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मुजफ्फरपुर : चमकी बुखार ने ली 4 और बच्चों की जान, अब तक 62 बच्चों की मौत - 64 child died in due to chmki fever

आपको बता दें कि चमकी बुखार बच्चों के लिए काल बनता जा रहा है. एक आकड़ें के अनुसार इस बीमारी के कारण 2010 से अबतक 1,245 बच्चे पीड़ित हुए है. इनमें 392 बच्चों की मौत हो चुकी है.

अस्पताल में भर्ती बच्चे
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Published : Jun 13, 2019, 8:09 AM IST

मुज़फ्फरपुर: चमकी बुखार से बच्चों की मौत का सिलसिला अभी भी जारी है. बुधवार शाम तक इस बुखार से चार और बच्चों की मौत हो गई है. जिले के एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में देर रात तक 22 नए मरीजों को भर्ती किया गया है. बीते 12 दिनों में चमकी बुखार से 62 बच्चों की मौत हो गई.

muzzaffarpur
अस्पताल में भर्ती बच्चे

बढ़ रही है मरीजों की संख्या
मालूम हो इन दिनों बिहार में चमकी बुखार का प्रकोप लगातार जारी है. इस बीमारी से अब तक 62 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं, सरकारी आकड़ों के मुताबिक अब तक 34 बच्चों की मौत हुई है.

डॉक्टरों का सुझाव
इस बीमारी का अटैक ज्यादातर सुबह में ही होता है. इस जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए डॉक्टरों ने कहा है कि बच्चों पर खास ध्यान देने की जरूरत है. बच्चों में पानी की कमी न होने दें. इस बीमारी में मृतक बच्चों में से अधिकांश की उम्र 1 से 7 वर्ष के बीच है.

muzzaffarpur
रोते बिलखते परिजन

90 के दशक से है बीमारी
गौरतलब है कि 90 के दशक से इस बीमारी का प्रकोप मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के कई जिलों में है. अब तक सैकड़ों बच्चों की जान अज्ञात बीमारी ने ले ली है, लेकिन, सिस्टम और डॉक्टर भी इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाये हैं कि इस लाइलाज बीमारी से कैसे मासूम बच्चों को बचाया जाए.

2010 का आंकड़ा
आपको बता दें कि चमकी बुखार बच्चों के लिए काल बनता जा रहा है. एक आकड़ें के अनुसार इस बीमारी के कारण 2010 से अबतक 1,245 बच्चे पीड़ित हुए है. इनमें 392 बच्चों की मौत हो चुकी है.

मुज़फ्फरपुर: चमकी बुखार से बच्चों की मौत का सिलसिला अभी भी जारी है. बुधवार शाम तक इस बुखार से चार और बच्चों की मौत हो गई है. जिले के एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में देर रात तक 22 नए मरीजों को भर्ती किया गया है. बीते 12 दिनों में चमकी बुखार से 62 बच्चों की मौत हो गई.

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अस्पताल में भर्ती बच्चे

बढ़ रही है मरीजों की संख्या
मालूम हो इन दिनों बिहार में चमकी बुखार का प्रकोप लगातार जारी है. इस बीमारी से अब तक 62 बच्चों की मौत हो चुकी है. वहीं, सरकारी आकड़ों के मुताबिक अब तक 34 बच्चों की मौत हुई है.

डॉक्टरों का सुझाव
इस बीमारी का अटैक ज्यादातर सुबह में ही होता है. इस जानलेवा बीमारी से बचाव के लिए डॉक्टरों ने कहा है कि बच्चों पर खास ध्यान देने की जरूरत है. बच्चों में पानी की कमी न होने दें. इस बीमारी में मृतक बच्चों में से अधिकांश की उम्र 1 से 7 वर्ष के बीच है.

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रोते बिलखते परिजन

90 के दशक से है बीमारी
गौरतलब है कि 90 के दशक से इस बीमारी का प्रकोप मुजफ्फरपुर समेत उत्तर बिहार के कई जिलों में है. अब तक सैकड़ों बच्चों की जान अज्ञात बीमारी ने ले ली है, लेकिन, सिस्टम और डॉक्टर भी इस नतीजे पर नहीं पहुंच पाये हैं कि इस लाइलाज बीमारी से कैसे मासूम बच्चों को बचाया जाए.

2010 का आंकड़ा
आपको बता दें कि चमकी बुखार बच्चों के लिए काल बनता जा रहा है. एक आकड़ें के अनुसार इस बीमारी के कारण 2010 से अबतक 1,245 बच्चे पीड़ित हुए है. इनमें 392 बच्चों की मौत हो चुकी है.

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