मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में चमकी बुखार (AES) का कहर जारी है. सोमवार को सीतामढ़ी (Sitamarhi) की 3 वर्षीय पायल कुमारी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. पायल को सीतामढ़ी के पुपरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से गंभीर हालत में एसकेएमसीएच (SKMCH) रेफर किया गया था.
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7 बच्चों की हो चुकी है मौत
बता दें कि इस वर्ष अभी तक 30 बच्चों में AES की पुष्टि हो चुकी है. जिसमें से 7 बच्चों की इलाज के दौरान मौत भी हो चुकी है. बता दें कि जिला प्रशासन चमकी बुखार को लेकर जागरुकता अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में चला रहा है. वहीं अधिकारी भी हर सप्ताह अपने क्षेत्र में जागरुकता कार्यक्रम कर रहे हैं.
खाना खिलाकर सुलाने की अपील
स्वास्थ्य विभाग इस बार भी एईएस की चुनौती से निपटने के लिए पूर्व की तरह एसओपी अपनाने पर जोर दे रहा है. इस रोग के शिकार बच्चों में पूर्व में मिले लक्षणों के आधार पर चिकित्सक इस बार भी ग्लूकोज लेवल की मॉनिटरिंग पर जोर दे रहे हैं. डॉक्टर बीमारी से बचाव के लिए अभिभावकों से बच्चों को रात में खाना खिलाकर सुलाने की अपील कर रहे हैं.
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तेज बुखार का अटैक
चमकी बुखार में अकसर रात के तीसरे पहर और सुबह में तेज बुखार का अटैक आता है. अमूमन यह बीमारी उन बच्चों पर ज्यादा प्रभावी होती है जिनका ग्लूकोज लेवल कम रहता है. यही वजह है स्वास्थ्य विभाग ने सभी एईएस प्रभावित इलाकों में बच्चों को सही न्यूट्रिशन देने से संबंधित गाइडलाइंस जारी किया है.
चमकी बुखार के लक्षण
- लगातार तेज बुखार आना
- शरीर में ऐंठन होना
- कमजोरी की वजह से बार-बार बेहोश हो जाना
- कभी-कभी शरीर सुन्न हो जाना और झटके लगते रहना
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कई बच्चों की हुई थी मौत
बता दें कि कुछ साल पहले मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार की वजह से कई बच्चों की मौत हो गई थी. एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम को चमकी बुखार कहा जाता है. इसके कारण मरीज का शरीर अचानक सख्त हो जाता है. साथ ही मस्तिष्क और शरीर में ऐंठन होती है. ज्यादा गर्मी और मौसम में नमी के कारण यह बीमारी बढ़ जाती है.