मुजफ्फरपुर: बागमती और गंडक नदी का रौद्र रूप अब इंसानों के साथ-साथ वन्यजीवों के जान पर भी भारी पड़ रहा है. नदी में आई बाढ़ के कारण वाल्मीकिनगर के जंगल से जंगली जानवर और जीव जंतु नदी के रास्ते अब समतल इलाकों में पहुंच रहे हैं. नदी की तेज धार में बहकर कई जंगली जानवर खासकर हिरण बड़ी संख्या में जिले के बाढ़ प्रभावित इलाकों में आ रहे हैं.
पकड़े जा चुके हैं 10 से अधिक हिरण
जिले के साहेबगंज और पारू से इन दिनों बड़ी संख्या में हिरण नदी से पकड़े जा रहे हैं. पिछले एक सप्ताह में इस इलाके में 10 से अधिक हिरण गंडक नदी से बरामद किया जा चुका है. फिलहाल गंडक नदी में बह कर पहुंचे दस हिरण और उनके बच्चों को रेस्क्यू कर पारू स्थित रामचंद्रपुर नर्सरी में रखा गया है.
इन्हें वन विभाग द्वारा जल्द ही बेतिया के डियर रेस्क्यू पार्क में भेज दिया जाएगा. बाढ़ के पानी के लगातार तेजी से फैलने के कारण जंगली जानवरों के रिहायशी इलाकों में पहुंचने का सिलसिला जारी है. जानवर भी बाढ़ के पानी से खुद को बचाने के लिए अपने इलाके से बाहर आ रहे है.
अलर्ट मोड में हैं वन प्रक्षेत्र के अधिकारी
गंडक और बागमती नदी की तेज धार में बहकर आ रहे जंगली जानवरों को देखते हुए मुजफ्फरपुर वन प्रक्षेत्र के अधिकारी भी अब अलर्ट पर हैं. इसको लेकर वन प्रक्षेत्र ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है. अभी तक जिले में तीन जगहों से करीब 10 हिरण पकड़े जा चुके हैं. जबकि एक हिरण की पानी में डूबने से मौत भी हो चुकी है.
गंडक नदी से रेस्क्यू कर फिलहाल हिरणों के निकालने का काम पिछले एक सप्ताह से वन विभाग की टीम कर रही है. साथ ही वन विभाग के अधिकारियों ने आम लोगों से अपील करते हुए कहा है कि अगर किसी को कोई जंगली जानवर बहता हुआ नजर आए तो इसकी सूचना तत्काल वन विभाग को दें.