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मुजफ्फरपुर जहरीली शराब कांड मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष के खिलाफ कोर्ट में केस दर्ज - death by alcohol

मुजफ्फरपुर जहरीली शराब कांड मामले में तत्कालीन एसएचओ के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दर्ज किया गया है. करजा थाना इलाके के रहने वाले मृत्युंजय कुमार ने थानाध्यक्ष के खिलाफ परिवाद दर्ज करवाया है. कोर्ट में इस मामले में 26 नवंबर को अगली सुनवाई होगी. पढे़ं पूरी खबर.

मुजफ्फरपुर जिला एवं सत्र न्यायालय
मुजफ्फरपुर जिला एवं सत्र न्यायालय
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Published : Nov 4, 2021, 1:49 PM IST

मुजफ्फरपुर: जिले के सरैया थाना क्षेत्र के रुपौली गांव (Rupauli Village) में जहरीली शराब से हुए आधा दर्जन लोगों की मौत के बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष रविंद्र कुमार यादव और सरैया थाना (Saraiya Police Station) में पदस्थापित अन्य पुलिसकर्मी के खिलाफ करजा थाना निवासी मृत्युंजय कुमार ने अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम पश्चिमी की अदालत में परिवाद दायर करवाया है.

ये भी पढ़ें:मुजफ्फरपुर जहरीली शराब कांड में दर्ज हुआ दो केस, 33 नामजद.. 6 को भेजा गया जेल

करजा निवासी मृत्युंजय कुमार ने बिहार मध्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 के तहत परिवाद दर्ज कराया है. इसके साथ ही उन्होंने यह आरोप लगाया है कि तत्कालीन थाना अध्यक्ष अवैध शराब कारोबारियों से गठजोड़ कर शराब कारोबारियों को बढ़ावा देकर अपने कर्तव्यों की अवहेलना कर बड़े पैमाने पर शराब की खरीद बिक्री करके मोटी रकम की अवैध कमाई करते रहे हैं. जिसके कारण 29 अक्टूबर को सरैया थाना क्षेत्र के रूपौली, विसरपट्टी, लक्ष्मीपुर, अरार, रघुनाथपुर गांव में जहरीली शराब के कारण दर्जनों लोगों की जान गई थी.

देखें वीडियो

परिवादी ने आरोप लगाया कि जिन पर बिहार मध्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम में वर्णित उपलब्धियों के आलोक में अवैध शराब कारोबारियों और शराब के नाजायज आमद और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का दायित्व है. वह इसे भूलकर लाभ के उद्देश्यों से अवैध शराब की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा देते रहे हैं. जिस शराब को पीने से सरैया थाना क्षेत्र में ऐसी घटना हुई है. इसके लिए तत्कालीन थानाध्यक्ष और थाना में तैनात पुलिस कर्मी पूर्णरूपेण जिम्मेवार हैं और कानूनी कार्रवाई के भागीदार भी हैं.

जिसके बाद माननीय न्यायालय ने उनके परिवाद को मंजूर करते हुए अगली सुनवाई की तिथि 26 नवंबर निर्धारित की है. आपको बताते चलें कि निवर्तमान जिला परिषद क्षेत्र संख्या 22 के जिला परिषद सदस्य कुंदन कुमार ने भी 2 नवंबर को डीएम प्रणव कुमार और एसएसपी जयंत कांत को एक पत्र देकर यह कहा था कि तत्कालीन सरैया थाना अध्यक्ष पर हत्या का मामला दर्ज करते हुए उनकी तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए. कुंदन कुमार ने यह आरोप लगाया था कि जब शराबबंदी है तो अवैध शराब उनके क्षेत्र में कैसे बिक्री हो रही है.

