मुजफ्फरपुर: शहीद सीआरपीएफ जवान जितेंद्र का पार्थिक शरीर रविवार देर रात पैतृक घर दुबहा पहुंचा. इस दौरान गांव में मातम पसरा रहा. सोमवार को लगभग पूरा गांव शहीद को विदाई देने के लिए उनके घर पहुंचा था. ग्रामीणों ने नम आंखों से शहीद को अंतिम विदाई दी.
आईईडी ब्लास्ट में हुआ था जख्मी
दरअसल, 5 साल पहले छत्तीसगढ़ के बस्तर में चुनाव के दौरान हुए आईईडी ब्लास्ट में जितेंद्र जख्मी हुए थे. जिसके बाद से लगातार उनका इलाज चल रहा था. शनिवार को एम्स में उन्होंने आखिरी सांस ली. इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
दुबहा बुजुर्ग गांव का था निवासी
जितेंद्र कुमार मुजफ्फरपुर के सकरा स्थित दुबहा बुजुर्ग गांव का रहने वाले थे. पिछले 5 सालों से उनका इलाज एम्स के ट्रामा सेंटर में चल रहा था. रविवार को उनका पार्थिव शरीर मुजफ्फरपुर पहुंचा. स्टेट हैंगर में सीआरपीएफ के आईजी चारू सिन्हा, डीएम रवि कुमार, एसएसपी गरिमा मलिक, एएसपी ऑपरेशन अनिल सिंह, सीआरपीएफ के कमांडेंट अनिल बिष्ट ने शहीद जितेंद्र को गार्ड ऑफ ऑनर दिया.
9 साल पहले ज्वॉइन किया था सीआरपीएफ
साल 2011 में जितेंद्र ने सीआरपीएफ की नौकरी शुरू की थी. हादसे के दौरान वह छत्तीसगढ़ में बहाल थे. जवान बेटे की मौत से परिवार वाले गहरे सदमे में हैं. परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
बता दें कि 7 दिन पहले ही जितेंद्र की दादी का निधन हो गया था. परिजन उनके श्राद्ध कर्म में व्यस्त थे कि तभी उन्होंने अपने जवान बेटे को भी खो दिया. सोमवार को जितेंद्र का अंतिम संस्कार किया गया.