संशोधन की जरूरत है ताकि कम मात्रा में शराब पीने वाले जेल न जाएं.
उन्होंने कहा था कि बड़े-बड़े आईएएस अधिकारी यहां तक कि जज भी शराब पीते हैं लेकिन 10 बजे के बाद. इसी तरह आम लोगों के लिए भी व्यवस्था होनी चाहिए. जिससे वे शराब का सेवन करें लेकिन पीकर सड़कों पर घूमें तब सजा का प्रावधान हो. नहीं तो पुलिस पौवा भर शराब पीने वालों को भी जेल भेज दे रही है. यह गलत है.
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