पटना/मुजफ्फरपुर: मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत आत्महत्या मामले में दायर परिवाद को मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने अपने क्षेत्राधिकार से बाहर बताते हुए खारिज किया था. इस फैसले को वरीय अधिवक्ता सुधीर ओझा ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में चुनौती दी है. जिसे अदालत ने मंजूर करते हुए इस मामले में सुनवाई 18 अगस्त को करेगी. मुजफ्फरपुर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में इस फैसले को चुनौती देते हुए अधिवक्ता सुधीर ओझा ने कहा कि इस मामले में अदालत ने जिस क्षेत्राधिकार का हवाला देकर खारिज किया था. जो कि बिल्कुल भी तर्कसंगत नहीं है.
दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह आत्महत्या मामले में मुजफ्फरपुर सीजेएम कोर्ट में अधिवक्ता सुधीर ओझा ने परिवाद दायर करते हुए मुबई के फ़िल्म इंडस्ट्री से जुड़े कुछ प्रमुख फिल्म निर्देशकों,अभिनेता सलमान खान और रिया चक्रवर्ती समेत आठ को लोगों को आरोपी बनाया था. लेकिन अदालत ने इस मामले को क्षेत्राधिकार से बाहर बताते हुए आठ जुलाई को खारिज कर दिया था. सुशांत सिंह राजपूत केस की सीबीआई जांच कराने को लेकर राज्य सरकार ने अनुशंसा की है. ऐसे में सबकी निगाहें निगाहें सुप्रीम कोर्ट पर लगी हुई है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन के बाद अब जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन ने कहा है कि सुशांत मामले में सीबीआई को जांच का आदेश जल्द मिले.
मुंबई पुलिस की कार्यशैली पर सवाल
राजीव रंजन ने कहा कि बिहार की तरफ से हलफनामा दर्ज हुआ है. एक एफआईआर दर्ज हुआ है. जो तथ्य है, वह काफी महत्वपूर्ण है.उन्होंने कहा कि मुंबई पुलिस की कार्यशैली से लगता है कि दिवंगत अभिनेता को इंसाफ दिलाने में दिलचस्पी नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान समय में यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में है. जेडीयू नेता ने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि सीबीआई को सुशांत मसले पर जल्दी ही इजाजत मिल जाएगी. हालांकि यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट को लेना है.