मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में बाढ़ का खतरा बढ़ रहा है. यहां बागमती नदी के जलस्तर में शनिवार की सुबह से वृद्धि होने लगी है. अचानक जलस्तर में वृद्धि होने से बागमती नदी की दक्षिणी उपधारा में मधुवन प्रताप घाट पर बना चचरी पुल क्षतिग्रस्त हो गया. चचरी पुल के कई बांस बल्ले उखड़ गए. इस कारण दोपहिया वाहनों का आवागमन अवरुद्ध हो गया. अब अतरार घाट स्थित चचरी पुल पर भी दबाव बना हुआ है.
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चचरी पुल पर आवागमन बंद : जलस्तर में वृद्धि से भय के कारण बाइक सवारों ने चचरी पुल पर आवागमन बंद कर दिया है. इधर एक बार फिर लोगों को औराई से मुजफ्फरपुर जाने के लिए रुन्नीसैदपुर होकर 25 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी. वहीं दक्षिणी क्षेत्र के लोगों को प्रखंड मुख्यालय जाने के लिए 5 किलोमीटर की जगह 20 किलोमीटर की दूरी तय करनी होगी. वहीं बागमती में जलस्तर बढ़ने के कारण सीमावर्ती क्षेत्रों में नदी के किनारे वाले इलाके में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं. बागमती नदी के पेटी वाले इलाके अब जलमग्न हो चुके हैं.
स्थिति पर प्रशासन बनाए हुए है नजर : अगर बागमती नदी खतरे के निशान को पार कर जाती है तो अच्छी खासी आबादी मुजफ्फरपुर के औराई और कटरा इलाके में बाढ़ से प्रभावित हो जाएगी. पूरे मामले में पूछे जाने पर एसडीओ पूर्वी ज्ञान प्रकाश ने बताया कि बाढ़ ग्रस्त औराई और कटरा इलाके के लिए प्रशासनिक स्तर से हर संभव तैयारी पूरी कर ली गई है. कुछ जगह पर युद्ध स्तर पर तैयारी चल रही है. स्थानीय नाविकों से जो नाव का करार होता है, वह भी कर लिया गया है. ताकि बाढ़ के समय इस क्षेत्र के लोगों को आने जाने में कोई कठिनाई ना हो .
बाढ़ की तैयारी है पूरी : एसडीओ ने कहा कि ऊंचे स्थानों पर जहां बाढ़ ग्रस्त इलाकों के लोग शरण लेते हैं. उस जगह भी प्रशासन की टीम लगातार नजर बनाई हुई है. किसी प्रकार की अब तक बहुत ज्यादा परेशानी नहीं है. नदी का जो पेटी वाला इलाका है, वहां चूंकि पानी ज्यादा बढ़ गया है. इस कारण जो लोग नीचे स्तर में रहते हैं. उनको थोड़ी परेशानी हुई है. फिलहाल बागमती खतरे के निशान से नीचे है. प्रशासन की टीम इस क्षेत्र में अपनी नजर बनाए हुए है. स्थानीय स्तर पर प्रशासन की टीम को विजिट करते रहने का भी निर्देश दिया गया है.
"बाढ़ ग्रस्त औराई और कटरा इलाके के लिए प्रशासनिक स्तर से हर संभव तैयारी पूरी कर ली गई है. कुछ जगह पर युद्ध स्तर पर तैयारी चल रही है. स्थानीय नाविकों से नाव का करार कर लिया गया है. ऊंचे स्थानों पर जहां बाढ़ ग्रस्त इलाकों के लोग शरण लेते हैं. उस जगह भी प्रशासन की टीम लगातार नजर बनाई हुई है" - ज्ञान प्रकाश, एसडीओ पूर्वी