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MBBS में दाखिले के नाम पर 60 लाख रुपए की ठगी, लखनऊ में 12 लोगों पर FIR दर्ज

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Published : Jan 6, 2023, 12:01 PM IST

एमबीबीएस में दाखिला कराने के लिए ठगी के कई मामले राजधानी में हो चुके हैं. पुलिस अभी एक भी आरोपी को पकड़ नहीं सकी है. जालसाज कंसल्टेंट एजेंसी और ऊंची पहुंच का हवाला देकर डाॅक्टर बनने का सपना देखने वाले युवक युवतियों के अभिभावकों को लाखों की चपत लगा चुके हैं. पढ़ें Muzaffarpur Crime News -

एमबीबीएस में दाखिला कराने के लिए ठगी
एमबीबीएस में दाखिला कराने के लिए ठगी

मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले आनंद देव और पंकज कुमार को शातिर ठगों ने MBBS में दाखिला दिलाने के नाम पर ठग लिए. मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है, जहांं एक ही हफ्ते में दूसरी बार एमबीबीएस में दाखिला (Fraud in MBBS admission) दिलाने के नाम पर जालसाजी करने का मामला सामने आया है. बिहार के रहने वाले दो लोगों के अनुसार उनकी बेटियों ने नीट की परीक्षा दिया था. इसके बाद लखनऊ से कंसल्टेंट एजेंसी उनके पास दाखिला कराने में सहयोग करने की उनके पास कॉल आई और मिलने पर उनसे 30-30 लाख रुपये ठग लिए. पीड़ितों ने विभूतिखंड थाने में साइबर टॉवर व सिम्स हापुड़ समेत 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है.

ये भी पढ़ें- JDU की पूर्व MLC मनोरमा देवी को 51 लाखा चूना लगाने वाला गिरफ्तार


MBBS में एडमिशन दिलाने के नाम पर ठगी : लखनऊ के विभूतिखंड इंस्पेक्टर राम सिंह ने बताया कि मुजफ्फरपुर के रहने वाले आनंद देव व पटना के पंकज कुमार ने तहरीर दी थी कि उनकी बेटियों ने MBBS में दाखिले के लिए NEET की परीक्षा दी थी. परीक्षा देने के कुछ दिनों बाद उनके पास लखनऊ के विभूतिखंड स्थित साइबर टावर में मौजूद सिम्स ग्रुप कंसल्टेंसी से जीनत परवीन नाम की कंसल्टेंट का कॉल आया था. कहा गया कि आपकी बेटी ने MBBS में दाखिले के लिए NEET का एग्जाम दिया है. उनकी एजेंसी दाखिले में सहयोग कर सकती है. यह सुन कर पीड़ित ने बेटी को डॉक्टर बनाने के लिए झट से एजेंसी में रजिस्टर करने के लिए 50 हजार रुपये यूपीआई कर दिया.

जालसाजों ने ऐसे फंसाया: 50 हजार रुपए ट्रांसफर करने के फौरन बाद उनसे डिमांड ड्राफ्ट के नाम पर 2 लाख रुपये की मांग की गई, वह भी उन्होंने दे दिए. पीड़ित ने बताया कि उसके बाद उन्हें कॉलेज एग्रीमेंट करने के लिए लखनऊ में विभूतिखंड के सायबर टॉवर स्थित एजेंसी के कार्यालय बुलाया गया. जहां उनकी मुलाकात राजीव, संजीव व सौरभ से हुई जो उन्हें एक होटल ले गए. वहां से उन्हें ऑफिस ले जाया गया. जहां कई टेली कॉलर लड़कियां मौजूद थीं.

शातिर ठगों ने लाखों रुपए ठगे: पीड़ितों ने बताया कि उन्हें एजेंसी के ऑफिस ले जाकर बताया गया कि उनकी बेटी का MBBS में देखिले के लिए सरस्वती इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में बात हो गई है. उसमें एडिमशन के लिए पेमेंट करना होगा. इसके बाद उन्होंने उनसे 6 लोगों के नंबर पर पैसे ट्रांसफर कराए गए. यही नहीं 8, 9 व 6 लाख के चेक भी लिए गए, जो कैश भी हो गए. पीड़ित के मुताबिक उनसे कुल 30 लाख रुपये लिए गए फिर भी दाखिला नहीं हुआ.

दो दिन पहले हुई थी 13 लाख की ठगी : इससे पहले लखनऊ के रहने वाले राकेश सिंह ने विभूतिखंड थाने में तहरीर दी थी कि उनकी बेटी ने MBBS दाखिले के लिए NEET का एग्जाम दिया था. जिसमें उसके कम नंबर आए थे. इसके बाद उनके पास कॅरियर हाइट्स कंसल्टेंसी एजेंसी से कॉल आई और अटल बाजपेयी मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराने का झांसा देकर 13 लाख रुपये ठग लिए गए. यही नहीं उन्हें एलॉटमेंट लेटर भी दे दिया गया. पीड़ित पिता राकेश जब अपनी बेटी के साथ मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उन्हें दिया गया एलॉटमेंट लेटर फर्जी है और उनके साथ ठगी हुई है. पीड़ित ने विभूतिखंड थाने में मुकदमा दर्ज कराया है.


