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पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के खिलाफ मुजफ्फरपुर कोर्ट में परिवाद दायर - case filed against Jeetan Ram Manjhi in Muzaffarpur

मांझी ने कहा था कि रात में थोड़ी सी शराब पीना काम करने वाले श्रमिकों के लिए संजीवनी के बराबर होता है, जो दिनभर कमर तोड़ मेहनत कर अपने घर लौटते हैं.

Muzaffarpur
जीतनराम मांझी
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Published : Feb 19, 2020, 8:26 AM IST

मुजफ्फरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर मुजफ्फरपुर न्यायालय के सीजेएम कोर्ट में परिवाद दर्ज किया गया है. ये मुकदमा उन पर शराब पीने वाले बयान के खिलाफ दर्ज हुआ है.

शराब के सेवन के लिए उकसाने के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर मुजफ्फरपुर कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया है. पूर्व सीएम के खिलाफ परिवाद को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख 28 फरवरी रखी गई है.

शराब पीने के लिए उकसाने का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी के शराब पीने वाला बयान मीडिया में आने के बाद मुजफ्फरपुर कोर्ट के अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने परिवाद दर्ज कराया. जिसमें उत्पाद अधिनियम की धारा 40 और भादवी की धारा 109 के तहत मामला दर्ज कराया गया है. बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री पर आरोप है कि उनके जरिए गरीब और दलित को शराब पीने के लिए उकसाया गया है, जबकि बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है.

बयान देते वकील अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह

ये भी पढ़ेंः बिहार: शराबबंदी विरोध के जरिए दलित वोट बैंक साधने की जुगत में जीतनराम मांझी!

क्या है मांझी का बयान
दरअसल पूर्व सीएम मांझी ने अपने एक बयान में कहा था कि रात में थोड़ी सी शराब पीना काम करने वाले श्रमिकों के लिए संजीवनी के बराबर होता है, जो दिन भर कमर तोड़ मेहनत कर अपने घर लौटते हैं. मांझी के इसी बयान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.

मुजफ्फरपुर: पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर मुजफ्फरपुर न्यायालय के सीजेएम कोर्ट में परिवाद दर्ज किया गया है. ये मुकदमा उन पर शराब पीने वाले बयान के खिलाफ दर्ज हुआ है.

शराब के सेवन के लिए उकसाने के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर मुजफ्फरपुर कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया है. पूर्व सीएम के खिलाफ परिवाद को स्वीकार करते हुए सुनवाई की तारीख 28 फरवरी रखी गई है.

शराब पीने के लिए उकसाने का आरोप
पूर्व मुख्यमंत्री मांझी के शराब पीने वाला बयान मीडिया में आने के बाद मुजफ्फरपुर कोर्ट के अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह ने परिवाद दर्ज कराया. जिसमें उत्पाद अधिनियम की धारा 40 और भादवी की धारा 109 के तहत मामला दर्ज कराया गया है. बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री पर आरोप है कि उनके जरिए गरीब और दलित को शराब पीने के लिए उकसाया गया है, जबकि बिहार में पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है.

बयान देते वकील अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह

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क्या है मांझी का बयान
दरअसल पूर्व सीएम मांझी ने अपने एक बयान में कहा था कि रात में थोड़ी सी शराब पीना काम करने वाले श्रमिकों के लिए संजीवनी के बराबर होता है, जो दिन भर कमर तोड़ मेहनत कर अपने घर लौटते हैं. मांझी के इसी बयान के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है.

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