ETV Bharat / state

न नाव की व्यवस्था.. न कम्युनिटी किचन, 20 दिन से बाढ़ में फंसी सैकड़ों लोगों की जान

बिहार (Bihar Flood) के मुजफ्फरपुर से सटे कांटी प्रखंड के पांच पंचायतों में बाढ़ से भयावह हालात बने हुए हैं. नगर पंचायत के कई इलाके बाढ़ में डूब चुके हैं. लेकिन इन लोगों तक सरकारी मदद आज तक नहीं पहुंची है. पढ़िए पूरी खबर..

Muzaffarpur Flood
Muzaffarpur Flood
author img

By

Published : Sep 11, 2021, 5:48 PM IST

Updated : Sep 11, 2021, 6:43 PM IST

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur Flood) में भले ही पिछले एक सप्ताह से बारिश नहीं हो रही हो लेकिन बूढ़ी गंडक नदी में उफान की वजह से अभी भी कांटी (Kanti Block) और मीनापुर प्रखंड (Meenapur Block) के करीब एक दर्जन से अधिक पंचायत बाढ़ का दंश (Flood Affected Area) झेलने को विवश हैं. विडम्बना है कि दोबारा आई बाढ़ की चपेट में एक बड़ी आबादी फंसी हुई है. लेकिन उसके बाद भी इन इलाकों मे आपदा पीड़ितों को किसी तरह की प्रशासनिक मदद नहीं मिल रही है.

यह भी पढ़ें- बाढ़ पीड़ितों का टूटा सब्र: मुखिया प्रतिनिधि का पकड़ा कॉलर, CO को 3 किमी पैदल घुमाया

कांटी प्रखंड के पांच पंचायतों के साथ इस बार कांटी नगर पंचायत के भी कई ग्रामीण इलाके बाढ़ का कहर झेल रहे हैं. जहां के कई गांवों में दो से चार फीट तक बाढ़ का पानी लगा हुआ है. ऐसे में घर बार और खेत सब पानी मे डूबे हुए हैं. काटी नगर पंचायत से सटे कोठिया का ईटीवी भारत ने जायजा लिया. यहां बाढ़ की विभिषिका झेल रहे लोगों की हालत काफी खराब है. दूर दूर तक सिर्फ पानी का सैलाब दिख रहा है. लोग इन्हीं हालातों में किसी तरह से अपने जीवन की गाड़ी को आगे बढ़ा रहे हैं.

देखें वीडियो

मेरे घर में पानी घुस गया है. कोई भी हमें देखने नहीं आता है. जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक कोई आज तक नहीं पहुंचा. पिछले 20 दिनों से ऐसे ही हालात बने हुए हैं. पानी के कारण खाना तक नहीं बन पा रहा. हमारे सामने भूखे रहने के अलावा दूसरा और कोई रास्ता नहीं है.- मो तनवीर, बाढ़ पीड़ित

वहीं कांटी प्रखंड में दूसरे पंचायतो में भी बाढ़ से हालात बिगड़े हुए हैं. कांटी के धमौली रामनाथ पूर्वी के पांच वार्ड बाढ़ से प्रभावित हैं. तीन वार्ड के दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है. यहां के लोग धमौली चंद्रभान में शरण लिए हुए हैं. वही कोल्हुआ पैगम्बरपुर, लसगरीपुर व दादर कोल्हुआ में भी बाढ़ की स्थिति यथावत बनी हुई है.

घर बाहर हर जगह पानी ही पानी है. पोता को तो यहां से भेज दिए हैं. लेकिन हमलोगों के सामने कोई विकल्प नहीं है. सामुदायिक किचन तक नहीं है. किसी तरह सत्तू चूड़ा खाकर जीवन काट रहे हैं.- जमील बेगम, बाढ़ पीड़ित

आश्चर्य की बात यह है कि इन बाढ़ग्रस्त इलाकों के लिए नाव, पॉलीथिन, सामुदायिक शौचालय, सामुदायिक रसोई की सुविधा अभी तक चालू नहीं हो पाई है. ऐसे में लोग जुगाड़ के नाव के सहारे अपनी दिनचर्या को पूरा कर रहे हैं. वहीं इलाके में फसल क्षति का भी आंकलन अभी तक नहीं हो पाया है. इधर आपदा पीड़ित कम्युनिटी किचन के शुरू नहीं होने के कारण दाने दाने को मोहताज हैं.

जिले की बाकी दो नदियां गंडक व बागमती का जलस्तर स्थिर है. इससे औराई, कटरा, गायघाट व साहेबगंज प्रखंड के लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है. शुक्रवार को बूढ़ी गंडक का जलस्तर शहर के सिकंदरपुर में खतरे के निशान के निकट पहुंच गया. झीलनगर, सिकंदरपुर, कर्पूरीनगर, आश्रम घाट, चंदवारा में भी बूढ़ी गंडक के बढ़ते जलस्तर से अफरातफरी देखी गई. मोहल्ले की सड़क तथा घरों के चारों ओर पानी फैल गया है. सड़क पर पानी चढ़ जाने से लोगों को आवागमन में कठिनाई हो रही है. जिससे इस इलाके के लोग एक बार फिर आवश्यक सामान के साथ पलायन की तैयारी में हैं. वहीं कई जगहों पर अभी राहत कैंप शुरू नहीं होने को लेकर बाढ़ पीड़ितो में प्रशासन के प्रति काफी गुस्सा देखा जा रहा है.

