मुजफ्फरपुर: आधी आबादी यानी महिलाओं को घरेलू हिंसा से संबंधित शोषण व प्रताड़ना से बचाव को लेकर कड़े कानून बनाए जाने के बाद भी महिलाओं से संबंधित ऐसे मामलों में कमी आती नहीं दिख रही है. बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित एक सरकारी अस्पताल में महिलाओं को इलाज के साथ साथ घरेलू हिंसा सुरक्षा को लेकर काउंसलिंग (Counseling for domestic violence protection ) भी की जा रही है. महिलाएं भी घरेलू हिंसा को लेकर शिकायत कर रही हैं.
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''घरेलू हिंसा, दुर्व्यवहार या उत्पीड़न की शिकार महिलाओं की बीमारी के इलाज के साथ-साथ उनकी काउंसलिंग भी की जा रही है. राज्य में यह इस तरह का पहला सेंटर है.'' - डॉ उमेश चंद्र शर्मा, सिविल सर्जन, मुजफ्फरपुर
मुजफ्फरपुर के सदर अस्पताल स्थित मातृ शिशु अस्पताल में महिलाओं के लिए इलाज के साथ उनकी सुरक्षा के लिए काउंसलिंग सेंटर खोला गया है. इस सेंटर की शुरूआत 18 नवंबर को की गई थी. आज इस सेंटर में महिलाएं अपने रोग के अलावा सास के ताने, ननद के उलाहने, पति की पिटाई जैसे घरेलू उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की शिकायत भी कर रही हैं.
काउंसलिंग कर रही महिला चिकित्सक बताती हैं कि यहां अधिकतर महिलाएं छोटी छोटी घरेलू हिंसा के मामले को लेकर पहुंच रही है. हालांकि आने वाली महिलाएं इसके लिए अदालत और पुलिस के पास जाना नहीं चाहती. उन्होंने कहा कि काउंसलिंग के दौरान महिलाएं केवल इससे छुटकारा पाना चाहती हैं.
मुजफ्फरपुर सिविल सर्जन डॉ उमेश चंद्र ने बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो ऐसी महिलाओं को कानून विशेषज्ञों और पुलिस के साथ भी बैठक भी कराने की योजना है. इस दौरान महिलाओं की पहचान गुप्त रखी जाती है.