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बिहार में चमकी बुखार की दस्तक, मुजफ्फरपुर से सामने आया पहला केस - chamki fever in Muzaffarpur

बिहार में चमकी बुखार एक बार फिर से दस्तक दे दी है. मुजफ्फरपुर के पारू से चमकी बुखार का पहला मामला सामने आया है.

Muzaffarpur
मुजफ्फरपुर से सामने आया चमकी बुखार का पहला केस
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Published : Feb 19, 2021, 3:34 PM IST

Updated : Feb 19, 2021, 3:42 PM IST

मुजफ्फरपुर: बिहार में अबूझ पहेली बने चमकी बुखार यानी एईएस ने गर्मी शुरू होने से पहले ही मुजफ्फरपुर में दस्तक दे दी है. जिले के पारू से चमकी बुखार का पहला मामला सामने आया है. यहां एक 4 वर्षीय बच्चे में चमकी के लक्षण मिलने के बाद उसे देर रात गंभीर हालत में एसकेएमसीएच मेडिकल कालेज के पीकू वार्ड में भर्ती किया गया है. एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. बीएस झा ने पहले मामले की पुष्टि कर दी है.

पढ़े: मुजफ्फरपुर: चमकी पर प्रहार! बच्चों को मिलेगी अब मल्टीविटामिन सप्लीमेंट

चमकी बुखार की हुई पुष्टी
जानकारी के अनुसार पारू निवासी 4 वर्षीय आकाश कुमार को दो दिन पहले एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था. तेज बुखार और चमकी के लक्षण दिखने पर परिजन उसे लेकर आए थे. इसके बाद जांच रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टरों ने बच्चे में एईएस की पुष्टि की है.

2019 में 200 बच्चों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि एसकेएमसीएच में 2019 में चमकी बुखार का कहर देखने को मिला था. इस अस्पताल में 120 से अधिक बच्चों की मौत चमकी से हुई थी. पूरे बिहार में इस बीमारी की वजह से 200 बच्चों की मौत हुई थी. चमकी बुखार से पीड़ित रोगियों के लिए एसकेएमसीएमच में 72 करोड़ से अधिक की लागत से 100 बेड का पीकू (शिशु गहन चिकित्सा यूनिट) और 60 बेड का इंसेफ्लाइटिस वार्ड तैयार कर लिया गया है.

देखें रिपोर्ट.

क्या है चमकी बुखार?
एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम को बोलचाल की भाषा में लोग चमकी बुखार कहते हैं. इस संक्रमण से ग्रस्त रोगी का शरीर अचानक सख्त हो जाता है और मस्तिष्क और शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है. आम भाषा में इसी ऐंठन को चमकी कहा जाता है.

मुजफ्फरपुर: बिहार में अबूझ पहेली बने चमकी बुखार यानी एईएस ने गर्मी शुरू होने से पहले ही मुजफ्फरपुर में दस्तक दे दी है. जिले के पारू से चमकी बुखार का पहला मामला सामने आया है. यहां एक 4 वर्षीय बच्चे में चमकी के लक्षण मिलने के बाद उसे देर रात गंभीर हालत में एसकेएमसीएच मेडिकल कालेज के पीकू वार्ड में भर्ती किया गया है. एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. बीएस झा ने पहले मामले की पुष्टि कर दी है.

पढ़े: मुजफ्फरपुर: चमकी पर प्रहार! बच्चों को मिलेगी अब मल्टीविटामिन सप्लीमेंट

चमकी बुखार की हुई पुष्टी
जानकारी के अनुसार पारू निवासी 4 वर्षीय आकाश कुमार को दो दिन पहले एसकेएमसीएच में भर्ती कराया गया था. तेज बुखार और चमकी के लक्षण दिखने पर परिजन उसे लेकर आए थे. इसके बाद जांच रिपोर्ट आने के बाद डॉक्टरों ने बच्चे में एईएस की पुष्टि की है.

2019 में 200 बच्चों की हुई थी मौत
गौरतलब है कि एसकेएमसीएच में 2019 में चमकी बुखार का कहर देखने को मिला था. इस अस्पताल में 120 से अधिक बच्चों की मौत चमकी से हुई थी. पूरे बिहार में इस बीमारी की वजह से 200 बच्चों की मौत हुई थी. चमकी बुखार से पीड़ित रोगियों के लिए एसकेएमसीएमच में 72 करोड़ से अधिक की लागत से 100 बेड का पीकू (शिशु गहन चिकित्सा यूनिट) और 60 बेड का इंसेफ्लाइटिस वार्ड तैयार कर लिया गया है.

देखें रिपोर्ट.

क्या है चमकी बुखार?
एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम को बोलचाल की भाषा में लोग चमकी बुखार कहते हैं. इस संक्रमण से ग्रस्त रोगी का शरीर अचानक सख्त हो जाता है और मस्तिष्क और शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है. आम भाषा में इसी ऐंठन को चमकी कहा जाता है.

Last Updated : Feb 19, 2021, 3:42 PM IST
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