यह भी पढ़ें- बूढ़ी गंडक नदी उफान पर, मुजफ्फरपुर के निचले इलाकों में फिर बाढ़ जैसे हालात

यह भी पढ़ें- तबाही मचा रही बूढ़ी गंडक: सैकड़ों घर डूबे, जान जोखिम में डालकर सड़क पार कर रहे लोग

मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur Flood) में भले ही पिछले एक सप्ताह से बारिश नहीं हो रही हो लेकिन बूढ़ी गंडक नदी में उफान की वजह से अभी भी कांटी (Kanti Block) और मीनापुर प्रखंड (Meenapur Block) के करीब एक दर्जन से अधिक पंचायत बाढ़ का दंश (Flood Affected Area) झेलने को विवश हैं. विडम्बना है कि दोबारा आई बाढ़ की चपेट में एक बड़ी आबादी फंसी हुई है. लेकिन उसके बाद भी इन इलाकों मे आपदा पीड़ितों को किसी तरह की प्रशासनिक मदद नहीं मिल रही है.

यह भी पढ़ें- बाढ़ पीड़ितों का टूटा सब्र: मुखिया प्रतिनिधि का पकड़ा कॉलर, CO को 3 किमी पैदल घुमाया

कांटी प्रखंड के पांच पंचायतों के साथ इस बार कांटी नगर पंचायत के भी कई ग्रामीण इलाके बाढ़ का कहर झेल रहे हैं. जहां के कई गांवों में दो से चार फीट तक बाढ़ का पानी लगा हुआ है. ऐसे में घर बार और खेत सब पानी मे डूबे हुए हैं. काटी नगर पंचायत से सटे कोठिया का ईटीवी भारत ने जायजा लिया. यहां बाढ़ की विभिषिका झेल रहे लोगों की हालत काफी खराब है. दूर दूर तक सिर्फ पानी का सैलाब दिख रहा है. लोग इन्हीं हालातों में किसी तरह से अपने जीवन की गाड़ी को आगे बढ़ा रहे हैं.

देखें वीडियो

मेरे घर में पानी घुस गया है. कोई भी हमें देखने नहीं आता है. जनप्रतिनिधि से लेकर अधिकारी तक कोई आज तक नहीं पहुंचा. पिछले 20 दिनों से ऐसे ही हालात बने हुए हैं. पानी के कारण खाना तक नहीं बन पा रहा. हमारे सामने भूखे रहने के अलावा दूसरा और कोई रास्ता नहीं है.- मो तनवीर, बाढ़ पीड़ित

वहीं कांटी प्रखंड में दूसरे पंचायतो में भी बाढ़ से हालात बिगड़े हुए हैं. कांटी के धमौली रामनाथ पूर्वी के पांच वार्ड बाढ़ से प्रभावित हैं. तीन वार्ड के दर्जनों घरों में बाढ़ का पानी घुसा हुआ है. यहां के लोग धमौली चंद्रभान में शरण लिए हुए हैं. वही कोल्हुआ पैगम्बरपुर, लसगरीपुर व दादर कोल्हुआ में भी बाढ़ की स्थिति यथावत बनी हुई है.

घर बाहर हर जगह पानी ही पानी है. पोता को तो यहां से भेज दिए हैं. लेकिन हमलोगों के सामने कोई विकल्प नहीं है. सामुदायिक किचन तक नहीं है. किसी तरह सत्तू चूड़ा खाकर जीवन काट रहे हैं.- जमील बेगम, बाढ़ पीड़ित

आश्चर्य की बात यह है कि इन बाढ़ग्रस्त इलाकों के लिए नाव, पॉलीथिन, सामुदायिक शौचालय, सामुदायिक रसोई की सुविधा अभी तक चालू नहीं हो पाई है. ऐसे में लोग जुगाड़ के नाव के सहारे अपनी दिनचर्या को पूरा कर रहे हैं. वहीं इलाके में फसल क्षति का भी आंकलन अभी तक नहीं हो पाया है. इधर आपदा पीड़ित कम्युनिटी किचन के शुरू नहीं होने के कारण दाने दाने को मोहताज हैं.

जिले की बाकी दो नदियां गंडक व बागमती का जलस्तर स्थिर है. इससे औराई, कटरा, गायघाट व साहेबगंज प्रखंड के लोगों ने थोड़ी राहत की सांस ली है. शुक्रवार को बूढ़ी गंडक का जलस्तर शहर के सिकंदरपुर में खतरे के निशान के निकट पहुंच गया. झीलनगर, सिकंदरपुर, कर्पूरीनगर, आश्रम घाट, चंदवारा में भी बूढ़ी गंडक के बढ़ते जलस्तर से अफरातफरी देखी गई. मोहल्ले की सड़क तथा घरों के चारों ओर पानी फैल गया है. सड़क पर पानी चढ़ जाने से लोगों को आवागमन में कठिनाई हो रही है. जिससे इस इलाके के लोग एक बार फिर आवश्यक सामान के साथ पलायन की तैयारी में हैं. वहीं कई जगहों पर अभी राहत कैंप शुरू नहीं होने को लेकर बाढ़ पीड़ितो में प्रशासन के प्रति काफी गुस्सा देखा जा रहा है.

यह भी पढ़ें- बूढ़ी गंडक नदी उफान पर, मुजफ्फरपुर के निचले इलाकों में फिर बाढ़ जैसे हालात

यह भी पढ़ें- तबाही मचा रही बूढ़ी गंडक: सैकड़ों घर डूबे, जान जोखिम में डालकर सड़क पार कर रहे लोग

Last Updated : Sep 11, 2021, 6:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.