मुजफ्फरपुरः बिहार के चर्चित हत्याकांड मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पत्रकार राजदेव रंजन हत्या मामले में CBI ने जिस गवाह को डेढ साल पहले मृत घोषित किया था, उसकी अब मौत हुई है. मृतका बादामी देवी इस घटना की मुख्य गवाह थी. जिस समय कोर्ट में महिला को गवाह के लिए पेश किया जाना था, उस वक्त सीबीआई ने महिला को मृत होने का प्रमाण दाखिल किया था. इस मामले में कोर्ट ने सीबीआई अधिकारी से शोकॉज भी किया था.
मुजफ्फरपुर सीबीआई कोर्ट में चल रहा केसः राजदेव रंजन हत्याकांड का केस मुजफ्फरपुर सीबीआई कोर्ट में चल रहा है. इसकी जानकारी अधिवक्ता शरद सिन्हा ने दी. उन्होंने बताया कि मुख्य गवाह बादामी देवी की मौत सोमवार को हुई. 1 नवंबर बुधवार को फिर से कोर्ट में तारीख है. हत्या मामले में सुनवाई की जाएगी. अन्य गवाहों की गवाही चल रही है.
"राजदेव रंजन हत्याकांड मामले में बुधबार 01 नवंबर को केस की तारीख निर्धारित है. मुख्य गवाह की मौत हो गई है. अन्य की गवाही होगी." -शदर सिन्हा, अधिवक्ता
2026 में हुई थी पत्रकार की हत्याः 13 मई 2016 को सिवान में पत्रकार राजदेव रंजन की हत्या कर दी गई थी. इस मामले में बादामी देवी सहित अन्य को गवाह बनाया गया था. यह वही महिला है, जिसके घर पर आरोपी कब्जा करना चाहते थे. पत्रकार आरोपियों के खिलाफ आवाज उठा रहे थे. इसी मामले में हत्या कर दी गई थी.
2022 में गवाह को मृत घोषित किया थाः 24 मई 2022 को सीबीआई ने बादामी देवी का डेथ रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल कर दिया था, जिसमें बताया गया था कि मुख्य गवाह की मौत हो गई है. जैसे 80 वर्षीय महिला को पता चला कि CBI ने उसे मृत घोषित कर दिया है, वह तुरंत कोर्ट में हाजिर हो गई थी. इसके बाद सीबीआई की खूब फजीहत हुई थी. कोर्ट ने शोकॉज करते हुए जवाब देने के लिए कहा था.
जांच में खानापूरी का आरोपः अधिवक्ता शरद सिन्हा ने सीबीआई की जांच कर सवाल उठाते हुए कोर्ट से कार्रवाई की मांग की थी. अधिवक्ता ने कहा था कि सीबीआई जांच के नाम पर खानापूरी कर रही है. अधिवक्ता ने आरोप लगाते हुए कहा था कि सीबीआई ने गवाह से संपर्क तक नहीं किया और उसे मृत घोषित कर दिया गया.
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