मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में तेजी से बाढ़ (Muzaffarpur Flood) के हालात बिगड़ने लगे है. लगातार बाढ़ का पानी नए इलाकों में फैल रहा है. अब तक मुजफ्फरपुर के 8 प्रखंड बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं. मीनापुर में बाढ़ (Flood in Minapur) से सबसे खराब हालात हैं. मीनापुर स्थित बनघारा पावर सब स्टेशन (Banghara Power Sub Station) में बूढी गंडक (Budhi Gandak) का पानी घुस गया है. जिससे बड़े इलाके में विद्युत आर्पूति का खतरा उत्पन्न हो गया है.
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बता दें कि बूढ़ी गंडक का पानी 8 प्रखंडों के 20 पंचायतों के 80 से अधिक गांवों में घुस गया है. दर्जनों गांव का प्रखंड मुख्यालय से सड़क संपर्क टूट चुका है. मुजफ्फरपुर शिवहर स्टेट हाईवे के डायवर्सन पर पानी चढ़ जाने से शिवहर को मुजफ्फरपुर से जोड़ने वाली सड़क पर आवागमन पहले ही ठप है. वहीं अब नदी का पानी तेजी से बनघारा पावर सब स्टेशन में प्रवेश कर गया है. स्टेशन में करीब चार फीट पानी भर जाने से अब प्रखंड के कई इलाकों की बिजली आपूर्ति कभी भी बंद हो सकती है.
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फिलहाल अभी इस पॉवर सब स्टेशन से विधुत आपूर्ति जारी है. लेकिन कंट्रोल यूनिट में पानी के प्रवेश करते ही विधुत आपूर्ति को बंद कर ली जाएगी. जिससे एक बड़े इलाके में ब्लैकआउट होने का खतरा मंडराने लगा है.
'मीनापुर के बनघारा पावर सब स्टेशन में बाढ़ का पानी भरने लगा है. जिससे हालात लगातार बिगड़ रहे है. 24 घंटे पावर सब स्टेशन की निगरानी की जा रही है.' - अखिलेश कुमार गुप्ता, कर्मी, बनघरा पावर सब स्टेशन
नदियों के उफान की वजह से कांटी प्रखंड (Kanti Block) की तीन पंचायत पूरी तरह बूढ़ी गंडक के पानी में घिर गए है. जहां करीब पंद्रह हजार से अधिक की आबादी बाढ़ के पानी में फंसी हुई है. काटी प्रखंड के कोल्हुआ पैगंबरपूर, मिठनसराय, माधोपुर और शेरपुर, पहाड़पुर इलाके पूरी तरह बाढ़ के पानी की जद में हैं. इन इलाकों में पांच से सात फीट तक बाढ़ का पानी लगा हुआ है. इस वजह से इन इलाकों में तेजी से लोग अपने घर-बार छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जा रहे हैं. बाढ़ प्रभावित इलाके के अधिकांश लोग फिलहाल मुजफ्फरपुर से लगे दरभंगा राष्ट्रीय राजमार्ग 57 पर शरण ले रहे हैं.
बताते चलें कि बिहार में हर साल बाढ़ से भारी तबाही होती है. जिससे लाखों लोग प्रभावित होते हैं. लोगों के घर बाढ़ में बह जाते हैं. लोगों को इसकी कीमत अपनी जान देकर चुकाना पड़ता है. उत्तरी बिहार और नेपाल में हो रही बारिश के कारण कोसी, कमला, बागमती, गंडक और बूढ़ी गंडक जैसी नदियां इन दिनों अपना रौद्र रुप धारण की हुई है.