ये भी पढ़ें:जहरीली शराब से मौत का मामला: FSL की टीम ने लिया सैंपल, अबतक 3 गिरफ्तार

जिला परिषद सदस्य ने कहा कि थाना अध्यक्ष द्वारा दायित्व का निर्वहन सही तरीके से नहीं हो रहा था, जिस कारण ऐसी घटना हुई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर 48 घंटे के अंदर कार्रवाई नहीं होती है तो इलाके में चरणबद्ध तरिके से आंदोलन किया जाएगा. बता दें कि घटना के दूसरे दिन ही थाना अध्यक्ष और एक सब इंस्पेक्टर को एसपी जयंत कांत ने निलंबित कर दिया था.

मुजफ्फरपुर: जिले के सरैया थाना क्षेत्र के रुपौली गांव (Rupauli Village) में जहरीली शराब से हुए आधा दर्जन लोगों की मौत के बाद तत्कालीन थानाध्यक्ष रविंद्र कुमार यादव और सरैया थाना (Saraiya Police Station) में पदस्थापित अन्य पुलिसकर्मी के खिलाफ करजा थाना निवासी मृत्युंजय कुमार ने अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम पश्चिमी की अदालत में परिवाद दायर करवाया है.

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करजा निवासी मृत्युंजय कुमार ने बिहार मध्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम 2016 के तहत परिवाद दर्ज कराया है. इसके साथ ही उन्होंने यह आरोप लगाया है कि तत्कालीन थाना अध्यक्ष अवैध शराब कारोबारियों से गठजोड़ कर शराब कारोबारियों को बढ़ावा देकर अपने कर्तव्यों की अवहेलना कर बड़े पैमाने पर शराब की खरीद बिक्री करके मोटी रकम की अवैध कमाई करते रहे हैं. जिसके कारण 29 अक्टूबर को सरैया थाना क्षेत्र के रूपौली, विसरपट्टी, लक्ष्मीपुर, अरार, रघुनाथपुर गांव में जहरीली शराब के कारण दर्जनों लोगों की जान गई थी.

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परिवादी ने आरोप लगाया कि जिन पर बिहार मध्य निषेध एवं उत्पाद अधिनियम में वर्णित उपलब्धियों के आलोक में अवैध शराब कारोबारियों और शराब के नाजायज आमद और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का दायित्व है. वह इसे भूलकर लाभ के उद्देश्यों से अवैध शराब की प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा देते रहे हैं. जिस शराब को पीने से सरैया थाना क्षेत्र में ऐसी घटना हुई है. इसके लिए तत्कालीन थानाध्यक्ष और थाना में तैनात पुलिस कर्मी पूर्णरूपेण जिम्मेवार हैं और कानूनी कार्रवाई के भागीदार भी हैं.

जिसके बाद माननीय न्यायालय ने उनके परिवाद को मंजूर करते हुए अगली सुनवाई की तिथि 26 नवंबर निर्धारित की है. आपको बताते चलें कि निवर्तमान जिला परिषद क्षेत्र संख्या 22 के जिला परिषद सदस्य कुंदन कुमार ने भी 2 नवंबर को डीएम प्रणव कुमार और एसएसपी जयंत कांत को एक पत्र देकर यह कहा था कि तत्कालीन सरैया थाना अध्यक्ष पर हत्या का मामला दर्ज करते हुए उनकी तत्काल गिरफ्तारी होनी चाहिए. कुंदन कुमार ने यह आरोप लगाया था कि जब शराबबंदी है तो अवैध शराब उनके क्षेत्र में कैसे बिक्री हो रही है.

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जिला परिषद सदस्य ने कहा कि थाना अध्यक्ष द्वारा दायित्व का निर्वहन सही तरीके से नहीं हो रहा था, जिस कारण ऐसी घटना हुई है. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर 48 घंटे के अंदर कार्रवाई नहीं होती है तो इलाके में चरणबद्ध तरिके से आंदोलन किया जाएगा. बता दें कि घटना के दूसरे दिन ही थाना अध्यक्ष और एक सब इंस्पेक्टर को एसपी जयंत कांत ने निलंबित कर दिया था.

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