यह भी पढ़ें : उत्तर प्रदेश में वेब सीरीज को भी सब्सिडी देने का मुख्यमंत्री योगी का ऐलान

मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले आनंद देव और पंकज कुमार को शातिर ठगों ने MBBS में दाखिला दिलाने के नाम पर ठग लिए. मामला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का है, जहांं एक ही हफ्ते में दूसरी बार एमबीबीएस में दाखिला (Fraud in MBBS admission) दिलाने के नाम पर जालसाजी करने का मामला सामने आया है. बिहार के रहने वाले दो लोगों के अनुसार उनकी बेटियों ने नीट की परीक्षा दिया था. इसके बाद लखनऊ से कंसल्टेंट एजेंसी उनके पास दाखिला कराने में सहयोग करने की उनके पास कॉल आई और मिलने पर उनसे 30-30 लाख रुपये ठग लिए. पीड़ितों ने विभूतिखंड थाने में साइबर टॉवर व सिम्स हापुड़ समेत 12 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया है.

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MBBS में एडमिशन दिलाने के नाम पर ठगी : लखनऊ के विभूतिखंड इंस्पेक्टर राम सिंह ने बताया कि मुजफ्फरपुर के रहने वाले आनंद देव व पटना के पंकज कुमार ने तहरीर दी थी कि उनकी बेटियों ने MBBS में दाखिले के लिए NEET की परीक्षा दी थी. परीक्षा देने के कुछ दिनों बाद उनके पास लखनऊ के विभूतिखंड स्थित साइबर टावर में मौजूद सिम्स ग्रुप कंसल्टेंसी से जीनत परवीन नाम की कंसल्टेंट का कॉल आया था. कहा गया कि आपकी बेटी ने MBBS में दाखिले के लिए NEET का एग्जाम दिया है. उनकी एजेंसी दाखिले में सहयोग कर सकती है. यह सुन कर पीड़ित ने बेटी को डॉक्टर बनाने के लिए झट से एजेंसी में रजिस्टर करने के लिए 50 हजार रुपये यूपीआई कर दिया.

जालसाजों ने ऐसे फंसाया: 50 हजार रुपए ट्रांसफर करने के फौरन बाद उनसे डिमांड ड्राफ्ट के नाम पर 2 लाख रुपये की मांग की गई, वह भी उन्होंने दे दिए. पीड़ित ने बताया कि उसके बाद उन्हें कॉलेज एग्रीमेंट करने के लिए लखनऊ में विभूतिखंड के सायबर टॉवर स्थित एजेंसी के कार्यालय बुलाया गया. जहां उनकी मुलाकात राजीव, संजीव व सौरभ से हुई जो उन्हें एक होटल ले गए. वहां से उन्हें ऑफिस ले जाया गया. जहां कई टेली कॉलर लड़कियां मौजूद थीं.

शातिर ठगों ने लाखों रुपए ठगे: पीड़ितों ने बताया कि उन्हें एजेंसी के ऑफिस ले जाकर बताया गया कि उनकी बेटी का MBBS में देखिले के लिए सरस्वती इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस में बात हो गई है. उसमें एडिमशन के लिए पेमेंट करना होगा. इसके बाद उन्होंने उनसे 6 लोगों के नंबर पर पैसे ट्रांसफर कराए गए. यही नहीं 8, 9 व 6 लाख के चेक भी लिए गए, जो कैश भी हो गए. पीड़ित के मुताबिक उनसे कुल 30 लाख रुपये लिए गए फिर भी दाखिला नहीं हुआ.

दो दिन पहले हुई थी 13 लाख की ठगी : इससे पहले लखनऊ के रहने वाले राकेश सिंह ने विभूतिखंड थाने में तहरीर दी थी कि उनकी बेटी ने MBBS दाखिले के लिए NEET का एग्जाम दिया था. जिसमें उसके कम नंबर आए थे. इसके बाद उनके पास कॅरियर हाइट्स कंसल्टेंसी एजेंसी से कॉल आई और अटल बाजपेयी मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराने का झांसा देकर 13 लाख रुपये ठग लिए गए. यही नहीं उन्हें एलॉटमेंट लेटर भी दे दिया गया. पीड़ित पिता राकेश जब अपनी बेटी के साथ मेडिकल कॉलेज पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उन्हें दिया गया एलॉटमेंट लेटर फर्जी है और उनके साथ ठगी हुई है. पीड़ित ने विभूतिखंड थाने में मुकदमा दर्ज कराया है.


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