मजफ्फरपुर: जिले में अन्नदाता इन दिनों नीलगाय के आतंक के आगे बेबस हो गए है. विगत तीन सालों से कांटी प्रखंड के दर्जनों पंचायत के हजारों किसानों की फसल को नीलगाय बर्बाद कर देते हैं. इससे निपटने के लिए किसान ने हजारों रुपए खर्च कर खेतों पर तार और जाली लगाकर फसल बचाने का प्रयास तो जरूर किया, लेकिन इसके बावजूद भी छुटकारा नहीं मिल पाया है.
नीलगाय के झुंड से अपने फसलों को बचाने के लिए कुछ किसान बाड़, जाली और तार खोतों के चारों ओर लगा रहे हैं, लेकिन इसको तोड़कर भी नीलगाय खेतों में प्रवेश कर जाते हैं. अब मजबूरी में अन्नदाता को रात में खेतों पर मौजूद रहकर फसल बचाने के लिए चौकीदारी करना पड़ रहा है. किसानों ने सरकार से इस समस्या पर ध्यान देने की अपील की है.
नीलगाय के आतंक से किसान त्रस्त
कांटी प्रखंड में विभिन्न पंचायतों में करीब पांच सौ से अधिक नीलगायों का कई झुंड विचरते हुए देखा जाता है. जिसने किसानों से उनका चैन छीन लिया है. कांटी प्रखंड मुख्यालय से सटे हुए ही करीब 60 से अधिक गांव नीलगाय के आतंक से त्रस्त है.
किसानों ने खेती करना कर दिया बंद
नीलगायों के आतंक से प्रभावित गांवों में, मड़वन, नरसन्डे, पहाड़पुर, मधुवन, कोठियां, पिपरा, ढेमहा, रामपुर, बहादुरपुर, पानापुर हवेली, कुशी, साइन समेत कई अन्य गांव शामिल है. इन इलाकों में बड़ी संख्या में किसानों ने तो नीलगायों के आतंक की वजह से खेतों करना तक बंद कर दिया है.