मुजफ्फरपुर: प्रदेश में इस साल के अंत यानी अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने की संभावना है. इसको लेकर सभी सियासी दलों ने अभी से ही इसकी तैयारी शुरू कर दी है. बिहार के चुनाव को लेकर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई है. माना जाता है कि राजनीति की नब्ज को समझकर जितना बिहार के लोग वोट करते हैं, उसी रास्ते पर चलते हुए पूरा देश बाद में उसे अपनाता है. इस वजह से यह चुनाव बिहार में एनडीए गठबंधन के साथ-साथ भाजपा के लिए काफी अहम है.
इस चुनाव को लेकर भाजपा ने अभी से ही एड़ी-चोटी का जोड़ लगाना शुरू कर दिया है. इसी क्रम में जिले के आम्रपाली ऑडिटोरियम में भाजपा जिला कार्यालय समिति की बैठक की गई. कार्यक्रम का उद्घाटन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और आवास मंत्री सुरेश शर्मा ने संयुक्त रूप से किया.
'महागठबंधन नेतृत्व विहीन'
बैठक के बारे में भाजपा जिला प्रवक्ता ममता रानी ने कहा कि महागठबंधन में एकमत नहीं है. लोगों को विपक्ष पर भरोसा नहीं है. इस बैठक में कार्यकर्ताओं को कई अहम दिशा-निर्देश दिए गए. कार्यक्रम में केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही जनयोनाओं के बारे में लोगों को जानकारी देने के लिए कार्यकर्ताओं को विशेष रूप से जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश जारी किए गए है.
चुनावी तैयारी में सभी दल
गौरतलब है कि प्रदेश में इस साल विधानसभा चुनाव होने हैं. चुनाव के मद्देनजर एक ओर जहां राजद नेता तेजस्वी यादव बेरोजगारी यात्रा पर निकल पड़े हैं. तेजस्वी के इस यात्रा का पूरा तानाबाना बरोजगारी की समस्या पर रखा गया है. इससे साफ जाहिर है कि इस बार के चुनाव में राजद बिहार में बरोजगारी की समस्या को लेकर उतरने वाली है. वहीं, बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू प्रमुख नीतीश कुमार ने भी पटना के गांधी मैदान से कार्यकर्ता सम्मेलन का आयोजन कर चुनावी बिगुल फूंक दिया है. सीएम नीतीश ने अपने इस सम्मेलन से अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया.