मुजफ्फरपुर : क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है लेकिन पिच अगर सियासी हो तो ये अनिश्चितता कई गुना बढ़ जाती है. जिस बेबी कुमारी ने कुछ साल पहले अमर पासवान (Baby kumari Amar Paswan ) को मेडल पहनाकर सम्मानित किया, वही 7 साल बाद उनके लिए जीत का 'उपहार' बन गया. बेबी कुमारी ने कभी सपने में भी नहीं सोचा होगा कि जिस अमर पासवान को वो मेडल से सम्मानित कर रहीं हैं वही लड़का सात साल बाद उनकी सियासी जमीन ही पलट देगा. ये बदलाव सिर्फ बेबी कुमारी की सियासत में भूचाल लेकर नहीं आया, बल्कि ये तूफान बन चुका है NDA में घमासान का. महागठबंधन की किस्मत भी इसी मेडल की तरह चमकी है. तेजस्वी का भी क्रिकेट से नाता रहा है और इस विराट जीत से अमर पासवान भी सियासी खिलाड़ी बनकर उभरे. एक तरफ से तेजस्वी की बल्लेबाजी और दूसरे छोर से अमर पासवान की बैटिंग ने बेबी कुमारी को सियासी पिच से आउट कर दिया.
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2015 में किया था मेडल से सम्मानित : लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव राजनीति में आने से पहले वो एक क्रिकेटर थे. मैच के लाइव टेलीकास्ट में कई बार वो कैमरे पर स्पॉट भी हुए हैं. तेजस्वी यादव क्रिकेटर के तौर पर आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स टीम का हिस्सा थे. अमर पासवान भी क्रिकेट में रुचि रखते हैं. राजनीति में आने से पहले अमर पासवान स्कूल और कॉलेज स्तर पर कई बार टूर्नामेंट खेल चुके हैं, ढेर सारे इनाम भी जीत चुके हैं. इसी दौरान आयोजकों की ओर से 2015 में बेबी कुमारी ने अमर पासवान को बेहतरीन परफॉर्मेंस के लिए मेडल दिया था. 2015 में तब बेबी कुमारी बोचहां की विधायक थीं.
अमर पासवान की प्रचंड जीत: बता दें कि बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha assembly by election result )में राष्ट्रीय जनता दल के अमर पासवान की जीत हुई. अमर पासवान 36 हजार से ज्यादा वोटों से जीत दर्ज की है. 25 राउंड की मतगणना में अमर पासवान को 82547, बीजेपी की बेबी कुमारी को 45889, वीआईपी की गीता कुमारी को 29276, कांग्रेस के तरुण चौधरी को 1336 और नोटा को 2966 वोट मिले थे. अमर पासवान ने इसे पूरी तरह से जनता की जीत बताया तो वहीं तेजस्वी का कहना है कि जनता ने डबल इंजन की सरकार को हरा दिया.
मेडल पहनाते हुए हो रही फोटो वायरल: अब यही फोटो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. लोग इसपर खूब कमेंट भी कर रहे हैं. समय कब किसका पलट जाए ये कहा नहीं जा सकता. इस पिक्चर को देखकर ये बात साबित होती है कि किसकी कब किस्मत चमक जाए और कब कोई अर्श से फर्श पर पहुंच जाए कहा नहीं जा सकता. क्रिकेट की तरह राजनीति भी अनिश्चितताओं भरा है.
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