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मुजफ्फरपुर में मनाया गया भैया दूज, बहनों ने भाई के दीर्घायु के लिए की प्रार्थना

त्रेता युग में सूर्य की पुत्री यमुना ने कार्तिक शुक्ल द्वितीय तिथि को अपने भाई के दीर्घायु के लिए गोधन कुट कर यमराज से आशीर्वाद प्राप्त किया था. वहीं परम्परा अबतक चली आ रही है.

भैया दूज
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Published : Oct 29, 2019, 1:22 PM IST

Updated : Oct 29, 2019, 1:28 PM IST

मुजफ्फरपुर: जिले में मंगलवार को भैया दूज का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर महिलाओं ने गोधन अन्न कूट कर भाइयों के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की. बहनों ने भाइयों की आरती उतार, उनके कलाई पर रुई के धागे भी बांधे.

भाई के स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए की प्रार्थना
स्थानीय महिलाओं ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि भैया दूज के दिन बहन के यहां भोजन करने से भाई को अमरत्व की प्राप्ति होती है. क्योंकि यमराज ने इसी दिन अपनी बहन के घर भोजन किया था. भैया दूज के अवसर पर महिलाओं ने निकटवर्ती चौराहे पर गोधन कुटकर अपने भाई के स्वास्थ्य और दीर्घायु होने के लिए यमराज से प्रार्थना की. वहीं, घर लौटने के बाद अपने-अपने भाईयों को बजरी खिला कर इस पर्व को मनाया.

भैया दूज पर बहनों ने भाई के दीर्घायु के लिए की प्रार्थना

यमुना ने यमराज से की थी कामना
कहा जाता है कि त्रेता युग में सूर्य की पुत्री यमुना ने कार्तिक शुक्ल द्वितीय तिथि को अपने भाई के दीर्घायु के लिए गोधन कुट कर यमराज से आशीर्वाद प्राप्त किया था. वहीं परम्परा अबतक चली आ रही है, जो भैया दूज के नाम से प्रचलित है.

मुजफ्फरपुर: जिले में मंगलवार को भैया दूज का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. इस अवसर पर महिलाओं ने गोधन अन्न कूट कर भाइयों के लिए सुख, शांति और समृद्धि की कामना की. बहनों ने भाइयों की आरती उतार, उनके कलाई पर रुई के धागे भी बांधे.

भाई के स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए की प्रार्थना
स्थानीय महिलाओं ने बताया कि ऐसी मान्यता है कि भैया दूज के दिन बहन के यहां भोजन करने से भाई को अमरत्व की प्राप्ति होती है. क्योंकि यमराज ने इसी दिन अपनी बहन के घर भोजन किया था. भैया दूज के अवसर पर महिलाओं ने निकटवर्ती चौराहे पर गोधन कुटकर अपने भाई के स्वास्थ्य और दीर्घायु होने के लिए यमराज से प्रार्थना की. वहीं, घर लौटने के बाद अपने-अपने भाईयों को बजरी खिला कर इस पर्व को मनाया.

भैया दूज पर बहनों ने भाई के दीर्घायु के लिए की प्रार्थना

यमुना ने यमराज से की थी कामना
कहा जाता है कि त्रेता युग में सूर्य की पुत्री यमुना ने कार्तिक शुक्ल द्वितीय तिथि को अपने भाई के दीर्घायु के लिए गोधन कुट कर यमराज से आशीर्वाद प्राप्त किया था. वहीं परम्परा अबतक चली आ रही है, जो भैया दूज के नाम से प्रचलित है.

Intro:भाई बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक भैया दूज का त्योहार मंगलवार को हर्षोल्लास के साथ मुज़फ्फरपुर में भी मनाया गया। भैया दूज के अवसर पर महिलाओं ने गोधन अन्न कूट कर सुख, शांति व समृद्धि की कामना की। बहनों ने भाइयों की आरती उतार, उनके कलाई पर रुई के धागे बांध उनके मंगल की कामना की। मान्यता है कि इस दिन बहन के यहां भोजन करने से भाई को अमरत्व की प्राप्ति होती है। यमराज ने इसी दिन अपनी बहन के घर पर भोजन किया था।Body:कार्तिक शुक्ल द्वितीया तिथि को भैया-दूज का त्यौहार श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाया गया। इस अवसर महिलाओं ने निकटवर्ती चौराहे पर गोधन कुटकर अपने भाई के स्वस्थ्य और दीर्घायु होने के लिए यमराज से प्रार्थना की। साथ ही महिलाओं के साथ गोधन कूटते वक्त परिवार के सुख समृद्धि व लोक कल्याण के लिए प्रार्थना की। वहीं, घर लौटने के बाद अपने-अपने भाईयों को बजरी खिला कर व हाथों में रूई का कलेवा बांध कर बज्र के समान शरीर मजबूत होने के साथ ही स्वस्थ्य और दीर्घायु होने की कामना की। लोकोक्ति के हिसाब से त्रेता युग में सूर्य की पुत्री यमुना के कार्तिक शुक्ल द्वितीय तिथि को ही भाई के दीर्घायु जीवन के लिए गोधन कुट कर यमराज से भाई के दीर्घायु जीवन के लिए आशीर्वाद प्राप्त किया था। वहीं परम्परा आदि काल से अबतक चली आ रही है।
Byte सुनैना देवी , ममता , रूपा कुमारी ,रूपम Conclusion:इस अवसर पर बहन के हाथ बना भोजन करने वाले लोगों को सुख समृद्धि और आरोग्य के दीर्घायु जीवन प्राप्त होता है। वहीं, भाई अपनी बहनों दान दक्षिणा देकर उसके सुख समृद्धि की कामना करती हैं।
Last Updated : Oct 29, 2019, 1:28 PM IST
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