मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर में लगातार दूसरी केस में सीबीआई फेल हुई है. एक में पांच तो दूसरे में दस लाख रुपये इनाम की घोषणा कर दी. खुशी अपहरण केस (Muzaffarpur Khushi kidnapping case ) में भी सीबीआई ने पोस्टर जारी करते हुई सटीक जानकारी देने वाले को पांच लाख रुपये पुरस्कार की घोषणा की है. इस घोषणा के साथ आमजन और पीड़ित परिवार के अरमानों पर एक बार फिर से पानी फिर गया है. सीबीआई की यह दूसरी केस है, जब मुजफ्फरपुर में कोई सुराग हाथ नहीं लगी हो और इनाम घोषित कर शहर में पोस्टर लगाया हो. इससे पूर्व चर्चित नवरुणा हत्याकांड में भी सीबीआई की टीम को मुंह की खानी पड़ी और दस लाख रुपये इनाम की घोषणा कर केस में आमली जमा पहना दिया गया था.
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सीबीआई ने इनाम देने की घोषणा कीः आमजन का कहना है कि देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी जब इस तरह खानापूर्ति करेगी तो फिर भरोसा किस पर किया जाए, लेकिन परिवार वाले ने अबतक अपनी उम्मीदे नहीं छोड़ी है. आज भी खुशी की मां अपनी मासूम के आने की राह देख रही है. लेकिन सीबीआई द्वारा जांच पड़ताल के क्रम में ही यह घोषणा करना पीड़ित परिवार पर किसी सदमे से कम नहीं है. खुशी फरवरी 2021 में गायब हुई थी.
2021 में हुआ था खुशी का अपहरणः मुजफ्फरपुर जिले के ब्रह्मपुरा से 7 वर्षीय खुशी को 16 फरवरी 2021 को अज्ञात लोगों द्वारा अगवा कर लिया गया था. पटना हाईकोर्ट के आदेश पर दिसंबर 2022 में सीबीआई ने इस केस को टेकओवर किया था और 22 दिसंबर को खुशी के अपहरण का एफआईआर दर्ज किया. खुशी को खोज निकालने में विफल सीबीआई ने उसका सुराग देने वाले को 05 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है. एसआईटी ने दो संदिग्ध का पॉलीग्राफ टेस्ट कराया. फिर भी खुशी का पता नहीं लग सका. मासूम बच्ची खुशी 2021 में तब गायब हो गई थी जब अपने घर के पास सरस्वती पूजा के पंडाल में परिजनों के साथ गई थी.
नवरुणा अपहरण कांड में खाली रह गए थे हाथः मुजफ्फरपुर में सीबीआई की यह दूसरी विफलता है. इससे पहले नवरुणा अपहरण कांड में भी CBI को सफलता हासिल नहीं हुई थी. कई सालों की जांच के बाद भी गुनाहगारों को एजेंसी नहीं पकड़ पाई. सातवीं की छात्रा नवरूणा चटर्जी का 17 सितम्बर 2012 किडनेपिंग हुआ था. इसमें कई बड़े सफेदपोशों पर आरोप लगा. करीब 08 साल की छानबीन के बाद सीबीआई इस कांड की गुत्थी नहीं सुलझा पाई तो 10 लाख ईनाम का इश्तेहार लगाकर अपनी नाकामी छुपाई थी.