मुंगेर: मुंगेर जिले के तारापुर विधानसभा सीट (Tarapur Assembly Seat) से जदयू के विधायक रहे पूर्व मंत्री मेवालाल चौधरी (Former Minister Mevalal Chowdhury) की इसी साल अप्रैल में कोरोना से मौत हो गयी थी. उनकी मौत के बाद यह सीट अभी खाली है और आने वाले समय में चुनाव आयोग (Election Commission) कभी भी चुनाव कराने की घोषणा कर सकता है. आने वाले चुनाव को देखते हुए तारापुर विधानसभा में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गयी हैं. हालांकि पूर्व मंत्री मेवालाल के दोनों बेटे विदेश में रह रहे हैं. उनकी वापसी की उम्मीद न के बराबर है, ऐसे में उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, इस पर सभी की निगाहें टिकी हुई है. वहीं, जदयू इस मामले में अपने पत्ते अभी नहीं खोल रही है. लेकिन जिताऊ उम्मीदवार की तलाश में है.
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बता दें कि पूर्व विधायक मेवालाल चौधरी के दोनों पुत्र विदेश में हैं. अभी तक उन्हें राजनीति से कोई लेना-देना नहीं हैं. गुरुवार को मुख्यमंत्री उनके पिता को श्रद्धांजलि देने उनके घर पहुंचे तब भी उनके बेटे वहां आना मुनासिब नहीं समझे. इससे तो यही प्रतीत होता है कि उनके पुत्र राजनीति में नहीं आने वाले हैं और न ही उनके राजनीतिक उत्तराधिकारी बनेंगे. तारापुर में मेवालाल चौधरी का उत्तराधिकारी कौन होगा.
इसके लिए उत्तराधिकारी की खोज बीते एक महीने में जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह, उपेंद्र कुशवाहा सहित आधा दर्जन से अधिक मंत्री तारापुर विधानसभा के अलग-अलग क्षेत्र में आकर कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर उत्तराधिकारी के रूप में फीडबैक ले रहे हैं. पिछले दिनों भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी ने भी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की थी और कहा था कि परीक्षा से पहले होमवर्क जरूरी है. मैं कार्यकर्ताओं के साथ होमवर्क कर रहा हूं.
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तारापुर विधानसभा के दिग्गज नेता के तौर पर शकुनी चौधरी जाने जाते हैं. शकुनी चौधरी के बड़े बेटे सम्राट चौधरी बिहार सरकार के पंचायती राजमंत्री के पद पर काबिज हैं और भाजपा के विधान परिषद सदस्य हैं. इसके अलावा उनके छोटे बेटे रोहित चौधरी वर्तमान में राजनीति में काफी सक्रिय हैं और वह भाजपा से जुड़े हैं. वह पिछले 2 महीने से लगातार क्षेत्र का दौरा भी कर रहे हैं. रोहित चौधरी शायद चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं, लेकिन उनका जदयू से दूर-दूर तक नाता नहीं है.
मेवालाल चौधरी कुर्मी समाज से आते थे. तारापुर में कुर्मी जाति के वोटरों की संख्या अधिक है. ऐसे में तारापुर विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी रह चुके जदयू के राजीव सिंह जो कि कुशवाहा बिरादरी से हैं. जदयू उन पर दांव लगा सकती है. इसके अलावा भी कई नाम हैं चर्चा में हैं, जो सीएम नीतीश कुमार के दरबार में लगातार हाजिरी लगा रहे हैं. विश्वास सूत्रों की माने तो नीतीश कुमार ने तारापुर विधानसभा में उम्मीदवार चयन के लिए मंत्री अशोक चौधरी को नियुक्त किया है.
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गुरुवार को सीएम नीतीश कुमार ने मेवालाल चौधरी की श्रद्धांजलि सभा के बाद बताया कि उनसे बहुत निकट संबंध था. वह विद्वान व्यक्ति थे, सबौर कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति भी थे. कोरोना के कारण हम यहां नहीं आ पाए. मेरे इस यात्रा को विधानसभा उपचुनाव से ना देखा जाए. संभावना है कि जल्द विधानसभा उपचुनाव तो होगा.
नेशनल हाउसिंग बोर्ड के चेयरमैन और जदयू के कद्दावर नेता विजय सिंह का कहना है कि तारापुर विधानसभा जदयू की परंपरागत सीट है. उपचुनाव की घोषणा होने पर, जल्द ही उम्मीदवार के नाम की घोषणा होगी.
वहीं, चर्चा में दो बार तारापुर विधानसभा से जदयू के टिकट पर किस्मत आजमा चुके राजीव चौधरी का नाम सबसे आगे चल रहा है. उनका कहना है कि पार्टी का सच्चा सिपाही हूं. अगर जिम्मेवारी दी जाती है, तो मैदान में फतह हासिल करूंगा. फिलहाल अभी कुछ भी फाइनल नहीं है.